डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है जिसमें शरीर का शुगर कंट्रोल करना मुश्किल होता है। दरअसल, इस दौरान शरीर के इंसुलिन सेल्स सही से काम नहीं करते है और शुगर पचाना मुश्किल हो जाता है। ऐसे में इस बीमारी में जरूरी होता है कि आप हर एक चीज को खाने से पहले इसके ग्लाइसेमिक इंडेक्स पर ध्यान दें। सबसे ज्यादा तो उन चीजों के सेवन पर ध्यान दें जिसमें सिंपल शुगर न होकर, कॉम्प्लेक्स शुगर हो जिसे पचाने में शरीर मेहनत करे और शुगर स्पाइक न हो। इस तमाम बातों का ध्यान रखते हुए ढोकला खाना कितना सही है?
दरअसल, ढोकला सूजी और बेसन दोनों से ही बनता है लेकिन क्या यह शुगर स्पाइक की वजह हो सकता है। क्या शुगर के मरीजों को इसका सेवन करना चाहिए? जानते हैं इस बारे में Ms. Satavisha Basu, Senior Dietician, Narayana Hospital, Howrah
से।
क्या शुगर में ढोकला खा सकते हैं-Is dhokla good for diabetic patient?
Satavisha Basu बताती हैं कि ''डायबिटीज के मरीज ढोकला खा सकते हैं लेकिन बहुत ज्यादा मात्रा में नहीं।'' दरअसल, डायबिटीज में शुगर स्पाइक को लेकर खास ध्यान देना होता है और ऐसे में ढोकला जो कि बेसन या सूजी को दही के साथ फर्मेंटेट करके तैयार किया जाता है, उस हद तक शुगर स्पाइक की वजह नहीं बनता है कि आपको नुकसान हो जाए। इसके अलावा कई ऐसे फैक्ट्स हैं जो कि डायबिटीज में ढोकला खाने को नुकसानदेह नहीं बताते। जैसे कि
1. ढोकले का लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स
आपको जानकर हैरानी हो सकती है कि ढोकला का ग्लाइसेमिक इंडेक्स काफी कम है और उसकी वजह है बेसन का ग्लाइसेमिक इंडेक्स (besan glycemic index) जो कि 10 से कम होता है। इसके अलावा लोग इसे थोड़ी मात्रा में सूजी भी मिलाते हैं जिसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स (glycemic index of suji) 66 से नीचे होता है। अब अगर हम इन दोनों की तुलना करें तो बेसन का इस्तेमाल डायबिटीज के मरीजों के लिए ज्यादा फायदेमंद है।
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2. फर्मेंटेड फूड है ढोकला
Satavisha Basu बताती हैं कि ढोकला बनाने का जो पारंपरिक तरीका है उसमें दाल को पीसकर दही और बेकिंड सोडा मिलाकर फर्मेंटेट किया जाता है। आजकल लोग इसमें ईनो भी डालते हैं और इस तरह से यह एक प्रोबायोटिक फूड बन जाता है जो कि गट हेल्थ के लिए बहुत फायदेमंद है। यह डायबिटीज के मरीजों में भी पेट की सेहत को सही रखने में मदद कर सकता है जिससे डायबिटीज में कब्ज की समस्या नहीं होगी और आपका डाइजेशन सही रहेगा तो ब्लड शुगर भी सही रहेगा।
3. जीरो फैट फूड है ढोकला
ढोकला बनाने के लिए तेल का इस्तेमाल नहीं किया जाता और इसे भाप की मदद से बनाया जाता है। इस तरह से यह जीरो फैट फूड है लेकिन इसमें प्रोटीन की अच्छी मात्रा होती है जिससे शरीर को एनर्जी मिलती है। इसके अलावा इसे पचाना मुश्किल नहीं होता। इसलिए डायबिटीज के मरीज ढोकला खा सकते हैं।
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इन बातों का रखें ध्यान
अगर आप डायबिटीज के मरीज हैं, तो ढोकला चने की दाल को भिगोकर और फिर इसे दरदरा पीसकर बनाएं या फिर बेसन का ही ढोकला बनाएं। ढोकले में चीनी बिलकुल भी न मिलाएं इसे पूरी तरह शुगर फ्री रखें। इसके अलावा आप ढोकले में सब्जियों को चॉप करके भी मिला सकते हैं, जिससे इसका फाइबर और स्वाद दोनों ही बढ़ता है।
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