आजकल बढ़ते हुए तनाव, खराब डाइट, फिजिकल एक्टिविटी की कमी और लाइफस्टाइल के कारण हाई ब्लड प्रेशर या हाइपरटेंशन एक आम सामान्य समस्या बन गई है। कई बार लोग लंबे समय तक इस समस्या से अनजान रहते हैं। ऐसा इसलिए, क्योंकि हाई ब्लड प्रेशर के लक्षण धीरे-धीरे सामने आते हैं। यह समस्या कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकती है, जैसे दिल की बीमारी, स्ट्रोक और किडनी की समस्या। हालांकि, इस स्थिति का इलाज पारंपरिक दवाइयों से किया जा सकता है, आयुर्वेद में हाई ब्लड प्रेशर के उपचार के लिए कई नेचुरल उपाय बताए गए हैं। इन्हीं में से एक औषधि है जटामांसी (Jatamansi), जिसे आयुर्वेद में ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने के लिए एक प्रभावी उपाय माना जाता है। इस लेख में राम हंस चैरिटेबल हॉस्पिटल के आयुर्वेदिक डॉक्टर श्रेय शर्मा (Ayurvedic doctor Shrey Sharma from Ram Hans Charitable Hospital) से जानिए, हाई ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने के लिए जटामांसी का उपयोग कैसे करें?
हाई ब्लड प्रेशर के लिए जटामांसी - Jatamansi To Control High Blood Pressure
आयुर्वेदाचार्य का कहना है कि हाई ब्लड प्रेशर को नजरअंदाज करना बेहद खतरनाक हो सकता है। अगर समय रहते इसे कंट्रोल नहीं किया गया, तो यह जीवन को गंभीर खतरे में डाल सकता है। हालांकि, आयुर्वेद में इस समस्या को प्राकृतिक तरीकों से कंट्रोल करने के कई प्रभावी उपाय बताए गए हैं। जटामांसी, जिसे बालछड़ भी कहा जाता है आयुर्वेद में एक जरूरी औषधि माना गया है, हाई ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में विशेष भूमिका निभाती है। डॉक्टर श्रेय शर्मा का कहना है कि बाजार में मिलने वाली जटामांसी का 90% हिस्सा नकली होता है। यह नकली जटामांसी बिना तेल के होती है, जिससे इसका प्रभाव खत्म हो जाता है। ऐसे में डॉक्टर की सलाह अनुसार असली जटामांसी का उपयोग करें।
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आयुर्वेदाचार्य श्रेय शर्मा बताते हैं कि जटामांसी मांसपेशियों को आराम देने और मानसिक शांति प्रदान करने के लिए जानी जाती है। इसका उपयोग ब्लड प्रेशर को कम करने और हार्ट की हेल्थ को बेहतर बनाने के लिए किया जा सकता है। आयुर्वेदिक डॉक्टरों का मानना है कि अगर इसे सही तरीके और मात्रा में इस्तेमाल किया जाए, तो यह हाई ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने का एक नेचुरल और प्रभावी उपाय हो सकता है। आयुर्वेदिक डॉक्टर श्रेय शर्मा का कहना है कि जटामांसी में एंटी-हाइपरटेंसिव (blood pressure lowering) गुण पाए जाते हैं। यह रक्त वाहिनियों को खोलने में मदद करता है, जिससे रक्त का प्रवाह सुचारू रूप से होता है और रक्तदाब यानी ब्लड प्रेशर में कमी आती है।
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जटामांसी के सेवन का तरीका - How To Take Jatamansi
जटामांसी का सेवन कई रूपों में किया जा सकता है, लेकिन यदि इसे हाई ब्लड प्रेशर के लिए उपयोग करना है, तो आयुर्वेद में इसके कुछ विशेष उपयोग बताए गए हैं-
1. जटामांसी चूर्ण
जटामांसी का चूर्ण बहुत प्रभावी होता है। आप इसे शहद या घी के साथ ले सकते हैं। यह ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में मदद करता है और मानसिक शांति प्रदान करता है। यह चूर्ण नियमित रूप से डॉक्टर की सलाह पर ले सकते हैं।
2. जटामांसी तेल
जटामांसी के तेल का भी उपयोग आयुर्वेद में किया जाता है। यह तनाव और चिंता को कम करने के लिए बहुत अच्छा होता है। इस तेल से मस्तिष्क को आराम मिलता है और मानसिक शांति आती है।
3. जटामांसी का काढ़ा
जटामांसी का काढ़ा बनाकर भी इसे पिया जा सकता है। यह काढ़ा हाई ब्लड प्रेशर को कम करने और शरीर को शांति देने में मदद करता है।
निष्कर्ष
आयुर्वेद में जटामांसी को ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने के लिए एक प्रभावी उपाय माना गया है। यह न केवल ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करता है, बल्कि मानसिक शांति को भी बढ़ाता है। अगर आप हाई ब्लड प्रेशर से परेशान हैं, तो जटामांसी का सेवन एक नेचुरल और सुरक्षित विकल्प हो सकता है, लेकिन इसे हमेशा आयुर्वेदाचार्य की सलाह के अनुसार ही लें।
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