कई बार शरीर में कुछ ऐसी बीमारियां लग जाती हैं, जिनके बारे में हमने कभी सुना भी नहीं होता है। इनमें से एक है कार्पल टनल सिंड्रोम (Carpal tunnel syndrome)। दरअसल, यह हाथ और कलाई के बीच होने वाला एक दर्द है। इस स्थिति में प्रभावित हिस्से में भयानक और असहनीय दर्द हो सकता है। इसका पता लगाने के लिए आमतौर पर Phalen's टेस्ट किया जाता है। चलिए विस्तार से फीजियोथेरेपिस्ट डॉ. रिबेका पिंटो से जानते हैं इस टेस्ट और सिंड्रोम के बारे में।
क्या है Phalen's टेस्ट?
Phalen's टेस्ट एक प्रकार का टेस्ट है, जिसमें आपके हेल्थकेयर एक्सपर्ट्स द्वारा कई कई मूवमेंट्स कराई जाती हैं, जिससे कार्पल टनल सिंड्रोम का पता लगाया जा सके। दरअसल, इस समस्या में आपके हाथ और कलाई के बीच की नस दब जाती हैं, जिससे उस हिस्से में काफी तेज दर्द होता है। इस टेस्ट के जरिए प्रभावित हिस्से पर हल्का प्रेशर दिया जाता है, जिससे नर्व के आस-पास का ब्लड सर्कुलेशन सुधर सके। phalen's टेस्ट को करके इस सिंड्रोम का पता आसानी से लगाया जा सकता है।
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कार्पल टनल सिंड्रोम के लक्षण
- कार्पल टनल सिंड्रोम होने पर हाथ और कलाई के बीच सुन्नपन या फिर सुई चुभने जैसा अनुभव हो सकता है।
- इस स्थिति में अंगूठा, तर्जनी और बीच की उंगली में भी दर्द महसूस हो सकता है।
- यह सिंड्रोम होने पर हाथ की मांसपेशियां कमजोर होने के साथ ही किसी भी भारी चीज को उठाने में भी परेशानी हो सकती है।
- हाथ के अंगूठे और उंगलियां में भी सुन्नपन या फिर झनझनाहट महसूस हो सकती है।
- इससे कोहनी के आगे वाले हिस्से में भी दर्द हो सकता है।
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कार्पल टनल सिंड्रोम से बचने के तरीके
- इस सिंड्रोम से बचने के लिए आपको डेस्क जॉब या फिर टाइपिंग करते हुए थोड़ा ब्रेक लेना है। इससे मांसपेशियां सक्रिय रहेंगी।
- इसके लिए आपको हथेलियों और उंगलियों की एक्सरसाइज करनी चाहिए।
- इसके लिए आपको हाथों के बल पर सोने से बचना चाहिए।
- इसके लिए लगातार काम करने से बचना चाहिए।
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