
सर्दियों का मौसम आते ही खान-पान में मिठास अपने आप बढ़ जाती है। कहीं तिल-गुड़ के लड्डू बनते हैं तो कहीं गुड़ वाली चाय पीने की आदत शुरू हो जाती है। भारतीय घरों में गुड़ को सिर्फ मिठास का जरिया नहीं, बल्कि सेहत का साथी माना जाता है। दादी-नानी की नसीहत होती है कि सर्दियों में रोज थोड़ा-सा गुड़ जरूर खाना चाहिए, क्योंकि यह शरीर को गर्म रखता है और पाचन को मजबूत बनाता है। आयुर्वेद भी गुड़ को अग्नि को प्रज्वलित करने वाला और शरीर से विषैले तत्वों को बाहर निकालने वाला मानता है लेकिन सवाल यह है कि क्या गुड़ वाकई हर किसी के लिए उतना ही फायदेमंद है, जितना हम मानते आए हैं? क्या सर्दियों में गुड़ का ज्यादा सेवन सेहत के लिए परेशानी खड़ी कर सकता है? इस लेख में रामहंस चेरिटेबल हॉस्पिटल के आयुर्वेदिक डॉक्टर श्रेय शर्मा (Ayurvedic doctor Shrey Sharma from Ramhans Charitable Hospital) से जानिए, सर्दियों में गुड़ का सेवन कब नुकसान कर सकता है?
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सर्दियों में गुड़ का सेवन कब नुकसान कर सकता है? - When should we not eat jaggery in winter
आयुर्वेदिक डॉक्टर श्रेय शर्मा बताते हैं कि गुड़ का सेवन आमतौर पर नुकसान नहीं करता है। यह पाचन अग्नि को बेहतर करता है और शरीर की पाचन क्षमता को मजबूत बनाता है। गुड़ शरीर से विषैले तत्वों को बाहर निकालने में मदद करता है और ठंड के मौसम में एनर्जी भी प्रदान करता है। यही कारण है कि आयुर्वेद में गुड़ को प्राकृतिक स्वीटनर के रूप में उपयोगी माना गया है लेकिन कुछ लोगों के लिए गुड़ का सेवन नुकसान भी कर सकता है।
1. डायबिटीज के मरीजों के लिए खतरा
आयुर्वेदिक डॉक्टर श्रेय शर्मा के अनुसार, अगर कोई व्यक्ति डायबिटिक है और उसकी ब्लड शुगर लेवल 250 से ज्यादा रहती है, तो उसे गुड़ के सेवन से परहेज करना चाहिए। गुड़ में प्राकृतिक रूप से शर्करा की मात्रा अधिक होती है, जो ब्लड शुगर को तेजी से बढ़ा सकती है। सर्दियों में अधिक गुड़ खाने से डायबिटिक मरीजों में शुगर अनकंट्रोल हो सकती है।
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2. ज्यादा गुड़ खाने से बनने लगती है अधिक लार
आयुर्वेद के अनुसार किसी भी चीज का अति सेवन नुकसानदायक होता है। डॉक्टर श्रेय शर्मा बताते हैं कि अगर कोई व्यक्ति जरूरत से ज्यादा गुड़ का सेवन करता है, तो उसके शरीर में अधिक मात्रा में लार बनने लगती है। इससे मुंह में चिपचिपापन, भारीपन और पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। सर्दियों में जब पाचन पहले से ही धीमा होता है, तब ज्यादा गुड़ खाने से गैस और अपच की शिकायत बढ़ सकती है।
3. बाजार में मिलने वाले मसालेदार गुड़ से सावधान
आजकल बाजार में कई तरह के फ्लेवर्ड और मसालों से बने गुड़ उपलब्ध हैं, जिन्हें सेहत के लिए बेहतर बताकर बेचा जाता है लेकिन आयुर्वेदाचार्य इनसे बचने की सलाह देते हैं। डॉक्टर श्रेय शर्मा के अनुसार, मसालों से बने गुड़ में मिलावट और कृत्रिम तत्व हो सकते हैं, जो पाचन तंत्र पर नकारात्मक असर डालते हैं। ऐसे गुड़ का सेवन करने से एलर्जी, एसिडिटी और पेट दर्द जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

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डॉक्टर की सलाह
गुड़ का सेवन करने से पहले यह जरूर ध्यान रखें कि गुड़ शुद्ध और सही हो। बहुत ज्यादा गहरा या चमकदार गुड़ अक्सर केमिकल से बनाया गया हो सकता है। आयुर्वेदाचार्य सलाह देते हैं कि गुड़ हमेशा भरोसेमंद सोर्स से ही खरीदें और सीमित मात्रा में ही सेवन करें।
निष्कर्ष
सर्दियों में गुड़ खाना सेहत के लिए फायदेमंद हो सकता है, लेकिन यह हर व्यक्ति के लिए सुरक्षित नहीं है। डायबिटीज के मरीज, कमजोर पाचन वाले व्यक्तियों को गुड़ का सेवन सोच-समझकर करना चाहिए। साथ ही बाजार में मिलने वाले मसालेदार और मिलावटी गुड़ से बचना जरूरी है। आयुर्वेद के अनुसार संतुलित मात्रा और सही समय पर किया गया गुड़ का सेवन ही लाभ देता है, वरना यही गुड़ सर्दियों में सेहत को नुकसान भी पहुंचा सकता है।
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FAQ
क्या गुड़ चीनी से ज्यादा हेल्दी होता है?
गुड़ को चीनी की तुलना में बेहतर माना जाता है क्योंकि इसमें आयरन, मैग्नीशियम और पोटैशियम जैसे मिनरल्स पाए जाते हैं। हालांकि, इसका सेवन भी सीमित मात्रा में ही करना चाहिए।सर्दियों में गुड़ खाने का सही समय क्या है?
आयुर्वेद के अनुसार दिन में, खासकर भोजन के बाद थोड़ा-सा गुड़ खाना बेहतर माना जाता है।शुद्ध गुड़ की पहचान कैसे करें?
शुद्ध गुड़ बहुत ज्यादा चमकदार नहीं होता, उसका रंग हल्का भूरा या गहरा पीला होता है और स्वाद में हल्की मिट्टी जैसी खुशबू होती है।
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Dec 20, 2025 18:18 IST
Published By : Akanksha Tiwari