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प्रेग्नेंसी की थाली में कितना पोर्सन किस चीज का होना चाहिए, डॉक्टर से जानें

Balanced Diet Plan for Pregnant Women : प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं की हर थाली में विटामिन, मिनरल्स, प्रोटीन और कार्ब्स का संतुलन सही होना चाहिए।
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प्रेग्नेंसी की थाली में कितना पोर्सन किस चीज का होना चाहिए, डॉक्टर से जानें

Balanced Diet Plan for Pregnant Women : प्रेग्नेंसी में हर महिला को अपने खानपान का विशेष ध्यान रखना होता है। इस दौरान महिला द्वारा खाया-पिया गया सीधा गर्भस्थ शिशु के मानसिक और शारीरिक को प्रभावित करता है। यही कारण है कि प्रेग्नेंट महिलाओं को संतुलित और पोषणयुक्त आहार का सेवन करने की सलाह दी जाती है। भारतीय घरों में जब बात खाने की आती है, तो परिवार के लोग सबसे पहले थाली का जिक्र करते हैं।

भारतीय घरों की थाली में प्रोटीन, कार्ब्स, विटामिन और मिनरल्स पाए जाते हैं। लेकिन आम दिनों में खाई जाने वाली थाली प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए पर्याप्त नहीं होती है। अब सवाल यह उठता है कि प्रेग्नेंट महिला की थाली में क्या-क्या होना चाहिए और किस मात्रा में? आइए जानते हैं इन सवालों के जवाब।

प्रेग्नेंट महिलाओं की थाली कैसी होनी चाहिए- Balanced Diet Plan for Pregnant Women

फरीदाबाद के सेक्टर 8 स्थित सर्वोदय अस्पताल की स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग की कंसल्टेंट डॉ. निधि शर्मा (Dr. Nidhi Sharma, Consultant - Obstetrics & Gynaecology, Sarvodaya Hospital, Sector-8, Faridabad) का कहना कि प्रेग्नेंसी में महिलाओं के शरीर में कई प्रकार के बदलाव होते हैं। ऐसे में शरीर को सामान्य से अधिक पोषण की आवश्यकता होती है। यही कारण है कि प्रेग्नेंसी में खाने की थाली के आकार से ज्यादा पोषण मायने रखता है। बड़ी थाली होने का ये मतलब नहीं है कि उसमें सभी पोषक तत्व मौजूद हों। कई बार खाने की थाली छोटी होती है, लेकिन उसमें पोषक तत्व भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। आइए जानते हैं थाली में कितना पोर्शन, किस पोषक तत्व का होना चाहिए।

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1. कार्बोहाइड्रेट- Importance of Carbohydrates in Pregnancy

डॉ. निधि शर्मा के अनुसार, प्रेग्नेंसी में पर्याप्त मात्रा में कार्बोहाइड्रेट का सेवन करने से शरीर को एनर्जी मिलती है। यह तत्व शारीरिक और मानसिक थकान को भी दूर करता है। प्रेग्नेंट महिला की थाली का 30 से 40 प्रतिशत हिस्सा कार्बोहाइड्रेट्स युक्त होना चाहिए। इसके लिए महिलाएं खाने में गेहूं, चावल, बाजरा, ज्वार, ओट्स, ब्राउन राइस को शामिल कर सकती हैं।

2. प्रोटीन- Benefits of Protein in Pregnancy

बालों, त्वचा और मसल्स को रिकवरी के लिए प्रोटीन बहुत जरूरी पोषक तत्व है। प्रेग्नेंसी में प्रोटीन का महत्व और भी ज्यादा बढ़ जाता है। प्रोटीन मां के शरीर में ऊतकों और अंगों के निर्माण, हार्मोन और एंजाइम के उत्पादन में मदद करता है। प्रेग्नेंट महिलाओं को प्रतिदिन 80 से 100 ग्राम प्रोटीन का सेवन करना चाहिए। प्रोटीन के लिए महिलाएं डाइट में दालें, दूध, दही, पनीर, अंडा, चिकन, मछली, सोया, छोले और मूंगफली को शामिल कर सकती हैं।

