क्या आपने कभी सुबह उठते ही महसूस किया है कि आपके घुटने, कंधे या कमर ठीक से हिल नहीं पा रहे? जैसे शरीर किसी जंजीर से बंध गया हो? यही एहसास कहलाता है जोड़ों की जकड़न। यह समस्या सिर्फ बुजुर्गों तक सीमित नहीं रही, बल्कि आजकल 35-45 की उम्र में भी लोग जकड़न यानी स्टिफनेस की शिकायत करने लगे हैं। लंबे समय तक ऑफिस में बैठकर काम करना, फिजिकल एक्टिविटी की कमी, पोषण की कमी और बदलती लाइफस्टाइल इसके बड़े कारण बनते जा रहे हैं। जोड़ों की जकड़न यानी stiffness न सिर्फ आपके रोजमर्रा के कामकाज को प्रभावित करती है, बल्कि आपकी लाइफस्टाइल और मानसिक स्थिति पर भी असर डालती है।
लगातार जोड़ों में जकड़न रहने से व्यक्ति चिड़चिड़ापन महसूस करता है और धीरे-धीरे यह समस्या क्रॉनिक पेन का रूप ले सकती है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या योग से जोड़ों की जकड़न में राहत मिलती है और इसके लिए जोड़ों की जकड़न के लिए योग आसन कौन से हैं? इस बारे में ज्यादा जानकारी के लिए हमने, दिल्ली में स्थित वेदांत योग फाउंडेशन के फाउंडर, योग गुरु ओम प्रकाश (Yoga Guru Om Prakash, Founder of Vedanta Yoga Foundation, Delhi) से बात की-
क्या योग से जोड़ों की जकड़न में राहत मिलती है? - Will Yoga Help Joint Stiffness
योग गुरु ओम प्रकाश बताते हैं कि जोड़ों में जकड़न होने के कई कारण हो सकते हैं। उम्र बढ़ने के अलावा अर्थराइटिस, मोटापा, चोट, कैल्शियम की कमी, डिहाइड्रेशन और लंबे समय तक बैठे रहना जकड़न के प्रमुख कारण हैं। बदलते मौसम, खासकर ठंड में, जकड़न और ज्यादा महसूस होती है। ऐसे में योग शरीर को लचीला बनाने के साथ-साथ ज्वाइंट्स में ब्लड सर्कुलेशन बढ़ाता है। इससे stiffness यानी जकड़न कम होती है और दर्द व सूजन में राहत मिलती है। रिसर्च से भी पता चला है कि योग करने से हड्डियों और मांसपेशियों पर दबाव कम पड़ता है और मोबिलिटी बढ़ती है।
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जकड़न कम करने वाले असरदार आसन - Yoga to reduce stiffness
1. ताड़ासन - Mountain Pose
यह आसन शरीर को सीधा खड़ा रखकर किया जाता है, इससे रीढ़ की हड्डी सीधी होती है और पैरों व घुटनों के ज्वाइंट्स एक्टिव रहते हैं। यह आसन जकड़न कम करने के लिए बहुत आसान और असरदार है।
2. त्रिकोणासन - Triangle Pose
त्रिकोणासन से हिप, घुटनों और टखनों की जकड़न में राहत मिलती है। यह आसन शरीर की लचक को बढ़ाता है और जोड़ों में जकड़न को धीरे-धीरे कम करता है।
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3. पश्चिमोत्तानासन - Paschimottanasana
इस आसन से रीढ़ की हड्डी और पैर के ज्वाइंट्स पर स्ट्रेच पड़ता है। इससे ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है और जकड़न धीरे-धीरे कम होती है।
4. मकरासन - Crocodile Pose
यह रिलैक्सिंग योगासन है, जो ज्वाइंट्स पर दबाव को कम करता है और मांसपेशियों को ढीला करता है। अर्थराइटिस वाले लोगों के लिए यह आसन काफी फायदेमंद माना जाता है।
5. वज्रासन - Thunderbolt Pose
भोजन के बाद किया जाने वाला यह आसान आसन घुटनों और एंकल ज्वाइंट्स को लचीला बनाए रखने में मदद करता है। शुरुआत में थोड़ी परेशानी हो सकती है, लेकिन धीरे-धीरे ज्वाइंट्स की जकड़न कम होती है।
एक्सपर्ट की सलाह
योग गुरु ओम प्रकाश मानते हैं कि नियमित योगासन, संतुलित आहार और हल्की वॉक मिलकर ज्वाइंट्स की जकड़न को काफी हद तक कम कर सकते हैं। योगासन न सिर्फ फ्लेक्सिबिलिटी बढ़ाते हैं बल्कि शरीर के अंदर lubricating fluid को एक्टिव करते हैं, जिससे ज्वाइंट्स की मोबिलिटी बेहतर होती है।
निष्कर्ष
जोड़ों की जकड़न को पूरी तरह नजरअंदाज करना सही नहीं है, क्योंकि समय रहते ध्यान न देने पर यह गंभीर बीमारी में बदल सकती है। ऐसे में नियमित योगासन करना जकड़न से बचने का एक सुरक्षित और नेचुरल तरीका है। हालांकि अगर जकड़न लंबे समय तक बनी रहे या दर्द असहनीय हो, तो डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है।
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FAQ
क्या बुजुर्ग लोग भी योगासन कर सकते हैं?
बुजुर्ग लोग भी योगासन कर सकते हैं, लेकिन उन्हें हल्के-फुल्के आसनों से शुरुआत करनी चाहिए। कठिन आसनों से बचना चाहिए और योग प्रशिक्षक या डॉक्टर की सलाह लेकर ही अभ्यास करना बेहतर है।योग कितने समय तक करना चाहिए ताकि असर दिखे?
नियमित रूप से कम से कम 20-30 मिनट योग करना चाहिए। हफ्ते में 4-5 दिन अभ्यास करने से 2-3 हफ्तों में असर दिखने लगता है।क्या सिर्फ योग ही जकड़न कम करने के लिए काफी है?
योग बहुत फायदेमंद है, लेकिन इसके साथ बैलेंस डाइट, पर्याप्त पानी पीना और हल्की वॉक या फिजिकल एक्टिविटी भी जरूरी है। ध्यान रखें कि अगर आपको जोड़ों में ज्यादा जकड़न की समस्या है तो डॉक्टर से सलाह तुरंत लें।
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Current Version
Sep 30, 2025 15:39 IST
Published By : Akanksha Tiwari