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सांस से संबंधित वायरल इंफेक्‍शन के शुरुआती संकेत क्‍या हैं? स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने क‍िए साझा

सांस से जुड़े वायरल इंफेक्शन की शुरुआत बुखार, गले में खराश, खांसी, बहती नाक, थकान और हल्की सांस लेने में तकलीफ से होती है।
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सांस से संबंधित वायरल इंफेक्‍शन के शुरुआती संकेत क्‍या हैं? स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने क‍िए साझा


Early Signs of Respiratory Viral Infection: लखनऊ न‍िवासी 42 वर्षीय राहुल गुप्ता को हल्की खांसी और बदन दर्द हुआ। उन्‍होंने वही क‍िया, जो ज्‍यादातर लोग करते हैं। दवा स्‍टोर पर जाकर दवा खरीदी और खुद से ही इलाज शुरू कर द‍िया। 3 हफ्ते में उन्‍हें तेज बुखार, सांस लेने में तकलीफ और सीने में जकड़न का सामना करना पड़ा। तबीयत इतनी ब‍िगड़ गई क‍ि हॉस्‍प‍िटल में भर्ती कराने की नौबत आ गई। डॉक्‍टर ने बताया क‍ि उन्‍हें वायरल निमोनिया है। राहुल को आईसीयू में 4 दिन रहना पड़ा, एंटी-वायरल दवाएं खाईं और ऑक्सीजन सपोर्ट की जरूरत भी पड़ी।
एक और उदाहरण देखें, तो दिल्ली की रहने वाली 35 वर्षीय नेहा शर्मा को लगातार 5 दिन तक हल्का बुखार और सूखी खांसी थी। उन्होंने इस बदलते मौसम को सामान्य प्रतिक्रिया समझा, लेकिन 7वें दिन उन्हें सांस लेने में तकलीफ शुरू हो गई। हॉस्‍प‍िटल में भर्ती होने के बाद पता चला कि उन्हें वायरल ब्रोंकाइटिस है। अगर नेहा समय पर सावधान होतीं, तो शायद हॉस्‍प‍िटल जाने की नौबत नहीं आती।
गर्मी और मानसून के बदलते मौसम में वायरल इंफेक्‍शन का खतरा तेजी से बढ़ जाता है, खासकर जब बात सांस से जुड़ी बीमारियों की हो। भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने हाल ही में कुछ जरूरी संकेत साझा क‍िए हैं, जिनमें बताया गया है कि कैसे शुरुआती लक्षणों को पहचानकर हम गंभीर स्थितियों से बच सकते हैं। आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में लोग सामान्य खांसी, छींक या हल्के बुखार को मामूली समझ कर अनदेखा कर देते हैं, लेकिन यही लापरवाही आगे चलकर निमोनिया, ब्रोंकाइटिस या फ्लू जैसी बड़ी समस्याओं में बदल सकती है। इस व‍िषय पर बेहतर जानकारी के ल‍िए हमने लखनऊ के केयर इंस्‍टिट्यूट ऑफ लाइफ साइंसेज की एमडी फ‍िजिश‍ियन डॉ सीमा यादव से बात की।

सांस से संबंधित वायरल इंफेक्‍शन के शुरुआती संकेत क्‍या हैं?- Early Signs of Respiratory Viral Infection

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स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, सांस से संबंधित वायरल इंफेक्‍शन होने पर कुछ प्रमुख शुरुआती लक्षण नजर आते हैं-

  • लगातार खांसी (Persistent Cough) आना, खासकर सूखी खांसी जो आराम करने के बावजूद ठीक न हो।
  • नाक बहना या जकड़ना (Runny or Blocked Nose)।
  • गले में खराश (Sore Throat), साथ ही बोलने या निगलने में दर्द होना।
  • हल्का से मध्यम बुखार जो दिन के खास समय पर आता-जाता हो।
  • सामान्य काम करने पर भी ज्‍यादा थकान महसूस होना।
  • अगर इंफेक्‍शन गंभीर हो जाए, तो बलगम में खून आना और सांस लेने में मुश्‍क‍िल हो सकती है।

इसे भी पढ़ें- अपर रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट इंफेक्शन होने पर शरीर में दिखते हैं ये 8 लक्षण, जानें इसका उपचार

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सांस से संबंधित वायरल इंफेक्‍शन से कैसे बचें?- How to Prevent Respiratory Viral Infection

  • साफ-सफाई का ध्यान रखें। हाथों को साबुन से धोएं, नाक-मुंह को बार-बार न छुएं।
  • मास्क पहनें। भीड़ में या संक्रमित व्यक्ति के पास जाते समय मास्क जरूर पहनें।
  • संक्रमित लोगों से दूरी बनाएं। वायरस छींक और खांसी से फैलता है, इसलिए सतर्क रहें।
  • अपनी इम्यूनिटी को बढ़ाएं। विटामिन-सी, जिंक और हल्दी दूध का सेवन जैसे प्राकृतिक उपाय अपनाएं।
  • ठंडा खाना-पानी न खाएं। खासकर तब, जब मौसम में बदलाव हो रहा हो।

डॉक्टर से कब मिलें?- When to Contact Doctor

  • खांसी या बुखार 3 दिन से ज्‍यादा बना रहे
  • सांस लेने में तकलीफ हो
  • सीने में जकड़न या दर्द हो
  • ऑक्सीजन लेवल 94 % से नीचे चला जाए
  • समय पर डॉक्टर की सलाह लेने से स्‍वास्‍थ्‍य की गंभीरता को रोका जा सकता है।

सांस से जुड़ी वायरल बीमारियां मामूली लक्षणों से शुरू होती हैं लेकिन सही समय पर पहचान और इलाज न मिलने पर गंभीर हो सकती हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय की सलाहों को अपनाकर, साफ-सफाई बनाए रखकर और सतर्क रहकर हम खुद को और अपनों को इन बीमारियों से बचा सकते हैं।

उम्‍मीद करते हैं क‍ि आपको यह जानकारी पसंद आई होगी। इस लेख को शेयर करना न भूलें।

FAQ

  • सांस द्वारा फैलने वाले रोग कौन से हैं?

    सांस से फैलने वाली बीमार‍ियों में टीबी, कोविड-19, इंफ्लुएंजा, खसरा, निमोनिया और काली खांसी शामिल हैं। ये रोग संक्रमित व्यक्ति की छींक, खांसी या सांस से निकली बूंदों से फैलते हैं।
  • सांस की तकलीफ के 3 गंभीर लक्षण क्या हैं?

    तेज और उथली सांस लेना, सीने में जकड़न या दर्द महसूस होना और बोलते समय या आराम की स्थिति में भी सांस फूलना, ये तीनों गंभीर लक्षण माने जाते हैं।
  • कैसे पता चलेगा कि वायरल इंफेक्‍शन है या बैक्टीरियल?

    वायरल इंफेक्‍शन में बुखार, खांसी, गले में खराश धीरे-धीरे बढ़ते हैं, जबकि बैक्टीरियल में तेज बुखार, पस बनना और अचानक लक्षण गंभीर हो जाते हैं। जांच से भी पुष्टि हो सकती है।

 

 

 

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