
क्या आपने कभी गौर किया है कि जब आप घंटों तक एक ही पोजीशन में बैठे रहते हैं, चाहे वह ऑफिस की सीट हो, घर का सोफा हो या फिर बेड पर लेटकर मोबाइल चलाना तो अचानक उठते ही शरीर अजीब-सा भारी महसूस होने लगता है? जैसे किसी ने पैरों में रेत भर दी हो, कमर किसी बोझ को ढो रही हो और पूरा शरीर अपनी ही रफ्तार पकड़ने में समय ले रहा हो। यह अनुभव इतना आम है कि लगभग हर उम्र का व्यक्ति इसे महसूस करता है, लेकिन इसकी वजहें उतनी सामान्य नहीं हैं जितनी हम सोचते हैं। मॉडर्न लाइफस्टाइल में हमारा शरीर हाइपर-इनएक्टिव होता जा रहा है। सुबह की नींद खुलते ही मोबाइल, दिन में लैपटॉप और रात को फिर मोबाइल, हमारा दिन स्क्रीन और कुर्सी के दायरे में घूम रहा है। इस लेख में पारस हेल्थ, गुरुग्राम के इंटरनल मेडिसिन विभाग के एचओडी, डॉ आरआर दत्ता (Dr. RR Dutta, HOD, Internal Medicine, Paras Health, Gurugram) से जानिए, लंबे समय तक बैठे रहने से शरीर भारी क्यों लगता है?
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लंबे समय तक बैठे रहने से शरीर भारी क्यों लगता है? - Why Body Feels Heavy After Long Inactivity
डॉ आरआर दत्ता बताते हैं कि जब आप लंबे समय तक बिना हिले-डुले बैठे रहते हैं, तो शरीर में ब्लड फ्लो धीमा होने लगता है। खासकर पैरों और पीठ के निचले हिस्से में ब्लड सर्कुलेशन काफी कम हो जाता है। धीमी सर्कुलेशन के कारण मांसपेशियों को मिलने वाला ऑक्सीजन कम हो जाता है, परिणामस्वरूप मांसपेशियों में स्टिफनेस, हैवीनेस और हल्का दर्द महसूस होता है। इसी वजह से ऑफिस में 8-9 घंटे बैठकर काम करने वालों में यह एक आम शिकायत है।
1. मांसपेशियों का इनएक्टिव होना
हमारी मांसपेशियां तभी एक्टिव रहती हैं जब वे चलती-फिरती हैं। जब शरीर को लंबे समय तक आराम की स्थिति में रखा जाता है, तो मांसपेशियों की एक्टिविटी बहुत कम हो जाती है जिससे हैवीनेस और खिंचाव जैसा महसूस होने लगता है। यह स्थिति उनके लिए और भी अधिक होती है जो नियमित रूप से एक्सरसाइज नहीं करते या जिनका काम केवल बैठने पर आधारित है।
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2. लसीका तंत्र (Lymphatic System) का धीमा होना
लसीका तंत्र शरीर से वेस्ट और टॉक्सिन को बाहर निकालने का काम करता है। इसकी खास बात यह है कि यह हार्ट की तरह खुद पंप नहीं करता, इसे पंप करने का काम शरीर की मूवमेंट करती हैं। जब आप लंबे समय तक नहीं चलते, तो lymphatic flow धीमा हो जाता है और शरीर में फ्लूड रुकने लगता है, जिससे हैवीनेस, पफीनेस और सूजन जैसा महसूस हो सकता है। खासतौर पर पैरों और टांगों में यह प्रभाव ज्यादा दिखता है।
3. ज्वाइंट्स में समस्या
इनएक्टिविटी या लगातार बैठने से ज्वाइंट्स में synovial fluid का प्रवाह कम हो जाता है। यह फ्लूड ही हमारे जोड़ों को स्मूद तरीके से चलाने में मदद करता है। लंबे समय तक निष्क्रियता के बाद ज्वाइंट्स ड्राई और स्टिफ महसूस होते हैं, जिससे उठते समय भारीपन और दर्द बढ़ता है। यह समस्या बढ़ती उम्र, मोटापा और अर्थराइटिस वाले लोगों में ज्यादा देखने को मिलती है।
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4. मेटाबॉलिज्म धीमा होना
लंबे समय तक इनएक्टिविटी मेटाबॉलिज्म को धीमा कर देती है। इसका मतलब है कि शरीर की एनर्जी बर्निंग क्षमता कम हो जाती है। जब मेटाबॉलिज्म होता है, तो हैवीनेस बढ़ जाती है। यह प्रभाव खासकर भोजन के बाद इनएक्टिविटी में अधिक होता है, जैसे लंच के बाद घंटों बैठे रहना।
5. मानसिक थकान
आप भले ही शारीरिक रूप से निष्क्रिय हों, लेकिन मानसिक रूप से ओवरलोडेड हों तो भी शरीर भारी महसूस होता है। स्ट्रेस या एंग्जायटी से शरीर के मसल्स लगातार हल्के तनाव में रहते हैं और इनएक्टिविटी इस हैवीनेस को और बढ़ा देती है। यही कारण है कि लंबे समय तक बिना एक्टिविटी के रहने पर भी आप थकान महसूस करते हैं।
लंबे समय तक बैठने के प्रभाव और समाधान
| कारण | क्या होता है | किसे अधिक जोखिम | लक्षण | समाधान |
| ब्लड फ्लो कम होना | मसल्स स्टिफनेस | ऑफिस वर्कर्स | भारीपन और दर्द | 30 मिनट में वॉक |
| लसीका प्रवाह धीमा | सूजन | लंबे समय तक बैठे रहने वाले | पैरों में हैवीनेस | एंकल रोटेशन |
| ज्वाइंट fluid कम | स्टिफनेस | उम्रदराज लोग | जकड़न | स्ट्रेचिंग |
| धीमा मेटाबॉलिज्म | सुस्ती, थकान | ओवरवेट लोग | थकान | भोजन बाद वॉक |
| मानसिक तनाव | मसल टेंशन | हाई-स्टेस जॉब | मानसिक हैवीनेस | डीप ब्रीदिंग |
डॉक्टर की सलाह
डॉ आरआर दत्ता बताते हैं कि इस समस्या से बचने के लिए वॉक, स्ट्रेचिंग या बस कुछ कदम चल लेना भी ब्लड फ्लो को बेहतर बनाता है। इसके अलावा आप डीप ब्रीदिंग करें, यह ऑक्सीजन फ्लो बढ़ाकर हैवीनेस को कम करता है। साथ ही फुट मूवमेंट और एंकल रोटेशन भी मददगार हो सकती है, खासकर उन लोगों के लिए जो घंटों बैठे रहते हैं।
निष्कर्ष
लंबे समय तक इनएक्टिव रहने के बाद शरीर में हैवीनेस महसूस होना सामान्य है, लेकिन इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। यह शरीर का संकेत है कि उसे नियमित मूवमेंट और सही ब्लड सर्कुलेशन की जरूरत है। छोटे-छोटे लाइफस्टाइल में बदलाव, जैसे हर 30 मिनट में उठना, स्ट्रेचिंग करना और सही पॉश्चर से यह हैवीनेस बहुत हद तक कम किया जा सकता है और शरीर एनर्जेटिक बना रहता है।
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Nov 18, 2025 13:02 IST
Published By : Akanksha Tiwari