Xerostomia Causes Symptoms And Treatment In Hindi: मुंह सूखना का सीधा अर्थ होता है प्यास लगना। जैसे ही प्यास लगे पानी पी लो और समस्या खत्म। लेकिन, क्या आप जानते हैं कि अगर आपको बहुत ज्यादा प्यास लगती है और बार-बार प्यास लग रही है, तो यह सही संकेत नहीं है। बार-बार प्यास लगना एक किस्म की बीमारी है। इसे जेरोस्टोमिया के नाम से जाना जाता है। आखिर जेरोस्टोमिया की समस्या क्यों होती है? क्या यह बीमारी किसी को भी हो सकती है? किस तरह के लोगों को जेरोस्टोमिया होने का जोखिम अधिक रहता है? आइए, जिनोवा शैल्बी अस्पताल में आंतरिक चिकित्सा विशेषज्ञ डॉ. उर्वी माहेश्वरी से जानते हैं जेरोस्टोमिया (Muh Sukhne Ka Karan) से जुड़ी सभी जरूरी बातें।
क्या है जेरोस्टोमिया- What Is Xerostomia In Hindi
जेरोस्टोमिया की समस्या तब होती है, जब मुंह में पर्याप्त मात्रा में लार नहीं बनता है। मुंह में मौजूद सलाइवरी ग्लैंड लार बनाने का काम करता है। इससे आपका मुंह न सिर्फ साफ रहता है, बल्कि मुंह को अंदर से ल्युब्रिकेटेड भी रखता है। इससे मुंह सूखने की समस्या नहीं होती है। वहीं, जब जेरोस्टोमिया हो जाए, तो मुंह सूखता रहता है। आमतौर पर डिहाइड्रेशन होने पर इस तरह की समस्या अधिक देखी जाती है। इसके अलावा, कुछ बीमारियां भी जेरोस्टोमिया का कारण बन सकती हैं। यही नहीं, कुछ दवाईयां भी जेरोस्टोमिया के लिए जिम्मेदार होती हैं।
इसे भी पढ़ें: डिहाइड्रेशन ही नहीं, बल्कि इन 7 कारणों से भी सूख सकता है आपका मुंह, जानिए इसके लक्षण और बचाव के तरीके
जेरोस्टोमिया के कारण- Xerostomia Causes In Hindi
जैसा कि पहले ही बताया है कि मुंह में जब पर्याप्त मात्रा में लार नहीं बनता है, तब जेरोस्टोमिया की समस्या होती है। जेरोस्टोमिया होने पर बात करने के दौरान गला सूखने लगता है। इसके पीछे कई कारण जिम्मेदार हैं। जैसे डिहाइड्रेशन, लंबे समय तक कोई दवा लेना, मुंह से सांस लेना, कीमोथेरेपी और रेडियोथेरेपी। कई गंभीर बीमारियां भी जेरोस्टोमिया का कारण होती हैं, जैसे सलाइवरी ग्लैंड में सूजन आना, डायबिटीज, अल्जाइमर, स्ट्रोक आदि।
जेरोस्टोमिया के लक्षण- Xerostomia Symptoms In Hindi
जेरोस्टोमिया होने पर मुंह सूखने के अलावा कई अन्य लक्षण (Muh Sukhna Kis Bimari Ke Lakshan Hai) भी नजर आते हैं, जैसे-
- मुंह से बदबू आना
- बार-बार प्यास लगना
- टेस्ट में बदलाव
- नाक में सूखापन महसूस करना
- निगलने में दिक्कत होना
जेरोस्टोमिया का इलाज- Xerostomia Treatment In Hindi
जेरोस्टोमिया का इलाज उसके कारण पर निर्भर करता है। अगर किसी बीमारी के कारण जेरोस्टोमिया है, तो उस बीमारी का इलाज किया जाता है। अगर कोई दवा के कारण जेरोस्टोमिया है, तो डॉक्टर मरीज की कंडीशन की जांच करते हुए दवा बदल सकते हैं या उसके डोज में बदलाव कर सकते हैं। इसके अलावा, अगर डायबिटीज जैसी हेल्थ कंडीशन जेरोस्टोमिया का कारण है, तो उसके लक्षणों को मैनेज करने पर जोर दिया जाता है।
जेरोस्टोमिया से बचाव
जेरोस्टोमिया होने पर व्यक्ति को चाहिए कि कुछ जरूरी बातों पर गौर करें, जैसे-
- थोड़ी-थोड़ी देर में पानी पिएं। जब भी प्यास लगे, पानी जरूर पिएं। कम पानी पीने से जेरोस्टोमिया की कंडीशन बिगड़ सकती है।
- अपने होंठों को ड्राई न होने दें। लिप बाम का यूज करें। इससे मुंह का सूखापन भी कम होने लगता है।
- च्यूइंग गम चबाएं। इससे लार का प्रोडक्शन बढ़ता है, जिससे बार-बार गला सूखने की समस्या में कमी आती है।
- जेरोस्टोमिया होने पर डॉक्टर से संपर्क करें। वे आपको सही बचाव और इलाज बता सकते हैं।
All Image Credit: Freepik