Causes of Low Creatinine Levels In Hindi: आज की तारीख में बुजुर्ग ही नहीं, बल्कि युवा भी तरह-तरह की गंभीर बीमारियों से जूझ रहे हैं। इसमें हार्ट प्रॉब्लम, किडनी प्रॉब्लम, हाई ब्लड प्रेशर जैसी बीमारियां शामिल हैं। यही नहीं, हाल के सालों में युवाओं के बीच किडनी और हार्ट की प्रॉब्लम के मामले काफी ज्यादा बढ़ रहे हैं। इसके पीछे सिर्फ खराब खानपान ही नहीं, बल्कि लाइफस्टाइल की बुरी आदतें भी जिम्मेदार हैं। किडनी प्रॉब्लम का एक कारण क्रिएटिनिन के स्तर में कमी भी होती है। हालांकि, ज्यादातर लोग क्रिएटिनिन के स्तर को मैनेज करने पर विशेष जोर देते हैं। जबकि, लेवल को बैलेंस करने से पहले यह जान लेना जरूरी है कि आखिर क्रिएटिनिन का स्तर कम क्यों होता है? वास्तव में, इसके कारणों को जानकर, क्रिएटिनिन के स्तर को मैनेज (Creatinine Level Normal Kaise Kare) करने में मदद मिलती है और अपने स्वास्थ्य में सुधार किया जा सकता है। यहां हम आपको बता रहे हैं कि आखिर क्रिएटिनिन के स्तर में कमी आने के क्या कारण हो सकते हैं।
क्रिएटिनिन के स्तर में कमी के कारण- Causes of Low Creatinine Levels In Hindi
लो-मसल्स मास
क्रिएटिनिन के स्तर को मसल्स मास या मासल्स की मात्रा से जोड़कर देखा जाता है। आमतौर, जैसे-जैसे व्यक्ति की उम्र बढ़ती जाती है, मसल्स कमजोर होकर अवशोषित होने लगती हैं। इसका मतलब है कि मसल्स मास में कमी आने लगती है। यही कारण है कि एक उम्र के बाद बॉडी में क्रिएटिनिन का स्तर नेचुरली कम होने लगता है।
लिवर डिजीज
लिवर शरीर का वह अंग है, जो क्रिएटिन को प्रोड्यूस करता है। इसे बाद में मसल्स द्वारा एब्जॉर्ब किया जाता है और क्रिएटिनिन का निर्माण करता है। ऐसे में अगर किसी भी व्यक्ति को लिवर से जुड़ी परेशानी है, लिवर कमजोर है, तो बॉडी में क्रिएटिन सही तरह से प्रोड्यूस नहीं हो पाता है। जाहिर है, जब बॉडी में क्रिएटिन पर्याप्त मात्रा में निर्मित नहीं होगा, तो क्रिएटिनिन के स्तर में कमी देखने को मिल सकती है।
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कुपोषण
कुपोषण यानी शरीर को पर्याप्त मात्रा में न्यूट्रिएंट्स नहीं मिल रहे हैं, जिस वजह से बॉडी में एनर्जी का स्तर बैलेंस नहीं हो रहा है। कुपोषित व्यक्ति किसी भी तरह का काम करने में असमर्थ होता है, जल्दी थक जाता है, शरीर में कई तरह की विटामिन और मिनरल्स की कमी आती है। आमतौर पर, जो व्यक्ति कुपोषित होता है, उसके शरीर में क्रिएटिनिन का निर्माण भी सही तरह से नहीं होता है। कुपोषित व्यक्ति को कई तरह की गंभीर बीमारियों का रिस्क भी रहता है। अगर बॉडी में सही तरह से क्रिएटिनिन प्रोड्यूस न हो, तो इसे प्रोटीन की कमी की ओर भी इशारा करता है।
प्रेग्नेंसी
प्रेग्नेंसी के दौरान अक्सर महिलाओं के शरीर में क्रिएटिनिन के स्तर में कमी आ जाती है। हालांकि, यह अस्थाई होती है। डिलीवरी के बाद महिला की बॉडी में क्रिएटिनिन का स्तर नेचुरल तरीके से नॉम्रल हो जाता है। इसलिए, इस अवस्था में क्रिएटिनिन की कमी को लेकर ज्यादा चिंतित होने की जरूरत नहीं होती है। हालांकि, क्रिएटिनिन की कमी के लक्षण नजर आने पर गर्भवती महिला को डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
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क्रिएटिनिन के स्तर में कमी के रिस्क फैक्टर- Low Creatinine Levels Risks Factors In Hindi
हालांकि, यह बात सच है कि क्रिएटिनिन के स्तर में कमी के अस्थाई कारण हो या सिचुएशन हो सकती हैं। सही लाइफस्टाइल को मैनेज कर और अपनी हेल्थ की ओर ध्यान देकर, इस समस्या से बचा सकता है। विशेषज्ञों की मानें तो अगर खून में क्रिएटिनिन का स्तर बढ़ जाए, तो यह स्पष्ट रूप में किडनी प्रॉब्लम की ओर इशारा करता है। इसके अन्य रिस्क फैटर्स हैं, जो क्रिएटिनिन के स्तर को कम करने में अहम भूमिका निभाते हैं, जैसे-
- बढ़ती उम्र
- मोटापा
- मधुमेह
- किडनी डिस्फंक्शन
- किडनी डिजीज की फैमिली हिस्ट्री
- ऐसी दवाई लेना, जिससे किडनी फंक्शन पर बुरा असर पड़ता है
- हाई ब्लड प्रेशर
- कार्डियोवास्कुलर डिजीज।
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