आजकल सोशल मीडिया का प्रभाव लोगों की लाइफस्टाइल पर काफी बढ़ गया है। फिटनेस और सेहत से जुड़ी तमाम नई-नई जानकारियां, नुस्खे और घरेलू उपाय इंटरनेट पर तेजी से वायरल होते रहते हैं। इनमें से एक लोकप्रिय ट्रेंड है, मेथी के बीजों का पानी पीना। कई लोग सोशल मीडिया पर किसी वीडियो या पोस्ट को देखकर बिना सोचे-समझे इसका सेवन शुरू कर देते हैं, यह जाने बिना कि यह उनके शरीर के लिए सही है या नहीं। आयुर्वेद में मेथी को एक औषधीय जड़ी-बूटी के रूप में माना गया है, जिसका उपयोग पाचन को सुधारने, ब्लड शुगर कंट्रोल करने और जोड़ों के दर्द में राहत देने के लिए किया जाता है। लेकिन हर चीज हर किसी के लिए फायदेमंद नहीं होती। इस लेख में रामहंस चेरिटेबल हॉस्पिटल के आयुर्वेदिक डॉक्टर श्रेय शर्मा (Ayurvedic doctor Shrey Sharma from Ramhans Charitable Hospital) से जानिए, मेथी के बीज का पानी किसे नहीं पीना चाहिए?
मेथी के बीज का पानी किसे नहीं पीना चाहिए - Who Should Not Drink Fenugreek Water
आयुर्वेद का सिद्धांत यही कहता है कि हर व्यक्ति की शारीरिक प्रकृति (वात, पित्त, कफ) अलग होती है और उसी के अनुसार किसी चीज का सेवन करना चाहिए। बिना किसी एक्सपर्ट की सलाह के, केवल ट्रेंड के चलते किसी चीज का सेवन करना सेहत के लिए हानिकारक साबित हो सकता है। आयुर्वेदिक डॉक्टर श्रेय शर्मा का मानना है कि मेथी के बीजों का पानी कुछ लोगों के लिए लाभकारी हो सकता है, लेकिन कुछ विशेष परिस्थितियों में यह नुकसान भी पहुंचा सकता है। उदाहरण के लिए, कमजोर और दुबले-पतले लोगों को इसका अधिक सेवन नहीं करना चाहिए। ऐसा इसलिए, क्योंकि यह शरीर में रूक्षता (शुष्कता) बढ़ा सकता है और कमजोरी का कारण बन सकता है। साथ ही लंबे समय तक मेथी के बीजों का पानी पीने से शरीर में धातुक्षय हो सकता है, जिससे कमजोरी, बालों का झड़ना, थकान और हड्डियों की कमजोरी जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
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1. लंबे समय से मेथी का सेवन करने वाले लोग
यदि कोई व्यक्ति पहले से ही कई महीनों या वर्षों से नियमित रूप से मेथी का पानी (Methi ka pani) पी रहा है, तो उसे इसका सेवन तुरंत बंद कर देना चाहिए। आयुर्वेद के अनुसार, किसी भी औषधीय जड़ी-बूटी या तत्व का अधिक समय तक सेवन शरीर को प्रभावित कर सकता है। मेथी का लगातार सेवन शरीर में रूक्षता (शुष्कता) बढ़ा सकता है और पाचन तंत्र पर बुरा प्रभाव डाल सकता है।
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2. कमजोर और दुबले-पतले लोग
जो लोग ज्यादा दुबले-पतले और कमजोर होते हैं, उन्हें मेथी के बीजों का पानी नहीं पीना चाहिए। आयुर्वेद के अनुसार, मेथी का स्वभाव गर्म और शुष्क होता है, जो शरीर से एक्स्ट्रा फैट और पानी को कम कर सकता है। कमजोर शरीर वालों के लिए यह और ज्यादा कमजोरी और थकान का कारण बन सकता है।
3. गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाएं
गर्भावस्था के दौरान किसी भी औषधीय जड़ी-बूटी के सेवन को लेकर सतर्क रहना जरूरी होता है। मेथी के बीजों में ऐसे यौगिक पाए जाते हैं जो गर्भाशय की संकुचन प्रक्रिया को तेज कर सकते हैं, जिससे समय से पहले प्रसव का खतरा हो सकता है। स्तनपान कराने वाली महिलाओं को भी इसे सावधानी से लेना चाहिए। ऐसा इसलिए, क्योंकि यह शिशु के पाचन तंत्र को प्रभावित कर सकता है।
जरूरी यह है कि किसी भी घरेलू नुस्खे को अपनाने से पहले यह जांचें कि क्या वह आपकी शारीरिक प्रकृति और स्वास्थ्य के अनुकूल है। देखा-देखी या किसी ट्रेंड को फॉलो करने की बजाय, किसी भी औषधीय या हर्बल चीज का सेवन करने से पहले किसी आयुर्वेद विशेषज्ञ या डॉक्टर से सलाह लेना हमेशा बेहतर होता है।
निष्कर्ष
मेथी के बीजों का पानी सेहत के लिए कई फायदे प्रदान करता है, लेकिन इसका लंबे समय तक उपयोग नुकसानदायक भी हो सकता है। इसका सेवन करने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें। आयुर्वेद में संतुलित और सीमित मात्रा में किसी भी औषधीय तत्व के सेवन पर जोर दिया गया है, जिससे शरीर को ज्यादा फायदा मिल सके और कोई हानिकारक प्रभाव न हो।
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