Aids Myths And Facts: एड्स (एक्वायर्ड इम्यूनोडिफिशिएंसी सिंड्रोम-AIDS) एक गंभीर रोग है, जो किसी व्यक्ति को इम्युनोडेफिशिएंसी वायरस (HIV) के कारण होता है। यह वायरस हमारे इम्यून सिस्टम को प्रभावित करता है, यह हमारे शरीर की रोगों से लड़ने की क्षमता को कमजोर कर देता है। एड्स को एचआईवी का सबसे एडवांस स्टेज होता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की मानें तो यह समस्या इतनी गंभीर है कि वर्ष 2021 के अंत तक इसके कारण लगभग 40 मिलियन लोग अपनी जान गवा चुके थे। वहीं करीब 37 मिलियन लोग एचआईवी के साथ जी रहे थे।
इसलिए इस गंभीर बीमारी को लेकर लोगों में जागरूकता फैलाने के हर साल 1 दिसंबर को विश्व एड्स दिवस मनाया जाता है। क्योंकि इसको लेकर लोगों के बीच तरह-तरह की गलत धारणाएं मौजूद हैं, और सही जानकारी की कमी है। यहां तक कि हमारे देश में लोगों के बीच एड्स को लेकर कई मिथक मौजूद हैं, जिनकी सच्चाई जानने के लिए हमने मणिपाल हॉस्पिटल, द्वारका- नई दिल्ली के डॉ. अंकिता बैद्य (कंसल्टेंट- इन्फेक्शियस डिजीज) से बात की। इस लेख में हम आपके साथ ही एड्स से जुड़े 8 मिथक और उनकी सच्चाई बता रहे हैं।
एड्स से जुड़े 8 मिथ और फैक्ट- Aids Myths And Facts In Hindi
मिथक 1: एचआईवी और एड्स एक ही होते हैं
सच्चाई: यह लोगों के बीच सबसे आम गलत धारणा है, कि एड्स और एचआईवी एक ही होते हैं, जबकि ऐसा नहीं है। "एचआईवी एक वायरस है, जो व्यक्ति के इम्यून सिस्टम को प्रभावित करती है। एड्स तब होता है जब एचआईवी के कारण उनका इम्यून सिस्टम इस हद तक प्रभावित होता है कि इम्यूनोडिफीसिअन्सी की स्थिति पैदा हो जाती है।
मिथक 2: जो लोग एचआईवी पॉजिटिव होते हैं सभी को एड्स होता है
सच्चाई: यह धारणा बिल्कुल गलत है। यह जरूरी नहीं कि जो व्यक्ति एचआईवी पॉजिटिव उसे एड्स भी हो। अगर समय रहते डॉक्टर द्वारा उचित उपचार लेते हैं, तो वह इसके प्रबंधन के लिए उचित दवाएं, टीकाकरण और समय-समय पर नियमित जांच का सुझाव देते हैं। एचआईवी के लिए सकारात्मक परीक्षण होने के बाद व्यक्ति सामान्य जीवन जी सकता है और एड्स की स्थित को रोका जा सकता है।
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मिथक 3: छूने, गले लगने, चूमने या साथ खाने से एचआईवी फैलती है
सच्चाई: यह धारणा बिल्कुल गलत है। एचआईवी कभी भी लार, या छूने से नहीं फैलता है। इसका मुख्य रूप से यौन संपर्क के कारण फैलता है। हालांकि यह यह मां से बच्चे में, डॉक्टर द्वारा एक ही सूई के प्रयोग, यहां तक रक्त दान करने से भी फैल सकता है।
मिथक 4: एचआईवी या एड्स आपकी उम्र को कम करता है
सच्चाई: जैसी कि हम पहले बता चुके हैं, समय रहते इसके प्रबंधन और सही उपचार के साथ सामान्य जीवन जिया जा सकता है। लेकिन अगर व्यक्ति को इसकी जानकारी नहीं है तो इससे समस्या बढ़ सकती है, तो व्यक्ति की मृत्यु का जोखिम हो सकता है।
मिथक 5: जिन लोगों को एड्स है उनकी इससे मृत्यु हो जाती है
सच्चाई: ऐसा नहीं है, इससे हर किसी व्यक्ति की मौत नहीं होती है। इसका समय रहते निदान और उपचार के साथ मृत्यु के जोखिम को कम किय जा सकता है और सामान्य जीवन जिया जा सकता है।
मिथक 6: अगर दोनों पार्टनर को एचआईवी है तो सुरक्षा की कोई जरूरत नहीं
सच्चाई: सुरक्षित रूप से यौन संबंध बनाना सिर्फ एचआईवी से बचने के लिए नहीं होता है, बल्कि इससे अन्य यौन संचारित रोगों के फैलने का जोखिम भी कम होता है। इसके अलावा दोनों पार्टनर में तनाव और वायरल लोड अलग-अलग हो सकता है। इंटर ट्रांसमिशन के दौरान भी कभी-कभी उपचार में विफलता हो सकती है।" इसलिए सुरक्षित रूप से यौन संबंध बनाना जरूरी है।
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मिथक 7: एचआईवी पॉजिटिव लोग पेरेंट्स नहीं बन पाते हैं
सच्चाई: बच्चे से मां में यह वायरस फैल सकता है, लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं है कि वे बच्चे को जन्म नहीं दे सकती हैं। सही उपचार के मां में वायरस केसलोड को कम किया जा सकता है, साथ ही डिलीवरी के समय उन्हें एंटीरेट्रोवाइरल (एचआईवी दवाएं) भी दी जा सकती हैं।
मिथक 8: ओरल सेक्स से एचआईवी या एड्स नहीं फैलता
सच्चाई: भले ही इसकी संभावना कम होती है, लेकिन फिर भी ओरल सेक्स के दौरान भी एचआईवी या एड्स फैल सकता है। क्योंकि जननांगों के तरल पदार्थ में भी यह वायरल मौजूद हो सकता है।
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(With inputs from Dr Ankita Baidya, Consultant - Infectious Diseases at Manipal Hospital, Dwarka, New Delhi)