ठंड लगकर बुखार आना पीलिया का है लक्षण, जानें ऐसे साधारण लक्षण और बचाव का तरीका

रक्त कोशिकाओं में हीमोग्लोबिन होता है जब ये कोशिकाएं टूटती हैं तो हीमोग्लोबिन के टूटने से बिलीरुबिन नामक पीले रंग का पदार्थ निकलता है, यह लिवर से फिल्टर होकर निकलता है, लेकिन लिवर में कुछ दिक्कतों के चलते यह प्रक्रिया ठीक से नहीं कर पाता और बिलीरुबिन बढ़ने लगता है, जिससे त्वचा का रंग पीला पड़ने लगता है।   
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ठंड लगकर बुखार आना पीलिया का है लक्षण, जानें ऐसे साधारण लक्षण और बचाव का तरीका

गर्मी और बारिश के मौसम में लोगों को होने वाले रोगों में से एक पीलिया भी है। पीलिया की वजह से शरीर में खून की कमी होती है और शरीर का रंग पीला पड़ने लगता है। रक्त कोशिकाओं में हीमोग्लोबिन होता है जब ये कोशिकाएं टूटती हैं तो हीमोग्लोबिन के टूटने से बिलीरुबिन नामक पीले रंग का पदार्थ निकलता है, यह लिवर से फिल्टर होकर निकलता है, लेकिन लिवर में कुछ दिक्कतों के चलते यह प्रक्रिया ठीक से नहीं कर पाता और बिलीरुबिन बढ़ने लगता है और त्वचा का रंग पीला पड़ने लगता है। इस स्थिति को पीलिया कहते हैं। पीलिया लीवर से जुड़ी गंभीर बीमारी है, जिसका सही इलाज न होने पर घातक परिणाम सामने आ सकते हैं।

गुडगांव स्थित नारायणा सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल के गैस्ट्रोएंटरोलॉजी और हीपैटोलॉजी कंसल्टेंट डॉ लवकेश आनंद ने पीलिया के लक्षणों, बचाव और उपचार के तरीके के सुझाए हैं, जिसे अपनाकर आप पीलिया जैसी बीमारी से दूर रह सकते हैं।

पीलिया के लक्षण

  • आंखों के सफेद भाग का पीला होना।
  • लगातार थकान महसूस करना। 
  • ठंड लगना और बुखार आना। 
  • लिवर की अन्य बीमारियों के लक्षण की तरह भूख न लगना। 
  • पेट दर्द मतली आना। 
  • गाढ़ा पीला पेशाब आना।
  • सफेद या काला पाखाना होना। 
  • वजन घटना।

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पीलिया से बचाव

  • संतुलित आहार।
  • साफ पानी पीना।
  • शराब या नशीले पदार्थों का सेवन न करना।
  • नियमित व्यायाम करना।

पीलिया के कारण शरीर में होनी वाली दिक्कतें

  • थकान रहना।
  • ठंड लगना।
  • बुखार आना।
  • उल्टियां होना।
  • वजन घटना ।

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पीलिया होने पर हकीम या गले में काला धागा पहनने कितना प्रभावी है क्या इनपर विश्वास किया जा सकता है?

  • काले धागे की यदि बात करें तो किसी भी तरह के अंधविश्वास को मानना न केवल नादानी है बल्कि मरीज़ की जान को और भी जोखिम में डालने के बराबर है। केवल डॉक्टर के पास ही किसी भी बीमारी का समाधान है।
  • इसके अलावा हकीम की दवाई में  भारी धातु पाए जाते हैं, जो लीवर और किडनी दोनो के लिए नुकसानदेह है, किसी किसी स्थिति में लीवर भी फ़ेल हो सकता है।

पीलिया के उपचार के तरीके

पीलिया का इलाज मूल रूप से पीलिया के प्रकारों पर निर्भर करता है। पीलिया में केवल उबला खाना ही खाना चाहिए यह धारणा एकदम ग़लत है। गन्ने के रस से भी कोई फायदा नहीं होता।

सही घरेलू उपचार भी बहुत मददगार साबित हो सकते हैं- आसानी से पचने योग्य हरी सब्जियां खानी चाहिए। करेला, मूली, टमाटर आदि के रस और नारियल पानी, छाछ का सेवन करना चाहिए, हल्दी का सेवन करना चाहिए। घर का बना पौष्टिक खाना खाना चाहिये। तले हुए, मसालेदार खाद्य पदार्थ, फास्ट फूड का सेवन नहीं करना चाहिए।

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