इस भागदौड़ भरी और व्यस्त जिदंगी में थोड़ा बहुत तनाव सामान्य है हालांकि अगर यह लगातार बना रहे तो आपको अपने स्वास्थ्य को लेकर चिंतित होना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि स्थायी तनाव को अपनी रोजमर्या का हिस्सा नहीं बनाना चाहिए नहीं तो यह आपके स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव छोड़ता है। बहुत से कारण हैं, जो तनाव बढ़ाते हैं। इसमें काम की समयसीमा, परीक्षाएं, कुछ खतरे की स्थितियां, व्यापारिक ऋण, वित्तिय कठनाइयां आदि शामिल हैं। स्थायी तनाव गंभीर शारीरिक और मानसिक लक्षणों की ओर ले जा सकता है, जो आपकी रोजमर्या के जीवन को मुश्किल बना सकता है।
थकान, नींद न आना, सिरदर्द, अत्यधिक चिड़चिड़ापन, पाचन समस्याएं, असहाय महसूस करना, कम आत्मसम्मान, घबराहट, यौन इच्छा में कमी, बार-बार संक्रमण आदि तनाव के लक्षणों में शामिल हैं। लंबे समय तक तनाव में रहना घातक स्वास्थ्य परिणामों में योगदान कर सकता है, इनमें से कुछ के बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं। अगर आप भी छोटी-छोटी बातों को लेकर तनाव में आ जाते हैं तो ये आपके लिए घातक हो सकता है।
दिल का दौरा
तनाव आपके रक्तचाप को बढ़ाता है और रक्त वाहिकाओं की परत को क्षति पहुंचाता है, जिससे दिल के दौरे का खतरा बढ़ता है।
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प्रतिरक्षा प्रणाली होती है प्रभावित
तनाव के कारण आपके शरीर को होने वाले अन्य नुकसान में आपका इम्यून सिस्टम भी आता है। तनाव लेने से आपके इम्यून सिस्टम से साइटोकिन्स नाम का प्रतिरक्षा कम्पाउंड बाहर निकलता है, जो आपके शरीर में अस्वस्थ कारकों से लड़ने के अपने प्रयास में स्वस्थय कोशिकओं को नुकसान पहुंचाता है।
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समय से पहले चेहरे पर झलकता है बुढ़ापा
स्थायी तनाव ऑक्सीडेटिव तनाव और टेलोमेर (क्रोमोजोम के अंत में स्थित एक कैप) के छोटेपन से जुड़ा है। ये दोनों ही कारक कोशिकाओं की उम्र बढ़ने का संकेत देते हैं।
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वजन बढ़ाने में देता है योगदान
तनाव हार्मोन कोर्टिसोल पेट के आस-पास जमा चर्बी को बढ़ाने में योगदान देता है और फैट, नमक और शुगर की ललक बिगड़ जाती है, जिससे आपका वजन बढ़ता है।
संबंध बनाने में घटती रूचि
स्थायी तनाव आपके वैवाहिक जीवन को भी प्रभावित करता है। दरअसल तनाव बने रहने से महिलाओं में संबंध बनाने की रूचि कम होती चली जाती है और पुरुषों में स्तंभन दोष होने का खतरा बढ़ जाता है।
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