आपको अपने अंगूठे और कुछ अंगुलियों में दर्द हो रहा है, तो यह कार्पल टनल सिंड्रोम हो सकता है। इस समस्या में व्यक्ति को हाथों में झुनझुनी जैसा एहसास होता है। हाथ में दर्द के कारण रोजाना के कार्य और भी मुश्किल हो जाते हैं। इसमें दर्द इतना अधिक होता है कि व्यक्ति के शर्ट के बटन लगाना और अपने दांतों को फ्लॉस करना जैसी रोजमर्रा के काम भी ठीक ढ़ंग से नही कर पाता है। अगर ऐसा है, तो आपने अपनी मीडियन नर्व को उत्तेजित कर दिया है। यह आपकी ऊपरी भुजा से कार्पल टनल मार्ग में आपकी कलाई से होते हुए आपकी अंगुलियों और अंगूठे तक जाती है। जब मीडियन नस पर दबाव पड़ता है तो यह स्थिति उत्पन्न होती है। शुरुआती दौर में इसका इलाज आराम, ब्रेस पहनने और दवाइयों से किया जा सकता है, लेकिन कुछ मामलों में सर्जरी की आवश्यकता होती है। आगे जानते हैं यशोदा अस्पताल के इंटरनल मेडिसिन सीनियर कंसल्टेंट डॉक्टर एस के सिंह से जानते हैं कि कार्पल टनल सर्जरी (Carpal Tunnel Surgery) पर कब विचार करना चाहिए।
कार्पल टनल सर्जरी कब की जाती है? - When To Consider Carpal Tunnel Surgery In Hindi
जब सामान्य उपचार से राहत न मिले
यदि आपने फिजिकल थेरेपी, ब्रेस पहनना, और दर्दनिवारक दवाइयां लेने जैसे सामान्य उपचार आजमाए हैं और इसके बावजूद लक्षणों में सुधार नहीं हो रहा है, तो सर्जरी पर विचार करना चाहिए। अगर तीन से छह महीने तक कंजर्वेटिव उपचार के बाद भी कोई फायदा नहीं होता, तो डॉक्टर सर्जरी की सलाह दे सकते हैं।
टॉप स्टोरीज़
अगर लक्षण गंभीर हो जाएं
कार्पल टनल सिंड्रोम के कुछ लक्षण काफी गंभीर हो सकते हैं, जैसे कि अत्यधिक दर्द, हाथों में कमजोरी या वस्तुओं को पकड़ने में कठिनाई। अगर आपके हाथों की मांसपेशियों में स्थायी क्षति का जोखिम हो, तो सर्जरी एक जरूरी विकल्प हो सकता है।
नर्व डैमेज का संकेत
अगर कार्पल टनल सिंड्रोम के कारण नसों को नुकसान पहुंच रहा हो, तो सर्जरी एकमात्र प्रभावी उपाय हो सकता है। यदि नर्व कंडक्शन स्टडीज या अन्य परीक्षणों से पता चलता है कि मीडियन नस पर दबाव के कारण नर्व में स्थायी डैमेज हो रही है, तो सर्जरी जल्द से जल्द करानी चाहिए ताकि नुकसान को रोका जा सके।
रात के समय हाथ में तेज दर्द होना
अगर आपको सोते समय बार-बार दर्द, सुन्नता या झुनझुनी महसूस होती है और इससे आपकी नींद प्रभावित हो रही है, तो यह स्थिति सर्जरी की ओर इशारा कर सकती है। कई लोगों के लिए रात के समय लक्षण अधिक बढ़ जाते हैं, और अगर यह स्थिति बर्दाश्त से बाहर हो जाए, तो सर्जरी पर विचार करना एक अच्छा विकल्प हो सकता है।
रोजमर्रा के काम करने में परेशानी होना
जब कार्पल टनल सिंड्रोम के कारण आपकी रोजमर्रा की गतिविधियों में दिक्कतें आने लगें, जैसे कि टाइपिंग, लिखना, या यहां तक कि बर्तन धोना भी मुश्किल हो जाए, तो यह संकेत हो सकता है कि सर्जरी की आवश्यकता है। सर्जरी से मीडियन नस पर दबाव कम किया जा सकता है, जिससे आप फिर से सामान्य क्रियाएं कर पाएंगे।
सर्जरी का प्रकार
कार्पल टनल सर्जरी दो प्रकार की होती है: ओपन सर्जरी और एंडोस्कोपिक सर्जरी। दोनों का उद्देश्य मीडियन नस पर से दबाव हटाना होता है। डॉक्टर आपकी स्थिति और लक्षणों के आधार पर तय करेंगे कि आपके लिए कौन सी सर्जरी बेहतर होगी।
इसे भी पढ़ें: क्या इलाज के बाद दोबारा हो सकती है कार्पल टनल सिंड्रोम की समस्या? जानें डॉक्टर की राय
कार्पल टनल सर्जरी पर विचार तब करना चाहिए जब सामान्य उपचार प्रभावी न हों, लक्षण गंभीर हो जाएं, नसों को नुकसान पहुंच रहा हो, या आपकी दैनिक गतिविधियों में बाधा आ रही हो। एक विशेषज्ञ चिकित्सक से परामर्श करके आप सही समय पर सही निर्णय ले सकते हैं। सर्जरी से आपको दीर्घकालिक राहत मिल सकती है और जीवन की गुणवत्ता में सुधार हो सकता है।