Medically Reviewed by Dr Shrey Sharma

क्या पित्त दोष में अश्वगंधा का सेवन करना फायदेमंद होता है? आयुर्वेदिक एक्सपर्ट से जानें खाएं या नहीं

Ashwagandha for Pitta Dosha: पित्त दोष में संतुलित मात्रा में अश्वगंधा का सेवन किया जा सकता है। इससे पित्त संबंधी समस्याओं में कमी आती है। हालांकि, एक्सपर्ट की सलाह को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है।
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क्या पित्त दोष में अश्वगंधा का सेवन करना फायदेमंद होता है? आयुर्वेदिक एक्सपर्ट से जानें खाएं या नहीं

Ashwagandha for Pitta Dosha: आयुर्वेद के अनुसार तीन तरह के दोष होते हैं, पित्त, वात और कफ। पित्त दोष शरीर की गर्म और बदलने वाली ऊर्जा है। इसका अग्नि और जल तत्व से संबंध होता है, जो कि पाचन क्षमता, शरीर की गर्मी, सोचने-समझने की शक्ति और भावनाओं को नियंत्रित करता है। आयुर्वेदिक एक्सपर्ट्स की मानें, तो जब पित्त संतुलन में होता है, तो व्यक्ति का स्वास्थ्य सामान्य होता है, जैसे पाचन क्षमता दुरुस्त रहती है और सामान्य निर्णय लेने में भी सक्षम होता है। वहीं, अगर पित्त बढ़ जाता है, तो पेट में जलन, एसिडिटी, सूजन, चिड़चिड़ापन, गुस्सा और त्वचा संबंधी समस्याएं होने लगती हैं। बहरहाल, आयुर्वेद अश्वगंधा का सेवन करना काफी लाभकारी माना जाता है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या पित्त दोष में अश्वगंधा का सेवन करना फायदेमंद है? आइए, आयुर्वेदिक सिरसा के रामहंस चेरिटेबल हॉस्पिटल के आयुर्वेदिक डॉ. श्रेय शर्मा (Ayurvedic doctor Shrey Sharma from Ramhans Charitable Hospital) से जानते हैं कि पित्त दोष वाले इसका सेवन करें या नहीं।


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क्या पित्त दोष में अश्वगंधा का सेवन करना फायदेमंद होता है?- Is Ashwagandha Good For Pitta Dosha

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अश्वगंधा को मुख्य रूप से वात और कफ दोष को संतुलित करने वाला माना जाता है, लेकिन अगर कोई जाने-अनजाने इसका सेवन गलत तरीके से या गलत मात्रा में कर लेता है, तो इसकी स्वाभाविक उष्ण (गर्म) प्रकृति के कारण यह पित्त दोष को बढ़ा सकता है। कहने का मतलब साफ है कि अश्वगंधा का सेवन पित्त दोष वालों को सीमित मात्रा में करना चाहिए। इसके अलावा, बेहतर होगा कि एक्सपर्ट की सलाह पर ही इसका सेवन करें।

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पित्त दोष पर अश्वगंधा का प्रभाव- Ashwagandha Effects On Pitta Dosha

अधिक मात्रा में लेने पर

अगर आप अश्वगंधा का सेवन अधिक मात्रा में करते हैं, तो इसकी अश्वगंधा की उष्ण शक्ति (वीर्य) और तीखा स्वाद शरीर की गर्मी को बढ़ा सकते हैं। ऐसे में पित्त प्रधान व्यक्ति या पहले से पित्त असंतुलन से जूझ रहे व्यक्ति का स्वास्थ्य बहुत खराब हो सकता है। अधिक मात्रा में अश्वगंधा लेने के कारण शरीर से अधिक पसीना आ सकता है, एसिडिटी, पेट में जलन या चिड़चिड़ापन जैसी समस्याएं देखने को मिल सकती हैं।

संतुलित मात्रा में लेने पर

गर्म प्रकृति के बावजूद अश्वगंधा तनाव कम करने, सूजन घटाने और ब्रेन फंक्शन में सुधार करने के लिए जाना जाता है। यही कारण है कि पित्त से जुड़ी कुछ समस्याओं जैसे तनाव या मानसिक एकाग्रता के लिए आयुर्वेदिक एक्सपर्ट इसका सेवन करने की सलाह दे सकते हैं।

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पित्त दोष में अश्वगंधा का सेवन कैसे करें?

