Benefits Of Yoga During Pregnancy In Hindi: प्रेग्नेंसी के दौरान एक्सरसाइज करना बहुत अच्छा होता है। इससे डिलीवरी के दौरान काफी मदद मिलती है। नेचुरल डिलीवरी की संभावना भी होती है। हालांकि, अगर महिला को किसी तरह की शारीरिक समस्या है, तो उन्हें किसी भी तरह की एक्सरसाइज करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लेनी चाहिए। जो महिलाएं इंटेंस एक्सरसाइज नहीं कर पाती हैं, वे योग की मदद लेती हैं। विशेषज्ञों की मानें, प्रेग्नेंसी में योग करना भी बहुत फायदेमंद होता है। इससे न सिर्फ गर्भवस्थ महिला को लाभ मिलते हैं, बल्कि यह शिशु की ग्रोथ के लिए भी लाभकारी होता है। इस लेख में हम जानेंगे कि गर्भवती महिलाओं को योग करने से किस-किस तरह के लाभ मिल सकते हैं। इस बारे में हमने योग एक्सपर्ट पारस माहेश्वरी से बात की। (Pregnancy Me Yoga Karne Ke Fayde)
प्रेग्नेंसी के दौरान योग करने के फायदे- Effects Of Yoga During Pregnancy In Hindi
मानसिक सुकून मिलता है
प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाएं बहुत ज्यादा तनाव में रहती हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि प्रेग्नेंसी में हो रहे शारीरिक बदलाव मलिहा को परेशान कर देते हैं। कभी उल्टी, कभी मतली जेसी समस्याओं के कारण मेंटल हेल्थ पर भी बुरा असर पड़ता है। इस तरह की स्थिति से बचने के लिए जरूरी है कि महिलाएं नियमित रूप से योग करें। योग के दौरान ब्रीदिंग एक्सरसाइज और मेडिटेशन करना चाहिए। इससे मान शांत होता है और इमोशंस को बैलेंस करने में भी मदद मिलती है।
इसे भी पढ़ेंः प्रेग्नेंसी में कौन से योगासन करने चाहिए? एक्सपर्ट से जानें
स्ट्रेंथ मिलती है
प्रेग्नेंसी के दौरान नियमित रूप से योग करने की वजह से शरीर में लचीलापन आता है और स्ट्रेंथ बढ़ती है। ध्यान रखें कि डिलीवरी के दौरान मसलस की मजबूती होना बहुत जरूरी है। डिलवरी के दौरान अगर महिला कमजोर हो, तो प्रसव के दौरान जटिलताएं बढ़ सकती हैं।
पीठ दर्द से राहत
प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं के पीठ, कंधे और कमरे में काफी दर्द होने लगता है। कभी-कभी पर्याप्त रेस्ट करने के बावजूद इस तरह की तकलीफ से राहत नहीं मिलती है। कई बार महिलाएं प्रेग्नेंसी के दौरान पीठ के बल लेट भी नहीं पाती हैं, क्योंकि इससे पेट में दबाव बनने लगता है। योग करने से इस तरह की समस्या से भी राहत मिलने लगती है। इसके अलावा, डिलीवरी के दौरान शरीर काफी स्ट्रेच होता है, ताकि शिशु सही तरह से बाहर निकल सके। इसके अलावा, प्रेग्नेंसी दौरान पीठ दर्द, साइटिका और पैरें में सूजन के कारण दर्द जैसी कई समस्याएं होती हैं। वहीं योग की मदद से इस तरह की समस्याओं से छुटकारा मिल सकता है।
इसे भी पढ़ेंः क्या प्रेग्नेंसी के शुरुआती दिनों में योग कर सकते हैं? जानें एक्सपर्ट से
बैलेंसिंग में सुधार
जैसे-जैसे प्रेग्नेंसी के दिन चढ़ते जाते हैं, वैसे-वैसे महिला का वजन बढ़ता जाता है। कई बार गर्भवस्थ शिशु के वजन के कारण महिला को बैलेंसिंग की समस्या होने लगती है। इस तरह की स्थिति में अगर महिला नियमित रूप से योग करती हैं, तो ऐसे में उनके पोस्चर में सुधार होता है और बैलेंसिंग की समस्या भी दूर होती है।
ओवर ऑल हेल्थ पर असर
योग एक ऐसी विधा है, जिसे नियमित रूप से करने पर प्रेग्नेंट महिला की ओवर ऑल हेल्थ पर अच्छा असर पड़ सकता है। जैसे योग की वजह से महिलाओं की इम्यूनिटी बूस्ट हो सकती है, जिससे बीमार होने का रिस्क कम हो जाता है। यह शिशु के विकास को पॉजिटिव तरीके से प्रभावित करता है। साथ ही, महिला की शारीरिक समस्याओं को भी कम करता है।
नोट करेंः प्रेग्नेंसी की किसी भी तिमाही में ऐसी योगासन करने से बचें, जिसमें अधिक ट्विस्ट, बेंड के पोज हों। इससे गर्भवस्था शिशु और गर्भवती महिला के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ सकता है।
FAQ
गर्भवती महिला के लिए सबसे अच्छा व्यायाम क्या है?
गर्भावस्था के दौरान महिलाएं कई एक्सरसाइज कर सकती हैं, जैसे एरोबिक्स, योग, वॉकिंग, जॉगिंग, स्वीमिंग आदि। इन एक्सरसाइज की मदद से मांसपेशियां मजबूत होती हैं और शरीर का लचीलापन बढ़ता है।क्या योग नॉर्मल डिलीवरी में मदद करता है?
योग शरीर का लचीलापन बढ़ाता है और मांसपेशियों की स्ट्रेंथ को बेहतर करता है। इस तरह देखा जाए, तो योग की मदद से नॉर्मल डिलीवरी में मदद मिल सकती है।प्रारंभिक गर्भावस्था में कौन सा योग खतरनाक है?
गर्भावस्था में ऐसे किसी योगासन को नहीं करना चाहिए, जिसमें ज्यादा ट्विस्ट और बेंड करने की पोजिशन को महत्व दिया जाता है। इस तरह के योगासन से गर्भाशय पर बुरा असर पड़ सकता है और यह शिशु तथा मां के स्वास्थ्य को नकारात्मक तरीके से प्रभावित करता है।