Upper Respiratory Infection In Hindi: ऊपरी श्वसन पथ में संक्रमण या अपर रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (URI) श्वसन मार्ग और गले से जुड़ी एक गंभीर समस्या है। जिसके बारे में आमतौर पर तब तक पता नहीं चल पाता है, जब तक कि समस्या गंभीर नहीं हो जाती है व्यक्ति अस्थमा जैसी गंभीर बीमारियों की चपेट में नहीं आता है। यह स्थिति तब पैदा होती है जब हमारे मुंह या नाक के माध्यम से कोई वायरस या बैक्टीरिया शरीर में प्रवेश करता है। खासकर ऐसे संक्रमण जो व्यक्ति में छूने, छींकने या खांसने से फैलते हैं। यह समस्या बच्चों और अधिक उम्र के लोगों में अधिक देखने को मिलती है। आमतौर पर लोग इसके लक्षणों आम एलर्जी समझने की गलती करते हैं, लेकिन अगर इसका समय रहते उपचार न लिया जाए तो यह आपके श्वसन मार्ग और गले को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकती है। मेयो क्लीनिक के अनुसार आमतौर पर यह संक्रमण व्यक्ति को 7-10 दिनों तक और कभी-कभी 3 सप्ताह तक परेशान कर सकता है। कुछ लोगों में इसके कारण साइनस संक्रमण या निमोनिया जैसी स्थितियां भी पैदा हो सकती हैं।
अब सवाल यह उठता है कि अपर रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट इंफेक्शन का समय रहते पता कैसे लगा सकते हैं, साथ ही इसके शरीर में क्या संकेत और लक्षण देखने को मिलते हैं? इस लेख में हम आपको इसके 8 लक्षण और उपचार के बारे में विस्तार से बता रहे हैं।
अपर रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट इंफेक्शन के लक्षण- Symptoms Of Upper Respiratory Infection
मेयो क्लीनिक के अनुसार ऊपरी श्वसन पथ में संक्रमण होने पर निम्न लक्षण देखने को मिल सकते हैं, जिनमें शामिल हैं...
- आवाज में कर्कश या भारीपन
- बुहत थकान महसूस करना, साथ ही शरीर में ऊर्जा न लगना
- खांसना
- बुखार आता है
- आंखें लाल हो सकती हैं
- नाक बहना या बंद नाक
- गर्दन के आसपास सूजन देखने को मिलती है
- गला खराब हो सकता है
- सांस लेने में परेशानी
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अपर रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट इंफेक्शन का उपचार- Upper Respiratory Infection Treatment
मेयो क्लीनिक के अनुसार URI का उपचार आसानी से किया जा सकता है। अगर आप उपरोक्त लक्षणों का अनुभव करते हैं, तो सबसे पहले डॉक्टर के पास जाएं। उसके बाद आप डॉक्टर आपको कुछ दवाएं और जरूरी सावधानियां बरतने का सुझाव दे सकते हैं। लेकिन अगर स्थिति गंभीर है और इसके कारण अन्य जटिलताएं पैदा हो गई हैं. जैसे कि एलर्जी, दमा, ब्रोंकाइटिस, इन्फ्लूएंजा, निमोनिया आदि, तो डॉक्टर आपकी कुछ कुछ ओवर-द-काउंटर (ओटीसी) दवाएं दे सकते हैं। साथ ही अगर रोगी कि स्थिति अधिक गंभीर है तो अस्पताल में भर्ती भी कर सकते हैं।
इसके अलावा कुछ जरूरी सावधानी बरते की सलाह दे सकते हैं जैसे...
- मास्क लगाना
- स्मोकिंग और अल्कोहल से परहेज
- बाहर प्रदूषण में कम समय बिताना
- स्वस्थ आहार लेना
- योग और एक्सरसाइज करना आदि।
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अगर आप भी उपरोक्त लक्षणों का अनुभव कर रहे हैं, तो समय रहते इन्हें पहचाने और डॉक्टर से जरूरी टेस्ट करवाएं, जिससे कि आप गंभीर स्थियों से बच सकें।
All Image Source: freepik
With Inputs: Mayo Clinic
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