अनिद्रा (नींद न आने की समस्या) के बारे में आप भी मानते हैं इन 5 मिथकों को सही? जानें इनकी सच्चाई

अनिद्रा से जुड़े कई तरह के मिथ काफी प्रचलित हैं। अगर बिना सोचे-समझे इनको सच मान लिया जाए, तो आपको भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है।
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अनिद्रा (नींद न आने की समस्या) के बारे में आप भी मानते हैं इन 5 मिथकों को सही? जानें इनकी सच्चाई

Insomnia Myths And Facts In Hindi: नींद नहीं आने की समस्या से कभी न कभी हर कोई जूझता है। लेकिन जब लंबे समय से कोई नींद न आने की समस्या से गुजर रहा है, उस स्थिति को इंसोमनिया कहते हैं। जब लम्बे समय से अनिद्रा की समस्या होने लगती है, तो, आप किसी न किसी से सलाह लेना शुरू कर देते हैं और उन पर अमल भी करते हैं। लेकिन आपको बता दें इन सलाहों को मानने से पहले जान लें कि क्या हैं इंसोमनिया के मिथ और फैक्ट? चूंकि मुफ्त की सलाहों में बहुत सी सलाहें ऐसी होती हैं, जो सही नहीं होती हैं। बहुत लोग इंसोमनिया से जुड़ी कुछ ऐसी बातों पर भरोसा कर लेते हैं, जो सच नहीं होते हैं। ये केवल इंसोमनिया से जुड़े मिथक होते हैं। आज इस आर्टिकल में हम आपको इंसोमनिया से जुड़े मिथक के बारे में बताएंगे और साथ ही इसके फैक्ट्स पर भी नजर डालेंगे।

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मिथ : मानसिक परेशानी की वजह से अनिद्रा की समस्या होती है

सच्चाई: आमतौर पर ऐसा होता है, जब कोई व्यक्ति लंबे समय से मानसिक रूप से परेशान रहता है, तो उसे नींद की समस्या हो सकती है। लेकिन हमेशा ऐसा हो, यह जरूरी नहीं है। एक वेबसाइट के मुताबिक अनिद्रा के तमाम कारणों में से यह महज एक कारण भर है। अनिद्रा के अन्य कारणों में, दवाईयों का असर, शरीर में दर्द, अन्य स्वास्थ्य समस्याएं शामिल हैं।

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मिथ : एक्सरसाइज की मदद से नींद अच्छी आती है

सच्चाई: यह सच है कि एक्सरसाइज की मदद से आप अच्छी नींद ले सकते हैं। लेकिन अगर आपको अनिद्रा की समस्या है, तो ऐसे में आपके लिए एक्सरसाइज करना फायदे के बजाय नुकसानदायक हो सकता है। विशेषज्ञों के अनुसार जिन लोगों को अनिद्रा की समस्या है, उन्हें वर्कआउट करने से बचना चाहिए। असल में एक्सरसाइज करने से शरीर एलर्ट हो जाता है, शरीर का तापमान बढ़ने लगता है, जो कि लगभग छह घंटे तक ऐसा ही बना रहता है। इससे नींद बाधित होती है। इसलिए अनिद्रा से जूझ रहे लोगों को रात को सोने से पहले एक्सरसाइज करने से बचना चाहिए।

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मिथ : स्लीपिंग पिल्स का कोई नुकसान नहीं होता

सच्चाई: हालांकि यह सच है कि मौजूदा समय में नींद के लिए जो भी दवाईयां मिलती हैं, वे पुरानी दवाईयों की तुलना में ज्यादा असरकारक हैं और उनके जोखिम भी कम हैं। लेकिन आपको बता दें कि ऐसा सोचना महज एक भ्रम होगा कि आप बेझिझक स्लीपिंग पिल्स ले सकते हैं। हर तरह की स्लीपिंग पिल्स के अपनी तरह के नुकसान होते हैं। इसलिए स्लीपिंग पिल लेने से पहले हमेशा डॉक्टर से संपर्क करें। ध्यान रखें कि स्लीपिंग पिल्स कुछ समय के लिए नींद इंसोमनिया के लक्षणों को दूर करता है।

मिथ : टीवी देखते हुए नींद अच्छी आती है

सच्चाई: यह सच किसी से छिपा नहीं है कि स्क्रीन टाइम बढ़ने की वजह से लोगों की नींद बाधित हुई है। यह सच टीवी पर भी लागू होता है। असल में कई लोग सोने से पहले टीवी देखना पसंद करते हैं ताकि उन्हें नींद अच्छी आए। जबकि ऐसा नहीं होता है। अगर आपको अच्छी नींद लेनी है, तो बेहतर है कि आप रात को सोने पहले किताबें पढें, म्यूजिक सुनें। इनकी मदद से अच्छी नींद आ सकती है।

मिथ : रात को शराब पीने से अच्छी नींद आती है

सच्चाई: अनिद्रा से जुड़ा यह एक बहुत बड़ा मिथ है। असल में, लोग इस मिथ को सच मान बैठे हैं। यही कारण है कि जो लोग किसी न किसी परेशानी की वजह से अच्छी नींद नहीं ले पाते हैं, वे रात को शराब पीकर सोने की कोशिश करते हैं। लेकिन आपको बता दें कि शराब या किसी तरह का कॉकटेल पीने से आपको अच्छी नींद नहीं आती है। इसके बजाय शराब पीने की वजह से बेचैनी, अशांत मन हो जाता है, जिससे नींद अच्छी नहीं आती है। कई बार तो यह भी देखने में आया है कि शराब पीने की वजह से देर रात नींद टूट जाती है।

image credit : freepik

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