
बदहमजी (indigestion), गैस और कब्ज, ये तीन ऐसी चीजें हैं, जो कि हमारे खराब पाचतंत्र से जुड़ा हुआ है। पर अगर बात सिर्फ अपच की करें, तो अपच पेट के ऊपरी हिस्से से जुड़ी परेशानी है।आमतौर पर अपच में कोई गंभीर परेशानियां नहीं होती हैं, फिर भी यह हमें असहज महसूस करवाती है। अपच के सबसे प्रारंभिक कारणों को देखें, तो ये तेजी से खाने का परिणाम होता है। मसालेदार, चिकना और फैटयुक्त भोजन अपच की समस्या का बढ़ाता है। इन सबके अलावा खाने के तुरंत बाद लेट जाने की आदत भी भोजन पचाने की प्रक्रिया में बाधा डालता है। पर क्या अपच होने के पीछे सिर्फ यही कारण है? तो, नहीं क्योंकि अपच या बदहजनी के पीछे कई हल्के और गंभीर कारण होते हैं। इस बारे में हमने डॉ. कपिल शर्मा से बात की, जो कि गैस्ट्रो स्पेशलिस्ट हैं और दिल्ली के बत्रा हॉस्पिटल और मेडिकल रिसर्च सेंटर में कार्यरत हैं।
अपच का कारण -What are symptoms of poor digestion?
अपच (अपच) लगभग सभी को होता है। खाने की आदत या पुरानी पाचन समस्या अपच को ट्रिगर कर सकती है। साथ ही अपच कुछ गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का संकेत भी है, जैसे कि गैस्ट्रोओसोफेगल रिफ्लक्स रोग (जीईआरडी), अल्सर या पित्ताशय की बीमारी आदि। इसी तरह अपच के कुछ गंभीर कारणों की बात करें, तो इसमें शामिल है
- -खाने की नली में खाना ऊपर की ओर लौटना
- -पेप्टिक अल्सर की बीमारी
- -गैस्ट्रिक प्रॉब्लम
- -टीबी / सारकॉइडोसिस
- -पैरासिटिक इंफेक्शन (Parasitic infections)
- -मधुमेह (Diabetes mellitus)
- -स्क्लेरोडर्मा (Scleroderma)
- -दवाएं
- -हाइपोथायरायडिज्म
अपच के लक्षण -What are symptoms of poor digestion?
अपच के कुछ सामान्य लक्षणों की बात करें, तो
- -पेट के ऊपरी हिस्से में सूजन
- -पेट में दर्द
- -पेट में जलन
- -जी मिचलाना
- -उल्टी
- -पेट या अन्नप्रणाली में जलन
- -पेट में दर्द महसूस करना
- -निगलने में परेशानी
- -कब्ज
- -भूख न लगना
- -खट्टी डकारें आना
- -सीने में जलन
- - पेट में भारीपन महसूस होना।
- - लगातार बेचैनी रहना
- -पसीना अधिक आना
- -नींद नहीं आना आदि शामिल हैं।
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पाचन तंत्र को हेल्दी रखने के उपाय- Tips for Better Digestive Health
1. हाई फैट लेना बंद करें
फैट हमारे पेट के लिए एक तरह से दुश्मन की तरह ही है इसलिए हाई फैट वाले खाद्य पदार्थों को अपनी डाइट में सीमित करें। दरअसल, वसायुक्त खाद्य पदार्थ आमतौर पर पाचन प्रक्रिया को धीमा कर देते हैं, जिससे कब्ज हो जाता है और फिर कब्ज का ठीक होना अपच पैदा करता है। अगर आपको फैट लेना भी है, तो हेल्दी फैट लें और या हाई फाइबर वाले खाद्य पदार्थ को गुड फैट वाली चीजों के साथ मिला कर खाएं।
2.खाने में रफेज की मात्रा बढ़ाएं
पेट को ठीक रखना है तो खाने में रफेज की मात्रा बढ़ाएं। इसके लिए अपनी डाइट में सब्जियों, फलों, साबुत अनाज और फलियों की मात्रा बढ़ाएं। ये कब्ज, IBS (आंत्र सिंड्रोम), बवासीर, और डायवर्टीकुलोसिस जैसे विभिन्न पाचन स्थितियों का इलाज और रोकथाम करने में मदद करता है। ये मेटाबोलिज्म को ठीक रख कर वजन संतुलित करने में भी मदद करता है। इसके बारे में खास बात ये है कि यह शरीर द्वारा पचा नहीं जा सकता है और इस प्रकार मल में थोक जोड़ता है। इसके अलावा खाने में फाइबर की मात्रा भी बढ़ाएं। दरअसल, घुलनशील फाइबर पानी खींचता है और मल के पारित होने को आसान बनाता है। अघुलनशील फाइबर सब्जियों, गेहूं के चोकर और साबुत अनाज में पाया जा सकता है, जबकि घुलनशील फाइबर के स्रोतों में नट्स, बीज, फलियां और जई का चोकर शामिल हैं।