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दूध या घी के साथ लें

चूंकि, अश्वगंधा गर्म प्रभाव का है इसलिए इसके साथ ठंडी चीजें दूध या घी मिक्स करके लें। एक्सपर्ट्स पित्त दोष में सिर्फ अश्वगंधा का सेवन करने से मना करते हैं। कूलिंग इफेक्ट वाली चीजों के साथ इसका सेवन करना स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होता है।

पोर्शन का ध्यान रखें

अश्वगंधा का सेवन कभी भी अपनी मनमर्जी से न करें। वैसे तो अगर किसी को इसे अपनी बैलेंस्ड डाइट का हिस्सा बनाना है, तो रोजाना 250-500 मिलीग्राम तक ले सकते हैं। हालांकि, सबके शरीर की जरूरत अलग होती है। वहीं, सबका स्वास्थ्य भी अलग होता है। इसलिए, इसके पोर्शन साइज पर विशेष ध्यान रखें। खुद से इसे अपनी डाइट का हिस्सा न बनाएं।

आयुर्वेदिक एक्सपर्ट की मदद लें

अश्वगंधा लेना शुरू करने से पहले किसी योग्य आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह लेना बहुत जरूरी है। खासकर, अगर किसी को पित्त दोष की समस्या है या पाचन संबंधी समस्या है, तो उन्हें बिना एक्सपर्ट की सलाह के अश्वगंधा का सेवन नहीं करना चाहिए। इससे उनका स्वास्थ्य बिगड़ सकता है।

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निष्कर्ष

कुल मिलाकर कहने की बात ये है कि अश्वगंधा का सेवन करना सेहत के लिए अच्छा होता है, लेकिन पित्त दोष वालों को इसका सेवन हमेशा विशेषज्ञ की सलाह और परामर्श पर ही करना चाहिए। कई बार अश्वगंधा का सेवन करने से सेहत को फायदा होने के बजाय नुकसान हो सकता है। इस बात का हमेशा ध्यान रखें।

All Image Credit: Freepik

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FAQ

  • पित्त दोष के लिए कौन सी आयुर्वेदिक दवा सबसे अच्छी है?

    अगर आप पित्त दोष के लिए कोई आयुर्वेदिक दवा लेना चाहते हैं, तो इस बारे में आयुर्वेदिक एक्सपर्ट की सलाह लेना बेहतर होगा। वे आपकी सेहत की जांच करके आपको सही दवा परामर्श के तौर पर दे सकते हैं। हालांकि, पित्त दोष में अनार, त्रिफला और अन्य भारतीय जड़ी-बूटियों का उपयोग किया जा सकता है। इनसे पित्त दोष संतुलित होने में मदद मिलती है।
  • अश्वगंधा का लिवर पर क्या प्रभाव पड़ता है?

    लिवर से जुड़ी समस्या है, तो बेहतर है कि आप डॉक्टर से अपना इलाज करवाएं। हालांकि, अश्वगंधा को लिवर के लिए अच्छा माना जाता है, क्योंकि यह लिवर एंजाइम्स के स्तर को बढ़ाता है और फैटी लिवर की समस्या में सुधार करता है। इसके बावजूद, लिवर संबंधी बीमारी में खुद से इसका उपयोग करना सही नहीं है।
  • पित्त कम करने के लिए कौन सी जड़ी बूटी सबसे अच्छी है?

    पित्त को संतुलित करने के लिए पुदीना को काफी लाभकारी माना जाता है। फिर भी आप ध्यान रखें कि आपकी स्थिति का सही आंकलन करना आवश्यक है। इसके लिए, एक्सपर्ट की सलाह लें।

 

 

 

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  • Current Version

  • Dec 20, 2025 13:14 IST

    Published By : Meera Tagore

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