Symptoms Of Low Creatinine In Hindi: मौजूदा समय में लगभग हर दूसरा व्यक्ति खानपान की बुरी आदतों को फॉलो कर रहा है और लाइफस्टाइल में खराब आदतें अपना रहा है। हालांकि, इसके पीछे बदलता वर्क कल्चर जिम्मेदार है। लेकिन, इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है कि खराब लाइफस्टाइल के कारण लोगों को कई तरह की गंभीर बीमारियों का सामना कर ना पड़ रहा है। इसमें किडनी या लिवर जैसी कई बीमारियां शामिल हैं। वैसे भी हाल के सालों में हमने देखा है कि किडनी से जुड़ी बीमारियों के मामले युवाओं में तेजी से बढ़ रहे हैं। क्या आप जानते हैं कि किडनी से जुड़ी बीमारी का एक मुख्य कारण क्रिएटिनिन के स्तर में बदलाव भी है। क्रिएटिनिन एक तरह का सिरम है, जो मासंपेशियों के मेटाबॉलिज्म द्वारा प्रोड्यूस होता है। क्रिएटिनिन का स्तर बॉडी में बैलेंस्ड रहना चाहिए। इसके बढ़ने या घटने की वजह से किडनी समेत शरीर के कई अन्य अंगों पर भी नेगेटिव असर पड़ता है। इस लेख में हम आपको बता रहे हैं कि आखिर क्रिएटिनिन कम होने पर किस तरह के लक्षण नजर आते हैं। इन लक्षणों को जानकर आप इसे मैनेज करने के जरूरी उपाय अपना सकते हैं।
क्रिएटिनिन कम होने के लक्षण- Symptoms Of Low Creatinine In Hindi
थकान या कमजोरी
थकान या कमजोरी होना कई तरह की बीमारियों या स्वास्थ्य समस्याओं की ओर इशारा करता है। इसी तरह, अगर किसी के शरीर में क्रिएटिनिन का स्तर कम हो जाए, तो भी व्यक्ति थकान और कमजोरी महसूस कर सकता है। हालांकि, सिर्फ थकान को क्रिएटिनिन के स्तर से जोड़कर देखना सही नहीं होगा। इसके बावजूद अगर आप हमेशा थका हुआ महसूस करते हैं, तो इसके अन्य लक्षणों पर गौर जरूर करें।
मांसपेशियों में ऐंठन
मांसपेशियों से जुड़ी समस्याएं अक्सर उन लोगों को होती हैं, जो फिजिकली कम एक्टिव रहते हैं। फिजिकली एक्टिव ने रहने से लोगों की मांसपेशियां स्टिफ हो जाती हैं। लेकिन, वहीं क्रिएटिनिन के स्तर में कमी होने पर भी मांसपेशियों में दिक्कतें देखने को मिलती हैं। लोगों के लिए हिलना-डुलना भी मुश्किल हो जाता है। इसलिए, मांसपेशियों में आ रही परेशानियों को हल्के में न लें।
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सांस लेने में कठिनाई
सांस से जुड़ी बीमारियों को हम अस्थमा, एलर्जी या ब्रोंकाइटिस से जोड़कर देखते हैं। जबकि, क्रिएटिनिन की कमी होने पर भी व्यक्ति को सांस लेने में कठिनाई हो सकती है। इसलिए, आप यह नोटिस करें कि क्या हल्की-फुल्की एक्टिविटी करने से सांस लेने में कठिनाई होने लगती है? अगर ऐसा है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
पेशाब में बदलाव
पेशाब में बदलाव होना, यूरिन पास करते हुए दर्द या जलन होना जैसे कुछ लक्षणों को यूटीआई से जोड़कर देखा जाता है। लेकिन, यह बात आप जानते होंगे कि किडनी से जुड़ी बीमारी होने पर सबसे पहले पेशाब में बदलाव नजर आने लगते हैं। अगर आपको पेशाब में परेशानी हो रही है और साथ ही अन्य लक्षण भी नजर आ रहे हैं, तो इसे नजरअंदाज न करें। तुरंत विशेषज्ञ के पास जाएं।
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भूख की कमी होना
कई बार क्रिएटिनिन की कमी होने पर व्यक्ति को भूख कम लगने लगती है। हालांकि, भूख न लगना स्ट्रेस का संकेत भी हो सकता है। इसके अलावा, कई तरह बीमारियों में भी व्यक्ति को भूख नहीं लगती है। इसलिए, भूख न लगने को सीधे-सीधे क्रिएटिनिन की कमी के लक्षणों से जोड़कर नहीं देखना चाहिए। इसके बजाय, अन्य लक्षणों पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए।
क्रिएटिनिन के स्तर को कैसे मैनेज कैसे करें- Tips To Improve Creatinine Levels In Hindi
- क्रिएटिनिन के स्तर में कमी आने पर आपको चाहिए कि डॉक्टर से संपर्क करें।
- डॉक्टर द्वारा दी गई मेडिसिन को समय पर लें।
- क्रिएटिनिन के स्तर को मैनेज करने के लिए रेगुलर एक्सरसाइज करें।
- हेल्दी डाइट की मदद से भी आप क्रिएटिनिन के स्तर में सुधार कर सकते हैं।
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