खानपान में खराबी और लाइफस्टाइल के कारण लिवर की समस्याएं काफी ज्यादा बढ़ रही हैं। यह बीमारी किसी भी उम्र के लोगों को हो सकता है। भारत में हर साल करीब 10 लाख लोग लिवर रोग से ग्रसित होते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के रिपोर्ट के मुताबिक भारत में मौतों के दस कारणों में से एक लिवर डिजीज भी है। यह आंकड़ें बयां करते हैं कि अगर लिवर रोग को नहीं रोका गया, तो यह काफी तेजी से लोगों को अपनी चपेट में ले सकता है। मनीपाल हॉस्पिटल के गैस्ट्रोलॉजिस्ट डॉक्टर कुणाल दास का कहना है कि लिवर से जुड़ी बीमारियां होने पर संपूर्ण जानकारी होने के साथ-साथ समझारी के साथ काम करना जरूरी होता है। अगर सही समय पर लिवर डिजीज का इलान नहीं किया गया, तो अंत में लिवर ट्रांसप्लांट की नौवत आ सकती है। अगर आप लिवर डिजीज के बारे में अधिक नहीं जानते हैं, तो चलिए जानते हैं इससे जुड़ी पूरी जानकारी
लिवर रोग क्या है? (What is Liver Disease in hindi)
लिवर रोग कितने प्रकार के होते हैं? (Types of Liver Disease-in Hindi)
हेपेटाइटिस- हेपेटाइटिस लिवर रोग है, यह लिवर में वायरस के कारण होता है। अगर समय पर लिवर रोग का इलाज नहीं किया गया तो यह रोगी के लिए खतरनाक साबित हो सकता है।
लिवर में खराबी- यह एक सामान्य समस्या है, जिसमें रोगी का लिवर सही से कार्य नहीं करता है। लिवर में खराबी उन लोगों को अधिक होती है, जो शराब और धूम्रपान का अधिक सेवन करते हैं।
लिवर में सूजन - कुछ लोगों को लिवर में सूजन की शिकायत होती है। इसका मुख्या कारण जंग फूड्स का अधिक सेवन करना है। इसके अलावा तेलीय फूड्स के अधिक सेवन से भी लिवर में सूजन आ सकती है। लिवर में सूजन की शिकायत होने पर व्यक्ति का पेट साफ नहीं होता है और उन्हें दवाइयां लेनी पड़ती है।
लिवर सिरोसिस- लिवर के सिकुड़ने से लिवर सिरोसिस की समस्या होती है। लिवर सिरोसिस का मुख्य कारण हेपेटाइटिस बी और सी की कमी, जंग फूड्स का सेवन और अधिक शराब पीने की वजह से होता है। अगर लिवर सिरोसिस का समय से इलाज नहीं किया गया, तो लिवर खराब होने की संभावना होती है, जिसमें कुछ मामलों में लिवर पूरी तरह से काम करना बंद कर देता है और व्यक्ति की मौत हो जाती है।

फैटी लिवर- जब किसी व्यक्ति के लिवर में अधिक फैट जमा हो जाता है, तो इस परिस्थिति को फैटी लिवर कहते हैं। लाइफस्टाइल में बदलाव के कारण यह आधुनिक समय में आम समस्या हो गई है। विश्वभर में 28 फीसदी लोग फैटी लिवर से ग्रसित हैं।
लिवर डिजीज होने पर व्यक्ति को होती है ये परेशानियां (Symptoms of Liver Disease)
- कमजोरी महसूस होना लिवर डिजीज के शुरुआती लक्षणों में से एक है।
- आंखे पीली होना।
- स्किन सफेद होना।
- पेट में दर्द और सूजन होना।
- टखनों और पैरों में सूजन की शिकायत होना।
- उल्टी होना
- स्किन में अधिक खुजली होना।
किन कारणों से होता है लिवर डिजीज (Causes of Liver Disease-in Hindi)
- अनुवांशिक कारणों से
- संक्रमण का होना
- अधिक शराब और धूम्रपान का सेवन करना
- डायबिटीज होना
- कब्ज होना।
- वजन अधिन होना

लिवर डिजीज का जोखिम (Risk of Liver Disease in Hindi)
- अगर किसी व्यक्ति का समय पर इलाज ना किया गया, तो यह गंभीर रूप धारण कर सकता है।
- लिवर से संबंधित समस्याओं को नजरअंदाज करने से हाइपरटेंशन की समस्या हो सकती है। इसे आमतौर पर हाई ब्लड प्रेशर कहा जाता है।
- समय पर इलाज ना होने पर लिवर ट्रांसप्लांट करना पड़ता है।
- कुछ लोगों को लिवर में ब्लीडिंग होने लगती है, तो खतरे की ओर इशारा करता है।
- इसके अलावा लिवर की समस्याओं को अनदेखा करने पर अन्य कई बीमारियां होने की संभावना बढ़ जाती है।
किस तरह किया जाता है लिवर डिजीज का निदान? (Diagnosist of Liver Disease in Hindi)
ब्लड टेस्ट - व्लड टेस्ट के जरिए लिवर डिजीज का निदान किया जा सकता है। इससे यह पता लगाया जा सकता है कि यह बीमारी किस हद तक हमारे शरीर को प्रभावित कर रही है। इसके अलावा ब्लड टेस्ट के जरिए लीवर डिजीज के कारणों का भी पता लगाया जा सकता है।

अल्ट्रासाउंड या सी.टी स्कैन से- कुछ डॉक्टर लिवर डिजीज का निदान करने के लिए अल्ट्रासाउंड या फिर सीटी स्कैन की सलाह देते हैं। इन टेस्ट के जरिए यह पता लगाया जा सकता है कि लिवर कितना खराब हो चुका है।
लिवर डिजीज का इलाज (Treatment of Liver Disease in hindi)
दवाई लेना- लिवर से जुड़ी समस्या होने पर कई बार डॉक्टर्स दवाइयों के जरिए इलाज करने की कोशिश करते हैं। इन दवाइयों के सहारे डॉक्टर बीमारी रोकने की कोशिश करते हैं। पीलिया औऱ लिवर में सूजन जैसी समस्याएं होने पर डॉक्टर्स दवाइयों के सहारे मरीज को ठीक करने की कोशिश करते हैं।
टॉप स्टोरीज़
कैसे करें लिवर डिजीज से खुद का बचाव? (Prevention of Liver Disease-in Hindi)
- जीवन शैली में बदलाव करके आप लिवर से जुड़ी समस्याओं से बच सकते हैं।
- अपने भोजन में पौष्टिक आहार को शामिल करें।
- धूम्रपान और शराब को पूरी तरह से कहें ना
- वजन को नियंत्रित रखने की कोशिश करें।
- डॉक्टर्स की सलाह पर ही दवाईयां लें।
- सेहत के साथ-साथ अपनी स्किन का भी ख्याल रखें। इससे संक्रमण से बचा जा सकता है।
- बाहर जाने से पहले कभी भी मास्क पहनना ना भूलें।