Connection Between Diabetes and Shingles: जब किसी व्यक्ति को चिकनपॉक्स होता है, तो वेरिसेला-ज़ोस्टर वायरस उसके शरीर में निष्क्रिय हो जाता है। यह वायरस नसों में छिपा रहता है और वर्षों बाद किसी समय फिर से सक्रिय हो सकता है। जब यह वायरस फिर से सक्रिय होता है, तो यह शिंगल्स के रूप में प्रकट होता है, न कि चिकनपॉक्स के रूप में। शिंगल्स आमतौर पर अपने आप ठीक हो जाता है, लेकिन यह एक लंबी और दर्दनाक प्रक्रिया हो सकती है। ज्यादातर लोग कुछ हफ्तों से लेकर एक महीने के भीतर शिंगल्स से ठीक हो जाते हैं। हालांकि, शिंगल्स के कुछ मामलों में जटिलताएं हो सकती हैं, और इन जटिलताओं के कारण ठीक होने की प्रक्रिया लंबी हो सकती है। जीएसके (GSK) या ग्लैक्सोस्मिथक्लाइन (GlaxoSmithKline) ने शिंगल्स के प्रति जागरूकता के लिए नया कैंपेन लॉन्च किया है। वीडियो में महानायक अमिताभ बच्चन और अभिनेता मनोज पाहवा चिकनपॉक्स और शिंगल्स के बीच के वैज्ञानिक संबंधों के बारे में बात करते हुए नजर आ रहे हैं। हम भी इस लेख के जरिए जानेंगे कि शिंगल्स आखिर क्या है और डायबिटीज से इसका क्या संबंध है। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने लखनऊ के संजय गांधी पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में हॉस्पिटल मैनेजमेंट के एचओडी डॉ राजेश हर्षवर्धन से बात की।
शिंगल्स क्या है और इसके क्या नुकसान हैं?- Shingles and Health Risks
शिंगल्स (Shingles) को हर्पीस ज़ोस्टर (Herpes Zoster) भी कहा जाता है। यह वही वायरस है जो चिकनपॉक्स (Chickenpox) का कारण बनता है। इसे वेरिसेला-ज़ोस्टर वायरस (Varicella-Zoster Virus) कहा जाता है। शिंगल्स होने पर तेज दर्द होता है। दर्द के अलावा त्वचा पर रैशेज उभरने लगते हैं। रैशेज कुछ समय बाद, फफोलों में बदल जाते हैं। फफोले वाली जगह पर खुजली, जलन या सूजन महसूस हो सकती है। कुछ मामलों में लोगों को हल्का बुखार, सिर दर्द और थकान भी महसूस होती है। अगर शिंगल्स आंखों के आसपास होता है, तो यह आंखों में संक्रमण और दृष्टि हानि का कारण बन सकता है। शिंगल्स कभी-कभी न्यूरोलॉजिकल समस्याएं भी पैदा कर सकता है, जैसे कि ब्रेन इंफेक्शन, सुनने में कठिनाई या चेहरे के एक तरफ की मांसपेशियों का कमजोर होना। शिंगल्स एक गंभीर स्थिति हो सकती है, खासकर अगर इसे समय पर इलाज न किया जाए। इसलिए, इसके लक्षणों की पहचान करके जल्द से जल्द इलाज करवाना चाहिए।
डायबिटीज और शिंगल्स में क्या कनेक्शन है?- Connection Between Diabetes And Shingles
डायबिटीज और शिंगल्स के बीच गहरा संंबंध है। डायबिटीज में ब्लड शुगर लेवल असामान्य या ज्यादा रहने के कारण शरीर की इम्यूनिटी कमजोर हो जाती है। जब इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है, तो शरीर को वायरल इंफेक्शन से लड़ने में मुश्किल हो सकती है। शिंगल्स एक वायरल इन्फेक्शन है जो चिकनपॉक्स के कारण होता है। जब किसी व्यक्ति को चिकनपॉक्स हो जाता है, तो वायरस शरीर में निष्क्रिय हो जाता है, लेकिन बाद में चिकनपॉक्स का वायरस फिर से सक्रिय हो सकता है और शिंगल्स के रूप में नजर आ सकता है। डायबिटीज वाले लोगों में शिंगल्स का जोखिम बढ़ जाता है क्योंकि उनकी इम्यून सिस्टम कमजोर होती है, जिससे वायरस को फिर से सक्रिय होने का मौका मिल जाता है। इसके अलावा, डायबिटीज शिंगल्स के लक्षणों को भी गंभीर बना सकता है और उनकी रिकवरी में भी अधिक समय लग सकता है। इसलिए, डायबिटीज के मरीजों को शिंगल्स से बचने के लिए सावधानी बरतनी चाहिए, जैसे कि हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाएं और शिंगल्स वैक्सीन लगवाएं।
