What is Normal Creatinine Level: खानपान में गड़बड़ी और अनियंत्रित जीवनशैली के कारण किडनी से जुड़ी बीमारियों के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। अब तो युवाओं में भी किडनी की बीमारियां हो रही हैं। किडनी में खराबी और किडनी की बीमारियां क्रिएटिनिन लेवल बढ़ने से भी होती हैं। क्रिएटिनिन दरअसल शरीर का एक उत्पाद है, जो मांसपेशियों के टूटने पर बढ़ता है। इसका लेवल बहुत ज्यादा होने पर किडनी फेलियर और किडनी डैमेज होने का खतरा बना रहता है। यह एक तरह का नेचुरल केमिकल है जो बढ़ने पर किडनी समेत शरीर के कई अन्य अंगों को भी नुकसान पहुंचा सकता है। ऐसे में सवाल उठता है कि शरीर में क्रिएटिनिन का स्तर कितना होना चाहिए? आइये विस्तार से जानते हैं इसके बारे में।
शरीर में क्रिएटिनिन लेवल कितना होना चाहिए?- What is Normal Range Of Creatinine in Hindi
शरीर में क्रिएटिनिन लेवल बढ़ने पर आपको पेट में दर्द और किडनी से जुड़ी परेशानियां होने लगती हैं। क्रिएटिनिन बढ़ने पर किडनी इसे फिल्टर करके पेशाब के रास्ते से निकाल देती है। लेकिन जब शरीर में इसकी मात्रा बहुत ज्यादा बढ़ने लगती है, तो किडनी इसे फिल्टर नहीं कर पाती है। शरीर में क्रिएटिनिन का स्तर उम्र, लिंग और शरीर के हिसाब से अलग-अलग हो सकता है। बाबू ईश्वर शरण हॉस्पिटल के सीनियर फिजिशियन डॉ. समीर कहते हैं कि क्रिएटिनिन लेवल बढ़ना मतलब किडनी से जुड़ी गंभीर समस्या का खतरा है। शरीर में क्रिएटिनिन का सामान्य स्तर पुरुषों में 0.6 से लेकर 1.2 मिलीग्राम होता है। महिलाओं में क्रिएटिनिन की नॉर्मल रेंज 0.5 से 1.0 मिलीग्राम क्रिएटिनिन होती है, तो वहीं बच्चों में क्रिएटिनिन का सामान्य स्तर 0.3 से 0.7 मिलीग्राम माना जाता है।
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क्रिएटिनिन की जांच कैसे होती है?- Creatinine Level Test in Hindi
शरीर में क्रिएटिनिन के स्तर की जांच खून की जांच से की जाती है। किडनी से जुड़ी बीमारियों का पता लगाने के लिए डॉक्टर इस जांच की सलाह देते हैं। क्रिएटिनिन की जांच सीरम क्रिएटिनिन टेस्ट से होती है। क्रिएटिनिन बढ़ने पर डॉक्टर दवा और घरेलु उपायों को अपनाने की सलाह देते हैं। डाइट और लाइफस्टाइल में बदलाव करने से भी इसमें फायदा मिलता है।
जब शरीर में खाद्य पदार्थ एनर्जी के रूप में परिवर्तित होते हैं तो उस समय क्रिएटिनिन का भी निर्माण होता है। आमतौर पर हमारी किडनी इसे फिल्टर कर बाहर निकालने का काम करती है लेकिन कुछ स्वास्थ्य से जुड़े कारणों और खानपान की वजह से जब ये बाहर नहीं निकल पाते हैं या इनका निर्माण अधिक मात्रा में होता है तो इसका लेवल हाई हो जाता है। क्रिएटिनिन लेवल हाई होने से किडनी और लिवर को अधिक नुकसान होता है और इसके अलावा कई और समस्याएं भी होती हैं। इसका स्तर बढ़ने पर आप चिकित्सक या एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें।
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