आज के समय में भागदौड़ भरी जिंदगी की वजह से सभी तनावग्रस्त हैं। लेकिन आप जरूरत से ज्यादा सोचते हैं या छोटी-छोटी बातों के लिए बहुत ज्यादा चिंतित रहते हैं या फिर चीजों को रख कर भूल जाते हैं तो हो सकता है कि आपकी मानसिक स्थिति ठीक ना हो। मनसा ग्लोबल फाउंडेशन फॉर मेंटल हेल्थ क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट एंड फाउंडर श्वेता शर्मा बताती हैं कि जब व्यक्ति दुख, अकेलापन या डिप्रेस महसूस करता है तो एक सीमा के बाद यह उसकी शारीरिक और मानसिक परेशानी दोनों को बढ़ा सकता है। यही वह समय होता है जब डॉक्टर से सलाह लेनी जरूरी होती है। क्योंकि यह समस्या दिमागी है। जिसकी वजह से आपका डिप्रेशन बढ़ता जाता है। यदि डिप्रेशन का इलाज नहीं होगा तो आप की परेशानी बढ़ती चली जाएगी। लेकिन उपचार तब ही संभव है जब आप यह जान लेते हैं कि आप इस मानसिक समस्या से गुजर रहे हैं। इस समस्या को जानने ये लक्षण आपकी मदद कर सकते हैं।
1. खुश न रहना (Feeling Sad All The Time)
अगर आप डिप्रेशन में रह रहे हैं और हर समय आपका मन रोने का कर रहा है तो इसका अर्थ है आप मानसिक रूप से स्वस्थ नहीं हैं। अगर आप काफी लंबे समय तक दुखी रहते हैं तो यह समस्या और अधिक बढ़ सकती है। इस स्थिति में आपके शरीर में ऊर्जा की कमी महसूस हो सकती है। आपको मोटिवेशन की कमी लग सकती है और आप हर समय रोने का मन कर सकता है।
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2. सोने का शेड्यूल ठीक न रहना (Not Sleeping Properly)
अगर आपका सोने का रूटीन एक जैसा नहीं है। तो यह आपको काफी परेशान कर सकता है। इसलिए आपको अपनी मानसिक सेहत को प्राथमिकता देनी शुरू कर देनी चाहिए। अगर आपको रात में नींद नहीं आती है तो इसका अर्थ हो सकता है कि आप किसी न किसी बात को लेकर चिंतित रहते हैं और इसके कारण स्ट्रेस अधिक हो चुका है। अगर आप अधिक सोते हैं तो इसका अर्थ भी है कि आप डिप्रेशन से जूझ रहे हैं।
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3. अधिक चिंतित रहना (Always Worried)
हम सभी को कभी न कभी स्ट्रेस तो जरूर महसूस होता है जोकि सामान्य है। लेकिन हर समय चिंतित रहना आपके मानसिक स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं है। यह चिंता आपको काफी अधिक परेशान कर सकती है। किसी एक बात को सोचते सोचते आप पर मेंटल प्रेशर बढ़ जाता है। इसके कुछ अन्य लक्षणों में सिर में दर्द होना, चक्कर आना और सांस लेने में कमी महसूस होना आदि शामिल हैं।
4. भूख में बदलाव होना (If You Have Eating Disorders)
अगर आपके साथ कोई मानसिक रोग की समस्या होगी तो आपकी भूख का पैटर्न भी काफी बदल सकता है। किसी एक समय आपको बहुत अधिक भूख लग सकती है तो कभी आपको बिलकुल भूख नहीं लगेगी, ऐसा होना संभव है। भूख के कारण आपका वजन भी बढ़ या घट सकता है। अगर आप अधिक चिंता लेते हैं तो इससे आपके शारीरिक लुक पर भी फर्क पड़ता है।
5. अपने आप को व्यर्थ समझना (Feeling Worthless)
अगर आप मानसिक रूप से अपने आप को काफी कमजोर समझ रहे हैं तो हो सकता है आपके मन में काफी सारे ऐसे ख्याल आते होंगे कि आप किसी लायक नहीं है और आप कोई भी काम ढंग से नहीं कर सकते हैं। आप हर गलत होने वाले काम के दोषी खुद को ही समझ सकते हैं। ऐसी स्थिति का अर्थ हो सकता है कि आप डिप्रेशन से जूझ रहे हैं।
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6. भावनाओं में बदलाव आना (Behaviour Changes)
मेंटल डिसऑर्डर से एक व्यक्ति की भावनाएं पूरी तरह से बदल सकती हैं। आप या तो किसी एक चीज पर कोई रिएक्शन ही नहीं देते हैं या फिर किसी एक चीज पर बहुत अधिक ओवर थिंकिंग करने लग जाते हैं। ऐसा होना मेंटल डिसऑर्डर का शुरुआती संकेत माना जा सकता है।
अगर आपको यह संकेत महसूस होता है तो आपके व्यवहार में भी काफी सारे बदलाव देखने को मिल सकते हैं। अगर यह सब संकेत आपको देखने को मिलते हैं तो आप चुप न बैठें और अपने उपचार के लिए आगे आएं।
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