कमर से लेकर पैरों तक में मजबूती लाता है हनुमान आसन, जानें इसे करने की विधि और फायदे

कोरोना के इस दौर में शरीर को स्वस्थ रखने के लिए घर पर योग करके खुद को स्वस्थ रखें। हनुमान आसन करने से पूरा शरीर लचीला रहता है।
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कमर से लेकर पैरों तक में मजबूती लाता है हनुमान आसन, जानें इसे करने की विधि और फायदे


कोरोना वायरस के साथ दुनिया एक बार फिर योग की ओर लौट रही है। तमाम मेडिकल साइंस के बावजूद आज दुनिया एक बार फिर हल्दी, काढ़ा आदि की ओर लौट रही है। आज भारत के कई राज्यों में आंशिक व पूर्ण रूप से लॉकडाउन लगा हुआ है। लोगों को घर से बाहर निकलने की अनुमति नहीं है। ऐसे में सेहत का ख्याल रखने के लिए लोग घर पर ही योग आदि कर रहे हैं। आज के इस लेख में इनोसेंस योगा की योग एक्सपर्ट भोली परिहार बता रही हैं हनुमान आसन के बारे में। हनुमान आसन को हम स्प्लिट आसन (Split asana), मर्कटासन (markatasan), मंकी पोज (Monkey pose) आदि नामों से भी जानते हैं। कोरोना के इस दौर में खुद को स्वस्थ रखने के लिए हनुमान आसन बहुत जरूरी आसन है। इस आसन में हम शरीर को बंदर की तरह खोलने के प्रयास किया जाता है। दूसरा हनुमान जी ने समुद्र तट से श्रीलंका तक छलांग लगाई थी, उसी छलांग पर यह आसन बना है। भोली परिहार का कहना है कि यह आसन करना बहुत आसान नहीं है। इसे करने के लिए थोड़े प्रयास करने पड़ते हैं।

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हनुमान आसन करने से पहले की तैयारी

इनोसेंस योगा की योग एक्सपर्ट भोली परिहार का कहना है कि हनुमान आसन (monkey pose) करने से पहले वॉर्मअप जरूरी है। इस वॉर्मअप में आप वीरभद्रासन एक और वीरभद्रासन दो, अश्वसंचालन, अंजने आसन आदि कर सकते हैं। इससे आपके हिप जॉइंट खुलते हैं। यह आसन मांसपेशियों को ढीला करता है। ये वॉर्मअप 15 सेकेंड तक करने हैं। इसके बाद हनुमान आसन करना है।

हनुमान आसन करने के फायदे

हनुमान आसन एडवांस लेवल का है। इसे करने के लिए शरीर का लचीला होना जरूरी है। अगर ऐसा नहीं है तो शरीर को लचीला बनाया जाता है। इस आसन को करने से निम्न फायदे होते हैं।

नितंबों को मजबूती (Strong Hips)

वर्क फ्रॉम होम के चलते लोगों को ज्यादा समय काम करना पड़ रहा है। ऐसे में लंबे समय बैठे रहते हैं। देर तक बैठने से नितंबों में दर्द की समस्या हो रही है। तो वहीं, डेड बट सिंड्रोम (Dead Butt syndrome) की समस्या हो रही है। इस समस्या में ज्यादा देर बैठने से नितंबों में सुन्नपन हो जाता है। साइड स्प्लिट आसन करने से नितंब मजबूत होते हैं। दर्द व सुन्नपन से आराम मिलता है।

कमर को मजबूती

बार-बार यह आसन करने से नितंब तो मजबूत होते ही हैं साथ ही कमर को भी मजबूती मिलती है। कमर में दर्द व अकड़न की समस्या से निजात मिलती है। तो वहीं, लोअर बैक पेन में भी आराम मिलता है। नितंब और कमर दोनों इस आसन को करने से ठीक रहते हैं।

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शरीर में लचीलापन

योग शरीर को लचीला बनाता है। आप कोई भी काम आराम से कर पाते हैं। हनुमान जी को सबसे लचीले भगाना माना जाता है। वे स्वभाव में जितने लचीले थे उतने ही शरीर से। उनका शरीर कहीं भी छलांग मार कर पहुंच जाता था। उनका यह हनुमान आसन भी शरीर को लचीला बनाता है। इस आसन को करने से शरीर की मांसपेशियां खुलती हैं। जिससे शरीर लचीला बनता है।

