
हम में से अधिकांश लोग सुबह की शुरुआत एक गिलास दूध या ताजे फलों के साथ करना पसंद करते हैं। कभी आपने यह सोचा है कि क्या दूध के साथ संतरा, नींबू या अनार जैसे खट्टे फल खाना सही है? आयुर्वेद शास्त्रों में इसे असंगत आहार कहा गया है और इसके सेवन से बचने की सलाह दी गई है। यह सिर्फ एक पुरानी मान्यता नहीं है, बल्कि पीढ़ियों के अनुभव और प्राकृतिक विज्ञान पर आधारित चेतावनी है। दूध, जिसे पोषण का राजा कहा जाता है, कैल्शियम, प्रोटीन और विटामिन से भरपूर होता है। वहीं, खट्टे फल अपनी अम्लीय प्रकृति और विटामिन सी के कारण ताजगी और एनर्जी देते हैं, लेकिन जब ये दोनों एक साथ शरीर में जाते हैं, तो पाचन तंत्र पर इसका विपरीत असर पड़ सकता है। इस लेख में मेवाड़ विश्वविद्यालय में प्रोफेसर एवं प्राकृतिक चिकित्सालय बापू नगर, जयपुर की वरिष्ठ चिकित्सक योग, प्राकृतिक चिकित्सा पोषण और आयुर्वेद विशेषज्ञ डॉ. किरण गुप्ता (Dr. Kiran Gupta, Yoga, Naturopathy, Nutrition and Ayurveda Specialist, Professor at Mewar University and Senior Physician at Naturopathy Hospital, Bapunagar, Jaipur) से जानिए, दूध और खट्टे फल साथ क्यों नहीं खाने चाहिए?
दूध और खट्टे फल साथ क्यों नहीं खाने चाहिए? - Why Ayurveda Says Not To Drink Milk With Sour Fruits
आयुर्वेद विशेषज्ञ डॉ. किरण गुप्ता बताती हैं कि दूध, जो कि शीतल और बलवर्धक है, खट्टे फलों के साथ लेने पर पचने में कठिनाई पैदा कर सकता है। दूध एक भारी और अम्लीयता में कम पदार्थ है, जबकि खट्टे फल अम्लीय और तीव्र होते हैं। जब ये दोनों एक साथ पेट में जाते हैं, तो आयुर्वेद के अनुसार यह अम्लता बढ़ाने का काम करता है। इसका सीधा असर पाचन तंत्र पर पड़ता है। पेट में भारीपन, अपच, गैस और कभी-कभी एसिडिटी की समस्या उत्पन्न हो सकती है। आयुर्वेद में इसे शरीर में 'कफ' और 'अम्ल के असंतुलन के रूप में देखा जाता है। दूध और खट्टे फल अगर साथ लेते हैं तो दूध आसानी से पच नहीं पाता और इसमें मौजूद पोषक तत्व शरीर को पर्याप्त रूप से फायदा नहीं पहुंचा पाते। इसलिए आयुर्वेद में इसे हानिकारक और पाचन के लिए भारी बताया गया है।
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1. शरीर की एनर्जी पर असर
दूध शरीर में एनर्जी और बल बढ़ाने का काम करता है। खट्टे फल, जो अम्लीय और हल्के होते हैं, दूध के ऊर्जा गुणों को संतुलित रूप से प्रभावित कर सकते हैं। विशेष रूप से कफ दोष वाले लोगों में यह संयोजन ठंडक और भारीपन बढ़ा सकता है।
2. स्किन पर असर
आयुर्वेद के अनुसार, अम्लीय और भारी भोजन का संयोजन स्किन पर भी असर डाल सकता है। इससे मुंहासे, त्वचा पर दाने या अन्य एलर्जिक रिएक्शन हो सकते हैं। इसके अलावा, जिन लोगों को गैस, एसिडिटी या पेट में जलन की समस्या रहती है, उनके लिए दूध और खट्टे फल का सेवन करना और भी नुकसानदायक हो सकता है।
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डॉक्टर की सलाह
अगर आप दूध और फलों का सेवन करना चाहते हैं, तो आयुर्वेदिक दृष्टि से बेहतर है कि इनका अंतराल रखें। उदाहरण के लिए, दूध का सेवन सुबह या रात में किया जा सकता है, जबकि खट्टे फल दिन में अलग समय पर खाएं। इसके अलावा, दूध के साथ मीठे या हल्के फल जैसे केला या सेब का सेवन सुरक्षित और पाचन के लिए बेहतर माना गया है।
निष्कर्ष
आयुर्वेद के अनुसार, दूध और खट्टे फलों का संयोजन, पाचन और पोषण के दृष्टिकोण से उपयुक्त नहीं माना जाता। इसीलिए, अगर आप अपने पाचन, स्किन और एनर्जी लेवल को संतुलित रखना चाहते हैं, तो आयुर्वेदिक नियमों का पालन करना उपयोगी रहेगा। यह सिर्फ एक पारंपरिक मान्यता नहीं है, बल्कि प्राचीन अनुभव और प्राकृतिक विज्ञान पर आधारित उपाय है।
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FAQ
क्या दूध के साथ मीठे फल खा सकते हैं?
दूध के साथ केला, सेब जैसे हल्के और मीठे फल खाए जा सकते हैं। यह पाचन के लिए सुरक्षित और आयुर्वेदिक दृष्टि से फायदेमंद माना गया है।दूध पीने के बाद कौन सी चीजें नहीं खानी चाहिए?
दूध पीने के तुरंत बाद खट्टे फल, नमकीन चीजें, दही जैसी चीजें नहीं खानी चाहिए। इन्हें दूध के साथ खाने से पाचन संबंधी समस्याएं, पेट में गैस और एसिडिटी हो सकती है।दूध को पचने में कितना समय लगता है?
दूध पाचन का समय व्यक्ति की उम्र और दूध के प्रकार पर निर्भर करता है।
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Oct 17, 2025 12:45 IST
Published By : Akanksha Tiwari