3. फाइबर - Importance of Fiber in Pregnancy

प्रेग्नेंसी में हार्मोनल बदलाव होने की वजह से पाचन संबंधी परेशानियां जैसे- कब्ज, पेट में दर्द, उल्टी और एसिडिटी आम होती है। इस प्रकार की समस्याओं से बचने के लिए फाइबर का सेवन करना बहुत फायदेमंद होता है। फाइबर पाचन तंत्रिका को तेज करके मल को मुलायम बनाता है, जिससे मल त्याग की प्रक्रिया आसान होती है। प्रेग्नेंसी में फाइबर का सेवन करने से पाचन संबंधी परेशानी दूर होती है। फाइबर की प्राप्ति के लिए आप डाइट में साबुत अनाज, सब्जियों और फलों को शामिल कर सकते हैं। प्रेग्नेंसी की थाली में 20 प्रतिशत हिस्सा फाइबर युक्त होना जरूरी है।

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4. कैल्शियम

प्रेग्नेंसी में कैल्शियम का सेवन करने से गर्भस्थ शिशु की हड्डियों और दांतों के निर्माण में मदद मिलती है। कैल्शियम प्रेग्नेंसी में कमजोर होने वाली हड्डियों और कमर के दर्द से भी राहत दिलाता है। स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ का कहना है कि मां और शिशु के स्वास्थ्य के लिए प्रतिदिन महिलाओं को 100 ग्राम कैल्शियम की जरूरत होती है। कैल्शियम की पूर्ति के लिए दूध, दही, पनीर, तिल और बादाम को थाली में शामिल करना चाहिए। हर प्रेग्नेंट महिला की कैल्शियम की जरूरत अलग होती है, इसलिए थाली में कैल्शियम की मात्रा तय करने के लिए अपने डॉक्टर से बात करें।

5. हेल्दी फैट

प्रेग्नेंसी के दौरान हेल्दी फैट जैसे: घी, सरसों का तेल, जैतून तेल, नारियल तेल, बादाम, अखरोट और असली का सेवन करने से हार्मोन बैलेंस रहते हैं और मूड स्विंग की परेशानी कम होती है। प्रेग्नेंसी में महिला की थाली में 5 से 10 प्रतिशत हिस्सा हेल्दी फैट का होना चाहिए।

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इनके अलावा खाने में आयरन, फोलिक एसिड और विटामिन डी को भी शामिल करना जरूरी है। खाने के साथ-साथ प्रेग्नेंसी में शरीर को हाइड्रेटेड रखने के लिए प्रतिदिन 3 लीटर पानी जरूर पिएं। अगर आपको सादा पानी पीने से में किसी प्रकार की परेशानी हो रही है, नारियल पानी, छाछ, नींबू पानी, सूप जैसे हेल्दी ड्रिंक्स को भी डाइट में शामिल कर सकते हैं।

निष्कर्ष

प्रेग्नेंट महिलाओं की थाली में पोषण केवल उनके स्वास्थ्य के लिए ही नहीं, बल्कि उनके गर्भस्थ शिशु के संपूर्ण विकास के लिए भी आवश्यक होता है। अगर आप प्रेग्नेंट हैं तो ऊपर बताए गए पोर्शन के हिसाब से थाली बनाएं।

FAQ

  • प्रेग्नेंसी के दौरान लंच में क्‍या खाएं?

    प्रेग्नेंसी में लंच ऐसा होना चाहिए, जिसे खाने के बाद आपको मानसिक संतुष्टि मिल सके। लंच में प्रेग्नेंट महिलाएं मल्टीग्रेन रोटी (गेहूं + बाजरा + ज्वार), पकी हुई हरी सब्जियां (पालक, मेथी, लौकी, गाजर आदि), कोई भी एक दाल और सलाद खा सकती हैं।
  • प्रेग्नेंसी के दौरान शाम को क्‍या खाएं?

    प्रेग्नेंसी के दौरान शाम का खाना (ईवनिंग स्नैक) बहुत महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि दोपहर और रात के खाने के बीच लंबा गैप हो सकता है। इस समय अपनी पसंद कोई भी मिल्कशेक, भुने हुए बादाम, अखरोट, काजू, किशमिश जैसी चीजें खा सकती हैं।
  • प्रेग्नेंसी के दौरान रात में क्‍या खाएं? 

    प्रेग्नेंसी के दौरान रात का खाना हल्का और आसानी से पचने वाला होना चाहिए। रात के खाने में मूंगदाल की खिचड़ी, देसी घी, 1 कटोरी दही और हल्के मसालों में पका हुआ टोफू और पनीर प्रेग्नेंट महिलाएं ले सकती हैं।

 

 

 

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