3.खूब पानी पिएं
पानी आपके पेट के लिए हर तरह से फायदेमंद है। पानी पाचन तंत्र में जाकर खाने को अच्छे से पचाने में मदद करता है। पानी नरम, भारी मल बनाने के लिए फाइबर के साथ मिल जाता है और पेट साफ कर देता है। इसलिए एक दिन में 8 गिलास पानी पीने की आदत डालें। इसका मतलब ये नहीं है कि आप जूस, सोडा और कैफीनयुक्त पेय पदार्थों से पानी का कोटा पूरा कर दें। इसके लिए शुद्ध रूप से सादा पानी पिएं।
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4. डाइट में प्रोबायोटिक्स को शामिल करें
आपकी आंत स्वाभाविक रूप से स्वस्थ बैक्टीरिया से भरी होती है जो एंटीबायोटिक्स, तनाव और खराब आहार के प्रभावों का मुकाबला करके आपके शरीर को स्वस्थ रखने का काम करती हैं। पर जब ये गुड बैक्टीरिया शरीर में कम होने लगते हैं, तो पाचन तंत्र कमजोर होने लगता है। इसलिए जरूरी है कि आप पाचनतंत्र को मजबूत बनाने के लिए अपने आहार में प्रोबायोटिक्स की मात्रा बढ़ाएं। इनका सेवन आपकी आंत में एक स्वस्थ माइक्रोबायोम को बनाए रखने में मदद करेगा। इसके लिए दही, फर्मेंटेड फूड्स और ठंडा चावल खाएं।
5. धूम्रपान न करें और कैफीन युक्त चीजों से भी बचें
धूम्रपान आपके पूरे शरीर को खराब कर सकती है। ये न सिर्फ आपके फेफड़ों, लिवर और किडनी को ही प्रभावित करती है, बल्कि ये आपके पाचम तंत्र को भी नुकसान पहुंचाती है। ये आपके पेट के पीएच को बिगाड़ती है और माइक्रोबायोम को भी असंतुलित करती है। इसलिए शराब आदि के सेवन से बचें।
6.खाने में इन चीजों को ज्यादा खाएं
- -हल्के और नरम खाद्य पदार्थों का सेवन करें। जैसे कि उबले हुए चावल, सब्जियों का सूप, केला, पपीता, उबली हुई सब्जियां, सेब की चटनी, अनानास और दही आदि
- -रेशे वाली चीजें अधिक मात्रा में खाएं।
- -चोकर वाले आटे की रोटी खाएं।
- - भोजन के बाद थोड़ा बहुत जरूर टहलें।
- - दलिया, मूंग की दाल और खिचड़ी खाएं।
- -छाछ में काला नमक डाल कर पिएं।

7. एक्सरसाइज और योग करें
अपच और कब्ज की परेशानी उन लोगों को ज्यादा होती है, जो कि एक एक्टिव लाइफस्टाइल नहीं फॉलो करते हैं। इसलिए एक एक्टिव लाइफस्टाइल फॉलो करें। इसके अलावा सबसे जरूरी चीज है कि आप नियमित रूप से व्यायाम करें। पेट को सही रखने के लिए रोज योग करें खास कर कि सूर्य नमस्कार करें। ये आपके पाचन तंत्र को तेज करेगा और और बदहजनी की परेशानी को कम करेगा।
इन 7 चीजों के अलावा एक चीज और ध्यान में रखें कि अपने उठने और सोने का समय सही करें। इसके साथ ही खाने-पीने का समय भी सही करें। ये नहीं कि जब आपको मन हो तो आप खाएं और जब आपका मन न हो तो आप न खाएं। इससे पेट की सेहत को बड़ा नुकसान होता है। बात अगर अपच के ट्रीटमेंट की करें, तो अपने गंभीर होते हुए लक्षणों को देख कर डॉक्टर से अपनी जांच करवाएं और ट्रीटमेंट लें।
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