रोज भस्त्रिका प्राणायाम किया जाए तो शारिरिक रूप के साथ-साथ मानसिक रूप से भी स्वस्थ्य रह सकते हैं। भ्रस्तिका कुंभक शरीर के हर अंग तक फायदा पहुंचाती है। जमशेदपुर के बिरसानगर में रहने वाले और सीआरपीएफ, रैफ, सेना के जवानों के योग प्रशिक्षक मगन लाल शर्मा बताते हैं कि भस्त्रिका का पूरा नाम भस्त्रिका कुंभक होता है। तो आइए इस आर्टिकल में हम योगा प्रशिक्षक से बात कर जानते हैं कि भस्त्रिका हमारे फेफड़ों को कैसे मजबूत बनाता है।
इस आसन में हमारे डायफ्रॉम का उपयोग होता है
योग प्रशिक्षक बताते हैं कि भस्त्रिका का मतलब होता है लोहार की धौंकनी (आग दहकाने की चमड़े की थैली का बना उपकरण)। यह क्रम बद्ध हवा को पूरा भरती है और पूरा छोड़ती है। इसी तरह भस्त्रिका प्राणायाम में हवा को हम शरीर में पूरा भरते हैं और पूरा छोड़ते हैं। इस आसन को करने लिए हमारे शरीर के डायाफ्राम का उपयोग किया जाता है। इसलिए इसे भस्त्रिका कुंभक कहा जाता है। इसे योगियों का प्राणायाम भी कहा जाता है।
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इसे करने से होने वाले फायदे
- संतुलन : इससे वात, पित्त, कफ तीनों संतुलित होता है, जिस कारण लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास होने के साथ छोटी-मोटी बीमारी नहीं होती है।
- ऑक्सीजन सप्लाई होती है बेहतर : भस्त्रिका प्राणायाम करने से शरीर के एक-एक सेल में भरपूर मात्रा में ऑक्सीजन मिलती है। इससे हर एक सेल्स को भरपूर मात्रा में न्यूट्रीशन पहुंचता है। इससे हेल्थ अच्छी होती है।
- इम्यूनिटी बढ़ती है : नियमित तौर पर भ्रस्तिका इसके साथ इम्यूनिटी भी बढ़ती है। भस्त्रिका प्राणायाम करने से हमारा शरीर एक एथलीट की तरह स्वस्थ रहता है। इसे करने के कई फायदे होते हैं।
- दिमाग को करता है तेज : भस्त्रिका प्राणायाम हमारे दिमाग पर बहुत ही ज्यादा असर करता है। दिमाग शरीर के ऑक्सीजन का 20 प्रतिशत हिस्सा खुद इस्तेमाल करता है। अगर हमें एंग्जाइटी की समस्या है या हम ज्यादा पढ़ या सोच रहे हैं, या कहीं ज्यादा दिमाग खर्च रहे हैं तो दिमाग को ज्यादा ऑक्सीजन की जरूरत पड़ती है। ऐसे में भस्त्रिका प्राणायाम से इसकी पूर्ति की जा सकती है। अगर भस्त्रिका नहीं भी कर रहे हैं तो लंबी-लंबी सांस अंदर खींचने से राहत मिलेगी। अगर नियमित रूप से भस्त्रिका करेंगे तो आप किसी बात को ज्यादा देर तक याद कर सकते हैं, आपका दिमाग तेज हो जाएगा, दिमाग एकाग्र होगा। बहुत ज्यादा बारीकी से चीजों को सीख सकते हैं और समझ सकते हैं। यही कारण है कि छोटे बच्चों को भस्त्रिका प्राणायाम करने की सलाह दी जाती है।
- मेमोरी पावर बढ़ती है : बढ़ती उम्र के साथ याददाश्त कमजोर होती है। इससे न्यूरॉन्स मर जाते हैं। भस्त्रिका प्राणायाम करने से न्यूरॉन्स ठीक रहते हैं। इससे नए-नए न्यूरॉन पैदा होते हैं। भस्त्रिका प्राणायाम को नियमित तौर पर किया जाए तो याददाश्त शक्ति को बढ़ाया जा सकता है। इससे हमारी मेमोरी पावर कम नहीं होती है। भस्त्रिका से सूंघने से शक्ति बढ़ती है।
- एंडोक्राइन सिस्टम को ठीक करता है : भस्त्रिका प्राणायाम से एंडोक्राइन सिस्टम की मालिश होती है, जिससे यह ठीक होता है। इसके ग्लैंड की एक्टिविटी अगर कम है तो बढ़ जाती है। अगर बढ़ी हुई है तो कम करती है।
- लंग्स का पूरा इस्तेमाल होता है : जो शरीर से मेहनत वाला काम नहीं करते हैं उससे लंग्स के बड़े हिस्से का इस्तेमाल नहीं होता है। इससे इसमें कफ, बलगम इत्यादि जमा होते रहता है। भस्त्रिका करने से हमारे लंग्स का पूरा इस्तेमाल करते हैं। इससे लंग्स में कफ जमा नहीं होता है। इससे शरीर में ज्यादा जान और ज्यादा दम आता है। आपकी जीवन शक्ति बढ़ती है।