पैरों को ताकत

मंकी पोज करते समय सारा काम पैरों का होता है। अगर पैरों का बैलेंस बन गया तो समझो आसन हो गया। हनुमान आसन करने से पैरों को बल मिलता है। उनमें मजबती आती है। इस आसन को करने से केवल पैर ही नहीं बल्कि हिप जॉइंट, घुटने और जंघाओं को भी मजबूती मिलेगी। शरीर के निचले हिस्से पर यह आसन अच्छा काम करता है। 

गुप्त रोगों में फायदेमंद

मंकी पोज या साइड स्प्लिट करने से शरीर का निचला हिस्सा मजबूत होता है। इससे पैर, जांघें और घुटने सभी मजबूत होते हैं। इसके अलावा गुप्त रोगों में भी यह आसन बहुत लाभकारी है। बहुत से लोगों को यूरीन से संबंधिति तमाम परेशानियां होती हैं। बहुत से लोग पेशाब कंट्रोल नहीं कर पाते। ऐसे में उन्हें बार-बार पेशाब करने जाना होता है। इस आसन करने से इन परेशानियों से निजात मिलती है। यह आसन हमारी मांसपेशियां को स्ट्रेच करता है। हमारा मांसपेशियों से जो कंट्रोल हट चुका होता है उसे यह आसन वापस लाता है। जिस वजह से आप अपना यूरीन कंट्रोल कर पाते हैं। तो वहीं अन्य गुप्त रोग भी समाप्त होते हैं।

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हनुमान आसन करने का तरीका

  • -मैट पर दोनों पैरों को खोलकर पैरों में गैप कर लें
  • -अब अपनी पूरी बॉडी को बाईं ओर घुमाएं।
  • -दोनों हाथ आपके अगल-बगल में रहेंगे।
  • -दोनों पैरों को जितना हो सके खोलते जाएं, बायां पैर बाईं तरफ आगे की ओर जाएगा, दायां पैर पीछे से पीछे की तरफ जाएगा, इसी अवस्था में अपनी दोनों जंघाओं के नीचे वाले हिस्से को जमीन से स्पर्श कर दें।
  • -दोनों हाथों को नमस्कार मुद्रा में छाती के पास रखें। 
  • -कुछ देर हनुमान आसन में बने रहने का प्रयास करें।
  • -यदि आपको ज्यादा असहजता हो रही है तो इस आसन को कुछ सेकेंड के लिए होल्ड करें। फिर वापस आ जाएं। 
  • -इस क्रिया को 10 से 15 बार करें। ताकि आपकी जंघाएं और हिप्स खुल जाएं और आप इस आसन को कर पाएं।
  • -दोनों हाथों का अगल-बगल से सहारा लेते हुए वापस आ जाएं।
  • -अब हनुमान आसन को दूसरे पैर से करने का प्रयास करें।
  • -कुछ समय होल्ड करके वापस आ जाएं।
  • -दोनों पैरों को विश्राम दें और कुछ देर विश्राम करें।

सावधानियां

हनुमान आसन एडवांस पोज है। इसलिए इस आसन को करते समय कई सावधानियां बरतनी पड़ती हैं। इन सावधानियों को ध्यान में रखकर योगासन करेंगे तो इस आसन के साइड इफैकट से बच पाएंगे। 

  • -जिन लोगों को घुटनों में दिक्कत है, वे इस आसन को न करें।
  • -साथ ही साथ जिन लोगों को हिप्स में इंजरी है वे भी इस आसन को न करें।
  • -जिनको सियाटिका की दिक्कत है, वे भी इस आसन को बिल्कुल न करें।
  • -यदि आपका शरीर लचीला नहीं है तो इस आसन को किसी की देखरेख में करें। 

हनुमान जी का शरीर जिस तरह लचीला और निरोगी था ठीक वैसे ही हनुमान आसन है। इस आसन को करने से पूरा शरीर स्वस्थ रहता है। जो लोग लंबे समय बैठकर काम करते हैं, उनके लिए तो यह आसन रामबाण है। इस आसन को सावधानियों के साथ आप घर पर ही कर सकते हैं।

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