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Hyperarousal या अतिउत्तेजना का मतलब व्यक्ति का बहुत ज्यादा सेंसिटिव होना, इतना कि एक छोटा सा क्षण भी उसे उत्तेजित करने के लिए काफी होता है। Hyperarousal से ग्रस्त व्यक्ति हर समय डर, भय, चिंता की चपेट में रहा है। कभी-कभी यह स्थिति लोगों को काल्पनिक परेशानियों से घेर लेता है। असल में, Hyperarousal को आप कई लक्षणों का एक समूह कह सकते हैं। यहां सवाल ये है कि व्यक्ति इस तरह की स्थिति में क्यों आता है? क्या ऐसा होना सामान्य है या यह किसी गंभीर बीमारी की ओर इशारा करता है। आइए, जानते हैं कि इस बारे में विशेषज्ञ क्या बताते हैं।
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अतिउत्तेजना क्या है?- What Is Hyperarousal
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ (NIH) में प्रकाशित अध्ययनों के मुताबिक अतिउत्तेजना का मतलब है कि जब व्यक्ति हर समय फाइट-फ्लाइट के मोड में होता है। वैसे तो हमारा शरीर फाइट-फ्लाइट मोड में तभी जाता है, हमें लगता है कि हम किसी तरह के खतरे में है। हालांकि, इस तरह का खतरा काल्पनिक या रियल हो सकता है। विशेषज्ञों के मुताबिक, जब व्यक्ति खतरा न होते हुए भी हर समय अतिउत्तेजितन अवस्था में महसूस करता है। इसे ही हम Hyperarousal कहते हैं। विशेषज्ञ यह भी समझाते हैं कि जब व्यक्ति को अतिउत्तेजना होती है, तो वह न सिर्फ आने वाले खतरों के खिलाफ खुद को सक्रिय रखता है, बल्कि इसके साथ-साथ वह अपनी चिंता के लिए भी सतर्कता बरतता है।
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अतिउत्तेजना के लक्षण- Symptoms Of Hyperarousal

- अतिउत्तेजना के कारण व्यक्ति हर समय खतरों के प्रति अति सतर्क रहता है।
- किसी भी तरह की चीजों के बारे में बार-बार सोचना या बहुत ज्यादा सोचना। भले ही स्थितियां नियंत्रण में हों।
- अचानक बहुत ज्यादा बेचैनी होना और बात-बात पर चौंक जाना।
- दिल का तेजी से धड़कना, घबराहट जैसा महसूस होना।
- बार-बार अतीत की पुरानी बातें याद आना, जिससे डर महसूस करना।
- किसी भीत रह की आवाज या गंध के प्रति अति संवेदनशील होना।
- रात को नींद न आना, थकान महसूस करना। इस वजह से अगले दिन बेचैनी बनी रहना।
- बार-बार मूड स्विंग होना, किसी भी भरोसा न करना और एंगर इश्यूज होना।
- जरा सी घटना से डर जाना, कंपकंपनी छूटना।
- सांस फूलना, चक्कर आना या सिर भारी होना।
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अतिउत्तेजना के कारण- Causes Of Hyperarousal

विशेषज्ञों के अनुसार अतिउत्तेजना के पीछे कई कारण जिम्मेदार हो सकते हैं, जैसे-
एक्यूट स्ट्रेस डिस्ऑर्डरः यह एक तरह का शॉर्ट टर्म मेंटल हेल्थ कंडीशन है। जब किसी के साथ कोई ट्रॉमेटिक घटना घटी होती है, तब यह स्थिति पैदा होती है। जो लोग एक्यूट स्ट्रेस डिस्ऑर्डर का शिकार होते हैं, उन्हें अतिउत्तेजना हो सकती है।
एंग्जाइटी डिस्ऑर्डरः एंग्जाइटी डिस्ऑर्डर भी कई तरह के मेंटल हेल्थ कंडीशंस का एक समूह है। इसमें डर, भय, चिंता जैसी चीजें शामिल होती हैं। जिन लोगों को एंग्जाइटी होती है, वे भी अक्सर अतिसंवेदनशील हो जाते हैं। उन्हें अक्सर अपने आने वाले कल को लेकर चिंता रहती है, जिस वजह से उमें अतिउत्तेजना देखी जा सकती है।
इनसोमनिया: आमतौर पर जिन लोगों अतिउत्तेजना की समस्या होती है, उनमें न्यूरोल एक्टिविटी से जुड़ी परेशानियां भी देखने को मिलती हैं। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ में प्रकाशित एक रिपोर्ट से भी इस बात की पुष्टि होती है। रिपोर्ट की मानें, तो अतिउत्तेजना के कारण लोगों को अच्छी नींद नहीं आती है, क्योंकि वे अक्सर अपने आज और काल्पनिक घटनों को लेकर परेशान रहते हैं। ऐसे में नींद न आने की समस्या हो जाती है। अगर समय रहते उन्होंने अपने इलाज न किया, तो उनकी समस्या बिगड़ सकता है, जो कि इनसोमनिया में तब्दील हो जाती है।
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निष्कर्ष
कई तरह की मेडिकल कंडीशंस अतिउत्तेजना का कारण होती है। इसलि, अगर किसी को इस तरह की दिक्कत है, तो उन्हें बिना देरी किए डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। अतिउत्तेजना के लक्षणों का जिक्र हमने पहले ही किया हुआ है और कारणों के बारे में भी बताया है। इस तरह की बीमारी को हल्के में लेना सही नहीं है। आपको चाहिए कि आप समय पर डॉक्टर से संपर्क कर अपनी ट्रीटमेंट करवाएं।
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Nov 16, 2025 18:00 IST
Published By : Anurag Gupta