
फंक्शनल डिस्पेप्सिया (Functional Dyspepsia) को नॉन-अल्सर डिस्पेप्सिया भी कहा जाता है। यह एक आम पाचन समस्या है, जिसमें पेट के ऊपरी हिस्से में बार-बार दर्द या बेचैनी होती है, लेकिन जांच में अल्सर या कैंसर जैसी कोई साफ बीमारी नहीं मिलती। दुनिया की करीब 10 से 20% आबादी इससे प्रभावित है। सही इलाज से इसे कंट्रोल किया जा सकता है। इस लेख में हम जानेंगे फंक्शनल डिस्पेप्सिया के लक्षण, कारण और सही इलाज। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने Dr. K. S. Somasekhar Rao, Senior Consultant Gastroenterologist, Hepatologist, Clinical Director, Yashoda Hospitals, Hyderabad से बात की।
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फंक्शनल डिस्पेप्सिया के लक्षण- Symptoms Of Functional Dyspepsia

- पेट के ऊपरी हिस्से में जलन या दर्द
- थोड़ा-सा खाने पर ही पेट भर जाना
- खाना खाने के बाद भारीपन या सूजन
- मितली और कभी-कभी उल्टी आना।
Dr. K. S. Somasekhar Rao ने बताया कि फंक्शनल डिस्पेप्सिया होने पर एंडोस्कोपी में कोई खास समस्या नहीं दिखती। कुछ मामलों में बार-बार डकार आना, भूख न लगना या वजन कम होने जैसे लक्षण भी नजर आ सकते हैं।
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फंक्शनल डिस्पेप्सिया के कारण- Causes Of Functional Dyspepsia
इसका सटीक कारण पूरी तरह स्पष्ट नहीं है, लेकिन माना जाता है कि पेट और दिमाग के बीच तालमेल बिगड़ने से यह समस्या होती है। Dr. K. S. Somasekhar Rao ने बताया कि पेट का धीरे खाली होना, हल्की सूजन, पेट की नसों का ज्यादा संवेदनशील होना, और भोजन के समय पेट का ठीक से न फैल पाना इसके कारण हो सकते हैं। तनाव, चिंता, H. pylori संक्रमण, दर्द निवारक दवाएं, तला-भुना और मसालेदार खाना भी इसे बढ़ा सकते हैं।
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फंक्शनल डिस्पेप्सिया की जांंच कैसे होती है?- Diagnosis Of Functional Dyspepsia
डॉक्टर सबसे पहले मरीज की पूरी जानकारी और शारीरिक जांच करते हैं। Dr. K. S. Somasekhar Rao ने बताया कि जरूरत पड़ने पर एंडोस्कोपी, अल्ट्रासाउंड या खून की जांच कराकर दूसरी गंभीर बीमारियों को बाहर किया जाता है।
फंक्शनल डिस्पेप्सिया का इलाज- Treatment Of Functional Dyspepsia
- इलाज में जीवनशैली सुधार सबसे जरूरी है। कम-कम और बार-बार खाना, अल्कहोल-कॉफी और गैस वाले पेय से बचना, सोते समय सिर थोड़ा ऊंचा रखना और योग या ध्यान से तनाव कम करना मददगार होता है।
- Dr. K. S. Somasekhar Rao ने बताया कि दवाओं में पेट की गति बढ़ाने वाली दवाएं, एसिड कम करने वाली दवाएं और जरूरत पड़ने पर H. pylori का इलाज किया जाता है। गंभीर मामलों में विशेष दवाएं या काउंसलिंग भी फायदेमंद हो सकती हैं।
निष्कर्ष:
फंक्शनल डिस्पेप्सिया का इलाज जांच, सही दवाओं और डाइट सलाह के साथ किया जाता है। अगर दो हफ्ते में लक्षण ठीक न हों, तो गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट से जरूर संपर्क करें।
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Dec 25, 2025 09:33 IST
Published By : Yashaswi Mathur
