तेज बुखार और ज्यादा पसीना आना हैं सेप्सिस के लक्षण, इन 5 तरीकों से करें बचाव

सेप्सिस रोग एक घातक स्थिति है, जो आपके शरीर की रक्षा प्रणाली की प्रतिक्रिया के कारण होती है। तेज बुखार, असामान्य रूप से पसीना, चक्कर आना, बोलने में दिक्कत, दस्त, सांस की तकलीफ आदि जैसे लक्षण सेप्सिस की विशेषता है।
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 तेज बुखार और ज्यादा पसीना आना हैं सेप्सिस के लक्षण, इन 5 तरीकों से करें बचाव


अगर आप जल्दी जल्दी सांस ले रहे हैं या फिर आपको अपनी मानसिक स्थिति में परिवर्तन होता प्रतीत हो रहा है तो आप सेप्सिस रोग से पीड़ित हैं। यह एक घातक स्थिति है, जो आपके शरीर की रक्षा प्रणाली की प्रतिक्रिया के कारण होती है। किसी भी संक्रमण की स्थिति में हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली सामान्य तौर पर रोगजनकों को मारने के लिए रक्तप्रवाह में रसायनों को छोड़ती है। सेप्सिस के मामले में यह प्रतिक्रिया संतुलन खो बैठती है और परिवर्तन का कारण बन सकती है, जिससे संभावित रूप से कई अंग क्षतिग्रस्त हो सकते हैं।

तेज बुखार, असामान्य रूप से पसीना, चक्कर आना, बोलने में दिक्कत, दस्त, सांस की तकलीफ आदि जैसे लक्षण सेप्सिस की विशेषता है। अगर समय पर इलाज नहीं किया जाता है तो सेप्टिक शॉक भी पड़ सकता है, जिसके कारण रक्तचाप तेजी से गिरता है और व्यक्ति की मौत भी हो सकती है।

सेप्सिस किसी भी उम्र के लोगों को प्रभावित कर सकता है लेकिन इसे बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं, कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों और एक वर्ष से कम उम्र के बच्चों  के लिए सबसे खतरनाक माना जाता है। निमोनिया, पाचन तंत्र संक्रमण, किडनी संक्रमण या रक्तप्रवाह संक्रमण सहित किसी भी प्रकार के संक्रमण वायरल, बैक्टीरियल या फंगल संक्रमण सेप्सिस का कारण बन सकता है। अगर आप भी किसी संक्रमण से जूझ रहे हैं या आपको भी ऊपर दिए गए लक्षण दिखाई दे रहे हैं तो आप इन चंद उपायों को अपनाकर इस रोग की रोकथाम कर सकते हैं।

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अपने हाथ हमेशा साफ रखें

हालांकि यह सबसे बुनियादी चीज है, ऐसा करने से आप विभिन्न  संकम्रणों से दूर रह सकते हैं। सही तरीके से धुले हाथ आपके भीतर एंटीबायोटिक प्रतिरोधी जीव और संक्रमण को जाने से रोकते हैं ।

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घाव की सही तरीके से इलाज करें

एक छोटा सा घाव भी संक्रमण पैदा कर सकता है और सेप्सिस का कारण बन सकता है। इसलिए जरूरी है कि घाव को खुला न छोड़ें और सही तरीके से उसका उपचार करें।

प्रोबायोटिक युक्त फूड लें

दही, केफिर, आचार जैसे फूड, जिसमें प्रोबायोटिक होते हैं उनका अधिक प्रयोग करना चाहिए क्योंकि यह आंत में अच्छे बैक्टीरिया को पनपने में मदद करता है और हमलावर बैक्टीरिया से लड़ सकता है।

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जिंक और सिलीनियम युक्त फूड चुनें

मीट, बीच, नट्स, अंडे, मशरूम आदि जैसे फूड सेप्सिस की रोकथाम व उपचार में  चिकित्सा संबंधी भूमिका निभाते हैं, इसलिए हो सके तो इन्हें अपनी डाइट का हिस्सा जरूर बनाएं।

अपनी प्रतिरक्षा प्रणाली को बेहतर बनाएं

संतरे, ब्रोकोली, अदरक, बादाम जैसे फूड खाने से प्रतिरक्षा प्रणाली बेहतर होती है। ऐसा करने से आपको उन मामूली संक्रमण से लड़ने में मदद मिलेगी, जो सेप्सिस का कारण बनते हैं।

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