आज के समय में खराब लाइफस्टाइल, बढ़ता प्रदूषण और बदलती जलवायु ने साइनस जैसी समस्याओं को आम बना दिया है। साइनस दरअसल हमारी नाक की हड्डियों के आसपास मौजूद एयर स्पेस होते हैं, जिनमें सूजन या इंफेक्शन हो जाने पर सांस लेने में तकलीफ, सिरदर्द, भारीपन, नाक बंद होना, आंखों के नीचे दबाव जैसी समस्याएं होने लगती हैं। एलर्जी, धूल-मिट्टी, ज्यादा ठंडी चीजें खाना या बार-बार जुकाम होना साइनस की परेशानी को बढ़ा सकता है। आमतौर पर लोग साइनस के इलाज के लिए दवाइयों का सहारा लेते हैं, लेकिन बार-बार एंटीबायोटिक का इस्तेमाल शरीर पर नकारात्मक असर डाल सकता है। ऐसे में लोग अब नेचुरल और सस्टेनेबल उपायों की ओर रुख कर रहे हैं और योग उनमें सबसे प्रमुख है। योग न केवल हमारे रेस्पिरेटरी सिस्टम को मजबूत करता है, बल्कि इम्यूनिटी को भी बेहतर बनाता है। नियमित योगाभ्यास से साइनस कैविटी में जमा बलगम और सूजन को कम किया जा सकता है। इस लेख में दिल्ली में स्थित वेदांत योग फाउंडेशन के फाउंडर, योग गुरु ओम प्रकाश (Yoga Guru Om Prakash, Founder of Vedanta Yoga Foundation, Delhi) से जानिए, साइनस में कौन सा योग करें?
साइनस के लिए कौन सा योग करना चाहिए? - Which yoga is best for sinuses
योग गुरु ओम प्रकाश बताते हैं कि साइनस की समस्या में जलनेति और सूत्रनेति, कपालभाति, भस्त्रिका, अनुलोम-विलोम, नश्यम (अणुतेल, बादाम, तिल, गाय का घी) से लाभ मिल सकता है। इसके अलावा इन 5 योगासन का भी अभ्यास करें।
1. सेतुबंधासन - Setu Bandhasana
सेतुबंधासन छाती और नाक क्षेत्र में रक्त संचार यानी ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर करता है। इससे साइनस में जमा कफ बाहर निकलने में मदद मिलती है। यह सांस लेने की प्रक्रिया को सुचारु करता है और सिरदर्द को भी कम करता है। पीठ के बल लेटकर घुटनों को मोड़ें और तलवे जमीन पर रखें। हाथ शरीर के पास रखें। धीरे-धीरे कमर को ऊपर उठाएं और सिर, कंधे और पैर जमीन पर रखें। 15-30 सेकंड तक होल्ड करें।
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कमर या गर्दन की गंभीर समस्या हो तो इसे डॉक्टर की सलाह से करें।
2. उत्तानासन - Uttanasana
उत्तानासन सिर की ओर ब्लड फ्लो बढ़ाता है, जिससे साइनस ब्लॉकेज दूर होती है। तनाव और सिरदर्द में आराम मिलता है। उत्तानासन का अभ्यास करने के लिए खड़े होकर सांस लें और फिर आगे झुकें, हाथ पैरों की ओर लाएं। सिर को ढीला छोड़ें और 30 सेकंड होल्ड करें। पीठ दर्द या चक्कर आने की समस्या हो तो सावधानी बरतें।
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3. अधोमुख श्वानासन - Adho Mukha Svanasana – Downward Dog Pose
अधोमुख श्वानासन साइनस की सूजन कम करता है और फेफड़ों में ऑक्सीजन का प्रवाह यानी फ्लो बेहतर करता है। साथ ही इससे नाक की रुकावट भी कम होती है। अधोमुख श्वानासन का अभ्साय करने के लिए, पेट के बल से हाथों और पैरों के सहारे शरीर को उल्टे V आकार में उठाएं। सिर को नीचे रखें। हाई ब्लड प्रेशर या कंधे की चोट होने पर इसे डॉक्टर की सलाह से करें।
4. भस्त्रिका प्राणायाम - Bhastrika Pranayama