शिंगल्स वैक्सीन लें- Shingles Vaccine Can Prevent Disease
शिंगल्स से बचने का सबसे प्रभावी तरीका वैक्सीन लेना है। शिंगल्स वैक्सीन 50 वर्ष या उससे ज्यादा उम्र के लोगों के लिए जरूरी है, खासकर अगर उन्हें डायबिटीज है। शिंगल्स वैक्सीन, जोस्टर वायरस के खिलाफ सुरक्षा देती है। जोस्टर वायरस ही चिकनपॉक्स का कारण भी बनता है। शिंगल्स, तब होता है, जब वायरस सालों बाद फिर से सक्रिय हो जाता है। यह एक दर्दनाक रैशेज का कारण बन सकता है। दो प्रकार की वैक्सीन, शिंगल्स से बचाव के लिए दी जाती है- पहली शिंग्रिक्स (Shingrix) और दूसरी जोस्टावैक्स (Zostavax)। शिंग्रिक्स को 2 से 6 महीने के गैप पर, दो खुराकों में दिया जाता है। यह वैक्सीन 90 प्रतिशत मामलों में, शिंगल्स से बचने में प्रभावी मानी जाती है। जिन लोगों को पहले चिकनपॉक्स हो चुका है या जिनकी उम्र 50 या उससे ज्यादा है, तो वे लोग वैक्सीन लगवा सकते हैं। वहीं दूसरी तरफ, जोस्टावैक्स को एक ही खुराक में दिया जाता है। यह वैक्सीन 60 प्रतिशत मामलों में प्रभावी मानी जाती है। 60 साल या उससे ज्यादा उम्र के लोग, इस वैक्सीन को लगवा सकते हैं।
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शिंगल्स वैक्सीन क्यों जरूरी है?- Importance of Shingles Vaccine
- शिंगल्स की बीमारी बहुत दर्दनाक हो सकती है इसलिए समय पर शिंगल्स की वैक्सीन लेना जरूरी है।
- जिन लोगों की उम्र ज्यादा होती है, उनमें शिंगल्स होने का जोखिम ज्यादा होता है इसलिए वैक्सीन को लगवाना जरूरी है।
- अगर आपको शिंगल्स होता भी है, तो वैक्सीन आपकी स्थिति की गंभीरता और मुश्किलों को कम कर सकती है।
- शिंगल्स वैक्सीन लेने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है, खासकर अगर आपको पहले से कोई स्वास्थ्य समस्या है।
- यह वैक्सीन शिंगल्स से बचाव का एक आसान उपाय है, विशेष रूप से उम्रदराज़ लोगों के लिए।
डायबिटीज के मरीज शिंगल्स से बचने के लिए क्या करें?- How to Prevent Shingles in Diabetes
शिंगल्स एक संक्रामक रोग नहीं है, लेकिन इसकी वजह से होने वाले चकत्तों से दूसरों को चिकनपॉक्स हो सकता है इसलिए डायबिटीज के मरीज, शिंगल्स से बचने के लिए कुछ आसान उपायों की मदद ले सकते हैं-
- ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करें। शुगर लेवल कंट्रोल रहेगा, तो इम्यूनिटी बनी रहेगी और शिंगल्स का जोखिम कम होगा।
- नियमित रूप से ब्लड शुगर लेवल की जांच करवाएं और डॉक्टर की बताई दवाओं का सेवन समय पर करें।
- शिंगल्स से बचने के लिए हेल्दी डाइट लें, नियमित एक्सरसाइज करें और पर्याप्त नींद लें। इस तरह आप शिंगल्स से बच सकते हैं।
- तनाव लेने से इम्यूनिटी कमजोर हो जाती है। मानसिक तनाव को कम करने के लिए और शरीर को स्वस्थ रखने के लिए योग, मेडिटेशन और डीप ब्रीदिंग एक्सरसाइज का सहारा ले सकते हैं।
- शिंगल्स के लक्षण (Shingles Symptoms in Hindi) महसूस होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और स्वास्थ्य की जांच करवाएं।
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