मेरे दादाजी को डायबिटीज की समस्या थी, वो अक्सर हाथ में दर्द की शिकायत करते थे। तब यह समझ नहीं आता था कि उन्हें किस कारण दर्द हो रहा है। डायबिटीज यानी असामान्य शुगर लेवल की समस्या शरीर के कई हिस्सों को प्रभावित करती है जिसमें हाथ भी शामिल हैं। अगर आप पूछें कि डायबिटीज और हाथ के दर्द में क्या कनेक्शन है, तो यह हाई ब्लड शुगर लेवल है जिसके कारण कनेक्टिव टिशूज, ब्लड वेसल्स और नर्व्स पर प्रभाव पड़ता है। इसी वजह से हाथों में दर्द या जकड़न होती है, जिसे मेडिकल भाषा में डायबिटीज हैंड सिंड्रोम कहा जाता है। डायबिटीज और हाथ में दर्द के संबंध को और गहराई से समझने के लिए हमने Dr. Raman Boddula, Senior Consultant Endocrinologist at Yashoda Hospitals, Hyderabad से बात की।
डायबिटीज से हाथों में होने वाली समस्याएं- Hand Problems Caused By Diabetes
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के अध्ययन में यह पाया गया है कि टाइप 2 डायबिटीज के मरीजों में हाथ से जुड़ी समस्याएं आम होती हैं, जैसे- लिमिटेड जॉइंट मोबिलिटी (LJM) और ये समस्याएं, बीमारी की अवधि से सीधे जुड़ी होती हैं। यानी जितनी लंबी अवधि तक डायबिटीज रहा है, हाथ की समस्या उससे ज्यादा हो सकती है। डायबिटीज के मरीजों को हाथों से जुड़ी कई समस्याएं हो सकती हैं, जैसे-
1. कार्पल टनल सिंड्रोम- Carpal Tunnel Syndrome
कार्पल टनल सिंड्रोम तब होता है जब कलाई के कार्पल टनल से गुजरते समय मीडियन नर्व दब जाती है। डायबिटीज के कारण होने वाली सूजन और टिशूज में बदलाव इस टनल को बड़ा बना देते हैं, जिससे नस पर दबाव बढ़ता है और हाथ या उंगलियों में जलन, झनझनाहट, सुन्नपन या कमजोरी व पैरालिसिस हो सकती है।
इसे भी पढ़ें- लगातार लेपटॉप चलाने से पर्मानेंट हो गया है हाथों का दर्द? राहत के लिए रोज करें ये 3 एक्सरसाइज
2. ट्रिगर फिंगर- Trigger Finger
ट्रिगर फिंगर में टेंडन के आसपास सूजन और उसका रास्ता संकरा हो जाता है, जिससे उंगलियां हिलते समय लॉक हो जाती हैं या अटकने लगती हैं।
इसे भी पढ़ें- उंगलियों और हाथों की अकड़न दूर करने के लिए करें ये 3 योग, जल्द मिलेगी राहत
3. डुप्यूट्रेन कॉन्ट्रैक्चर- Dupuytren's Contracture
डुप्यूट्रेन कॉन्ट्रैक्चर में हथेली में कठोर गांठें और रेशेदार तार बनते हैं, जो धीरे-धीरे उंगलियों (अक्सर अनामिका और छोटी उंगली) को अंदर की ओर मोड़ देते हैं और हाथ के काम करने की क्षमता को भी कम कर देते हैं।
4. लिमिटेड जॉइंट मोबिलिटी- Limited Joint Mobility
डायबिटीज में सबसे आम हाथों की समस्या लिमिटेड जॉइंट मोबिलिटी (LJM) है, जिसमें जोड़ों के आसपास के टिशूज में कोलेजन मोटा और सख्त हो जाता है। टिशूज के सख्त होने (फाइब्रोसिस) से उंगलियों में दर्द, जकड़न और बारीक काम करने में परेशानी होती है। डायबिटीज लेवल ठीक न होने से फिंगर्स की मूवमेंट भी कम हो जाती है।
5. डायबिटिक न्यूरोपैथी- Diabetic Neuropathy
इसके अलावा, डायबिटिक न्यूरोपैथी में लंबे समय तक शुगर लेवल ज्यादा रहने से नसों को नुकसान होता है, जिससे हाथों और पैरों में जलन या बिजली के झटके जैसी तेज दर्द महसूस हो सकता है। डायबिटीज कितने समय से है और शुगर कंट्रोल कितना अच्छा है, इस पर इन समस्याओं की गंभीरता और संभावना निर्भर करती है।
डायबिटीज के मरीज हाथ में दर्द की समस्या से कैसे निपटें?- How To Deal With Hand Pain in Diabetes
Dr. Raman Boddula ने बताया कि इन उपायों से लक्षणों को काफी हद तक कम कर सकते हैं। इससे हाथ की कार्यक्षमता और जीवन की गुणवत्ता दोनों बेहतर हो सकती है-
- शुगर पर सख्त कंट्रोल करें। चीनी का सेवन कम करें और हेल्दी डाइट पर फोकस करें।
- फिजिकल थेरेपी (Physical therapy) अपनाएं, इससे हाथ की मूवमेंट और लचीलापन बना रहेगा।
- हाथ को सही पोजीशन में सपोर्ट देने के लिए डॉक्टर की सलाह के साथ स्प्लिंट का इस्तेमाल (Splint) किया जा सकता है।
- गंभीर मामलों में नसों या टिशूज पर दबाव कम करने के लिए सर्जरी की जरूरत पड़ सकती है।
- डायबिटीज के प्रति जागरूकता होना जरूरी है ताकि समय रहते लक्षणों की पहचान हो सके और इलाज शुरू किया जा सके।
निष्कर्ष:
डायबिटीज होने पर हाथ-पैरों पर इसका असर होता है। डायबिटीज से कार्पल टनल सिंड्रोम, डायबिटिक न्यूरोपैथी, ट्रिगर फिंगर, एलजेएम और डुप्यूट्रेन कॉन्ट्रैक्चर जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
उम्मीद करते हैं कि आपको यह जानकारी पसंद आई होगी। इस लेख को शेयर करना न भूलें।