भस्त्रिका प्राणायाम नाक और श्वसन मार्ग (Respiratory tract) में जमा कफ को बाहर निकालता है। इससे नाक के साइनस क्लियर होते हैं और सूजन में कमी आती है। इसके साथ ही यह मस्तिष्क को ऑक्सीजन देता है, जिससे थकान, भारीपन और सिरदर्द से राहत मिलती है। भस्त्रिका में तेज गति से गहरी सांस अंदर लें और बलपूर्वक बाहर छोड़ें। यह प्रक्रिया 10-15 बार दोहराएं। इसे सुबह खाली पेट करना सबसे लाभकारी होता है। हाई ब्लड प्रेशर या हार्ट डिजीज से पीड़ित लोग इसे डॉक्टर की सलाह से करें।
5. शवासन - Shavasana
शवासन से शरीर और मन को गहरी शांति मिलती है। साइनस के साथ जुड़ी मानसिक थकान, चिड़चिड़ापन और बेचैनी दूर होती है। यह योगासन अन्य योगाभ्यास के बाद जरूर करना चाहिए ताकि शरीर एनर्जी फिर से भर सके। पीठ के बल लेट जाएं, हाथ-पैर ढीले छोड़ें। आंखें बंद करें और धीरे-धीरे गहरी सांस लें। पूरी तरह से शरीर को रिलैक्स करें।
निष्कर्ष
साइनस की समस्या से राहत पाने के लिए योग एक प्राकृतिक, प्रभावी और साइड इफेक्ट-फ्री उपाय है। ऊपर बताए गए योगासन न केवल साइनस क्लियर करने में मदद करते हैं, बल्कि पूरे शरीर को स्वास्थ्य और संतुलन भी प्रदान करते हैं। इन अभ्यासों को सुबह के समय शांत वातावरण में नियमित रूप से करें और साथ ही संतुलित डाइट और भरपूर पानी का सेवन भी बनाए रखें। ध्यान रखें, यदि साइनस की समस्या बहुत गंभीर है या लंबे समय से बनी हुई है, तो योग के साथ-साथ डॉक्टर की सलाह लेना भी जरूरी है।
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FAQ
साइनस में क्या दिक्कत होती है?
साइनस एक ऐसी स्थिति है जिसमें नाक के आसपास स्थित साइनस कैविटी में सूजन या इंफेक्शन हो जाता है। इसमें व्यक्ति को सिरदर्द, चेहरे पर दबाव, नाक बंद होना, नाक से पानी आना, गंध सूंघने में परेशानी, आंखों के आसपास दर्द और थकान जैसी समस्याएं होती हैं। अक्सर यह समस्या जुकाम, एलर्जी, धूल-मिट्टी या फंगल-बैक्टीरियल इंफेक्शन के कारण होती है। कुछ मामलों में यह समस्या बार-बार होती है और क्रॉनिक साइनस का रूप ले सकती है।साइनस का दर्द कहां होता है?
साइनस का दर्द आमतौर पर चेहरे के अलग-अलग हिस्सों में महसूस होता है, क्योंकि साइनस कैविटी माथे, आंखों के बीच, गालों और नाक के आसपास होती हैं। इस कारण साइनस का दर्द माथे पर, आंखों के ऊपर या नीचे, गालों में, नाक की जड़ों पर और कभी-कभी जबड़े तक भी महसूस हो सकता है। यह दर्द दबाव जैसा लगता है और झुकने या सिर हिलाने पर और भी बढ़ सकता है। साथ ही आंखों के आसपास सूजन, भारीपन या हल्का सिरदर्द भी महसूस हो सकता है। यह दर्द आमतौर पर सुबह के समय या मौसम बदलने पर ज्यादा होता है।साइनस में क्या क्या नहीं खाना चाहिए?
साइनस की समस्या में कुछ फूड्स से परहेज करना जरूरी होता है। ऐसा इसलिए, क्योंकि ये बलगम बढ़ा सकते हैं या एलर्जी को ट्रिगर कर सकते हैं। सबसे पहले, डेयरी प्रोडक्ट्स जैसे दूध, पनीर, आइसक्रीम से परहेज करें क्योंकि ये बलगम बनाते हैं। ज्यादा तली-भुनी और ऑयली चीजें, प्रोसेस्ड फूड, ज्यादा मीठा और ठंडी चीजें साइनस को बिगाड़ सकते हैं। मैदा और फास्ट फूड भी इम्यूनिटी को कमजोर करते हैं। इसके अलावा ज्यादा खट्टी चीजें जैसे नींबू या अचार भी कुछ लोगों में एलर्जी बढ़ा सकती हैं।