- पाचन शक्ति को मजबूत करती है : कार्डियोवैस्कुलर सिस्टम पर भस्त्रिका का काफी प्रभाव पड़ता है। इससे काफी ज्यादा फायदे होते हैं। इससे पाचन शक्ति भी मजबूत होती है। भस्त्रिका प्राणायाम में वेग के साथ सांस को अंदर लेते हैं और छोड़ते हैं। इससे हमारे खून में कार्बन डाइऑक्साइड और ऑक्सीजन का एक्सचेंज काफी तेजी से होता है, जिसकी वजह से मेटाबॉलिज्म बहुत ही ज्यादा तेज भी हो जाता है और बढ़ भी जाता है। इससे आपका वजन कम होना शुरू हो जाएगा। यह शुगर के मरीजों के लिए भस्त्रिका काफी फायदेमंद होता है।
- टॉक्सिन को निकालता है : भस्त्रिका प्राणायाम करने से पेट पूरी तरह से फूलता और अंदर जाता है। इससे अंदर की आर्गन की मसाज हो जाती है। इससे शरीर के सभी टॉक्सिन यूरिन के रास्ते से बाहर निकल जाते हैं। कुल मिलाकर कहें तो शरीर के जहरीले पदार्थों को निकालने में यह प्राणायाम काफी अहम माना जाता है।
- मसल्स और हड्डियों को मजबूत करता है : हम बहुत ज्यादा पौष्टिक खाना खाते हैं। फिर भी हमारे मसल्स और हड्डियां मजबूत नहीं होती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि पोषक तत्व हमारे बॉडी के हर भाग तक नहीं पहुंच पाते हैं। भस्त्रिका प्राणायाम से पोषक तत्व के फायदे हर अंग तक पहुंचते हैं।
- शरीर में खाना लगता है : भस्त्रिका प्राणायाम आप अगर नियमित तौर पर करते हैं और आपका भोजन रोटी, सब्जी, चावल है। लेकिन भस्त्रिका प्राणायाम के कारण इस भोजन से आपको फायदा काजू, किशमिश, खजूर वाला मिलता है। क्योंकि इससे आपका सामान्य भोजन भी ज्यादा पौष्टिक हो जाता है। आप जिस भी खाद्य पदार्थ का सेवन करेंगे वो आपके शरीर में लगेगा।
- स्किन को अच्छा करता है : हम हाइली टॉक्सिन एनवायरमेंट में रहते हैं। इसके कारण यह हमारे खाने, पानी, सांसों से हमारे शरीर में आ जाते हैं और शरीर को नुकसान पहुंचाते हैं। अगर हम नियमित रूप से भस्त्रिका प्राणायाम करें तो यह हमारे सभी सेल्स को ऑक्सीजनेट के साथ डिटॉक्सीफाई भी करता है। इसके कारण हमारा स्किन अच्छा होता है। यह सोरायसिस के मरीजों के लिए काफी फायदेमंद होता है। त्वचा में निखार आता है, देखने में यह काफी आकर्षक लगता है।

जानें इस आसन को कैसे करें
- सबसे पहले सीधे बैठ जाएं
- रीढ़ और गर्दन को सीधा रखें
- आसन को करने से पहले मन को शांत रखें
- इसके बाद अब नाक के दोनों छिद्र से सांस लेना है और दोनों छिद्र से सांस छोड़ना है
- बल का प्रयोग कर सांस ना लें
- सांस लेने के समय आवाज नहीं करें
- सांस भरने में हम जितना समय लेंगे उससे ज्यादा समय में सांस छोड़ने में लें
- जैसे हम सांस भरने में 10 सेकेंड लेते हैं तो छोड़ने में 11 से 12 सेकेंड का समय लें
- सांस को कुछ देर तक अंदर रखना होगा। इस प्राणायाम को हमेशा खुले और साफ वातावरण में करें
योगासन को करने के पहले योग प्रशिक्षक से लें ट्रेंनिंग
योगासन को करके आप शरीर को स्वस्थ्य और संतुलित कर सकते हैं। लेकिन इसके पहले जरूरी है कि योग प्रशिक्षक से ट्रेनिंग ले लिया जाए। क्योंकि हर व्यक्ति का शरीर अलग होता है, कई लोगों को बीमारी होती है तो कई निरोग रहते हैं। आप अच्छे से योग करें इसके लिए पहले एक्सपर्ट के निर्देशन में योग करना सही रहता है। ताकि जहां भी आप गलती कर रहे हों योग प्रशिक्षक आपकी गलतियों को सुधारें।
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