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World IVF Day 2024: आईवीएफ से जुड़े इन 5 मिथकों पर आप भी करते हैं भरोसा? जानें इनकी सच्चाई

IVF Myths vs Facts : आईवीएफ से जुड़ी कई ऐसे मिथक हैं, जिन पर लोग भरोसा कर लेते हैं और ट्रीटमेंट को करवाने से डरते हैं। आइए जानते हैं इसके बारे में...  
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World IVF Day 2024: आईवीएफ से जुड़े इन 5 मिथकों पर आप भी करते हैं भरोसा? जानें इनकी सच्चाई


IVF Myths vs Facts : आज के जमाने में खानपान, लाइफस्टाइल और शराब व धूम्रपान करने की वजह से लोगों की सेहत पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है। इस तरह की जीवनशैली की वजह से डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, थायराइड और मोटापे जैसी कई समस्याएं लोगों को अपनी चपेट में ले रही हैं। इतना ही नहीं जीवनशैली के कारण इनफर्टिलिटी भी आज एक आम समस्या बन चुकी है। इनफर्टिलिटी के कारण कपल्स को माता-पिता बनने में मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। ध्यान देने वाली बात यह है कि पहले सिर्फ 40 की उम्र के बाद वाले कपल्स को इनफर्टिलिटी की समस्या होती थी, लेकिन आज के जमाने में यंग कपल्स भी इससे जूझ रहे हैं। ऐसे में पेरेंट्स बनने की उम्मीद खो चुके कपल्स के लिए आईवीएफ एक वरदान की तरह साबित हुआ है। आईवीएफ की मदद से इनफर्टिलिटी से परेशान कपल्स को मां-बाप  बनने में मदद मिल रही है। हालांकि आज के टेक्नोलॉजी के जमाने में भी जानकारियों के अभाव के कारण कपल्स पेरेंट्स बनने के लिए आईवीएफ का सहारा लेने से करताते हैं। इसकी मुख्य वजह है आईवीएफ से जुड़े कुछ ऐसे मिथक, जो हमारी सोच की जड़ों में अपनी जगह बना चुके हैं। आईवीएफ से जुड़े इन्हीं मिथकों और उनकी सच्चाई जानने के लिए ओनली मॉय हेल्थ की टीम ने इंदिरा आईवीएफ की देहरादून और चंडीगढ़ सेंटर की प्रमुख और आईवीएफ स्पेशलिस्ट डॉ. रीमा सरकार से बात की। 

आईवीएफ क्या है?- What is IVF?

आईवीएफ के बारे में जानकारी देते हुए डॉ. रीमा सरकार कहती हैं कि भारत में आईवीएफ को टेस्ट ट्यूब बेबी कहा जाता है। यह उन कपल्स के लिए एक वरदान हैं, जिन्हें किसी भी कारण से प्रेग्नेंसी कंसीव करने में परेशानी आ रही है। आईवीएफ की प्रक्रिया में महिला के मैच्योर अंडों को निकालकर पुरुष के स्पर्म के साथ लैब में तैयार किया जाता है और बाद में इसे महिला के गर्भ में ट्रांसफर किया जाता है। महिला के गर्भ में भ्रूण का ट्रांसफर करने के बाद महिला 9 महीने के बाद बच्चे को गर्भ में धारण करती है और उसके बाद ही बच्चे का जन्म होता है।

आईवीएफ से जुड़े मिथक और उनकी सच्चाई

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मिथक 1 : आईवीएफ सिर्फ बढ़ती उम्र के लोगों के लिए होता है।

सच्चाई : ऐसा कहा जाता है कि आईवीएफ जैसी तकनीक का सहारा सिर्फ बढ़ती उम्र के लोग ही ले सकते हैं। इस दावे की सच्चाई बताते हुए डॉ. रीमा सरकार कहती हैं यह बात पूरी तरह से मिथक है। आईवीएफ ट्रीटमेंट उन सभी कपल्स के लिए बना है, जो किसी भी कारण से इनफर्टिलिटी की समस्या से जूझ रहे हैं। डॉक्टर के अनुसार, आज के दौर में रात को देर तक जागने, खाने में पोषण की कमी, शराब और तनाव के कारण यंग कपल्स को भी इनफर्टिलिटी का सामना करना पड़ रहा है, जिसकी वजह से उन्हें कंसीव करने में परेशानी आती है। ऐसे यंग कपल्स भी आईवीएफ के जरिए माता-पिता बन सकते हैं।

मिथक 2 : आईवीएफ में सिर्फ मल्टीपल प्रेग्नेंसी होती हैं?

सच्चाई : डॉ.रीमा की मानें तो आईवीएफ में मल्टीपल प्रेग्नेंसी के चांस होने की मुख्य वजह अंडे और शुक्राणुओं की संख्या एक से अधिक होना। दरअसल, आईवीएफ ट्रीटमेंट के पूरे चक्र के दौरान एक बार में कई भ्रूण स्थानांतरित किए जाते हैं, ताकि महिला सही समय पर गर्भधारण कर सके। ऐसे में मल्टीपल प्रेग्नेंसी के चांस बढ़ जाते हैं। डॉक्टर का कहना है कि आईवीएफ के 5 मामलों में से एक में मल्टीपल प्रेग्नेंसी की संभावना होती है।

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मिथक 3 : मोटे लोगों पर आईवीएफ काम नहीं करता है।

सच्चाई : ऐसा कहा जाता है कि आईवीएफ ट्रीटमेंट मोटे लोगों पर काम नहीं करता है। इस मामले पर डॉक्टर का कहना है कि इस दावा बिल्कुल सच है। मोटापे के कारण एग्स की क्वालिटी पर असर पड़ता है, जिसकी वजह से महिलाओं का कंसीव करने में परेशानी आती है। यही वजह है कि आईवीएफ ट्रीटमेंट करवाने वाले मोटे लोगों को 7 से 10 प्रतिशत तक वजन करने की सलाह दी जाती है, ताकि फर्टिलिटी रेट को सुधारा जा सके। 

मिथक 4 : आईवीएफ ट्रीटमेंट से कैंसर हो सकता है।

सच्चाई : डॉ. रीमा सरकार का कहना है कि आईवीएफ ट्रीटमेंट से कुछ शारीरिक परेशानियां हो सकती है, लेकिन यह कैंसर या किसी भी अन्य घातक बीमारी का कारण नहीं बनता है। हेल्थ एक्सपर्ट का कहना है कि कैंसर जैसी बीमारी जीवनशैली, मोबाइल रेडिएशन और खाद्य पदार्थों को स्टोर करने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले प्लास्टिक कंटेनर की वजह से होती है।

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मिथक 5 :  आईवीएफ कोई प्राकृतिक प्रक्रिया नहीं है।

सच्चाई : कई लोगों का ऐसा मानना है कि आईवीएफ पूरी तरह के एक अप्राकृतिक है। लेकिन इस दावे में बिल्कुल भी सच्चाई नहीं है। आईवीएफ विज्ञान और तकनीक की मदद से प्राकृतिक तरीके से गर्भधारण करने में मदद करता है। इसमें बाहरी वातावरण में इसके शुरुआती चरणों को करने के बाद इसे प्राकृतिक तरीके से किया जाता है।

All Image Credit: Freepik.com

 

 

 

 

 

 

 

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