What Is Dyspepsia Symptoms In Hindi: डिस्पेप्सिया, अपच या इनडाइजेशन का मेडिकल टर्म है। डिस्पेप्सिया होने पर पेट में दर्द या असहजता होती है। आमतौर पर डिस्पेप्सिया की समस्या कुछ भी खाने या पीने के बाद होती है। कई बार डिस्पेप्सिया खराब जीवनशैली का नतीजा भी हो सकती है। हालांकि, यह कोई बीमारी नहीं है। डिस्पेप्सिया, गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स और इसी तरह की कई बीमारियों का महज लक्षण भर है। माना जाता है कि हर व्यक्ति अपने जीवन काल में कभी न कभी डिस्पेप्सिया का शिकार होता है। ऐसा नहीं है इस समस्या से बचा नहीं जा सकता है। आप इसके लक्षण और कारण को अच्छी तरह समझकर, इस समस्या से बचाव कर सकते हैं।
डिस्पेप्सिया के लक्षण- Dyspepsia Symptoms In Hindi
डिस्पेप्सिया होने पर मरीज में कई तरह के लक्षण नजर आ सकते हैं, जैसे-
- पाचन तंत्र से जुड़ी समस्या
- पेट में जलन या एसिडिटी जैसा महसूस होना
- हर समय पेट भरे होने का अहसास होना
- थोड़ा खाने पर ओवर ईटिंग जैसा महसूस होना
- ब्लोटिंग या जी मचलना
- कुछ न खाने पर भी उपरोक्त समस्याओं का सामना करना
डिस्पेप्सिया का कारण- Dyspepsia Causes In Hindi
डिस्पेप्सिया यानी अपच होना। जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है कि जब सही तरह से भोजन नहीं पचना है, तब इस तरह की समस्या होती है। इसके कई कारण हो सकते हैं, जैसे कोई मेडिकल कंडीशन, लाइफस्टाइल में बदलाव, बासी या खराब खाना खा लेना। इसके अलावा, कुछ दवाईयों के प्रभाव के कारण भी डिस्पेप्सिया की समस्या हो सकती है। प्रेग्नेंसी के दौरान डिस्पेप्सिया होना बहुत सामान्य होता है। खासकर, प्रेग्नेंसी की तीसरी तिमाही में महिलाओं को इस तरह की दिक्कत अधिक होती है। यहीं नहीं, जो लोग नियमित रूप से स्मोक करते हैं, स्ट्रेस में रहते हैं या मोटापे का शिकार हैं। इन लोगों को भी इस तरह की परेशानी बनी रहती है।
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डिस्पेप्सिया से बचाव- Dyspepsia Prevention Tips In Hindi
डिस्पेप्सिया से पीड़ित लोगों को कई तरह के चीजों पर गौर करना चाहिए और अपनी जीवनशैली से जुड़ी कुछ बुरी आदतों को छोड़ देना चाहिए, जैसे-
- फ्राइड, तली-भुनी और बासी चीजों से दूर रहना चाहिए।
- कैफीन, शराब भी कुछ लोगों में डिस्पेप्सिया का कारण हो सकता है। इसलिए, उन्हें इनका सेवन नहीं करना चाहिए।
- कुछ लोगों को दूध से एलर्जी होती है। ऐसे में दूध या दूध से बने डेयरी प्रोडक्ट का सेवन करने से डिस्पेप्सिया हो सकता है। ऐसे लोगों को दूध और डेयरी प्रोडक्ट से दूरी बनाकर रखनी चाहिए।
- डिस्पेप्सिया से बचने के लिए आवश्यक है कि खाना हमेशा समय से खाएं। रात को सोने से दो से तीन घंटे पहले भोजन कर लेना चाहिए।
- जिन लोगों का वजन अधिक है, वे भी डिस्पेप्सिया से पीड़ित रहते हैं। अपने वजन को कंट्रोल करके इस तरह की समस्या से बचा जा सकता है।
- कुछ विशेष किस्म की दवाईयां भी इसके लिए जिम्मेदार हो सकती हैं। अगर दवाई के रिएक्शन के कारण ऐसी समस्या हो रही है, तो बेहतर है कि डॉक्टर से अपनी परेशानी शेयर करें।
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