Myths About Smoking in Hindi: तंबाकू उत्पादों के इस्तेमाल का नुकसान पता होने के बावजूद दुनियाभर में इसकी खपत लगातार बढ़ती जा रही है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, दुनियाभर में 1.3 बिलियन लोग तंबाकू का इस्तेमाल करते हैं और सबसे खतरनाक बात यह है कि जो लोग तंबाकू या स्मोक (second hand smoking) नहीं करते, ऐसे 13 लाख नॉन स्मोकर्स की हर साल मृत्यु हो रही है। करीब 65 हजार बच्चों की मृत्यु का कारण स्मोकिंग बन रहा है। भारत में भी स्मोकिंग को लेकर लोगों में जागरूकता होने के बावजूद इसे छोड़ नहीं पाते। इसकी वजह लोगों का स्मोकिंग को लेकर कई मिथकों को सच मानना है। इस कारण फेफड़ों से जुड़ी बीमारियों के साथ 20 अलग अलग तरह के कैंसर होने का रिस्क भी बढ़ जाता है। विश्व तंबाकू निषेध दिवस (World No Tobacco Day) के मौके पर हमने तालेगांव के टीजीएच ऑनो लाइप कैंसर सेंटर के रेडिएशन ऑनकोलॉजी विभाग के कंसल्टेंट डॉ. गौरव जसवाल (Dr Gaurav Jaswal, Consultant, Radiation Oncology, TGH Onco Life Cancer Centre, Talegaon) से स्मोकिंग से जुड़े मिथकों की सच्चाई जानी ताकि तंबाकू और स्मोकिंग के नुकसान से लोगों को बचाया जा सके।
स्मोकिंग से जुड़े मिथक और उनकी सच्चाई - Myths About Smoking in Hindi
मिथक: स्मोकिंग करने से स्ट्रेस कम होता है। - Smoking Relieves Stress in Hindi
सच्चाई: डॉ. गौरव जसवाल कहते हैं, “बहुत लोग सोचते हैं कि स्मोकिंग करने से स्ट्रेस और चिंता कम हो जाती है, लेकिन सच्चाई यह है कि स्मोकिंग से तनाव बहुत ज्यादा बढ़ जाता है। हो सकता है कि कुछ समय के लिए मन शांत हो जाए, लेकिन निकोटिन का असर खत्म होते ही फिर से टेंशन और स्ट्रेस होने लगता है। दरअसल, जब कोई ब्रेक पर जाता है, तो वैसे ही दिमाग रिलैक्स हो जाता है, लेकिन उस समय स्मोकिंग करने की वजह से लोग इसे स्ट्रेस कम करने का जरिया मान लेते हैं।”
मिथक: दिन में कुछ सिगरेट पीने से ज्यादा नुकसान नहीं होता। - Smoking Few Cigarettes are not Harmful in Hindi
सच्चाई: डॉ. गौरव कहते हैं कि कुछ सिगरेट पीना या ज्यादा पीना जैसा कुछ नहीं होता। जो लोग दिन में एक से चार सिगरेट भी पीते हैं, उन्हें भी दिल संबंधी रोग, फेफडों में कैंसर, मुंह से जुड़ी बीमारियां जैसी कई सेहत से जुड़ी बीमारियां होने का रिस्क हो सकता है। इसलिए जो लोग दिन में कम सिगरेट लेने पर खुद को बीमारियों से सुरक्षित मानते हैं, उन्हें इस मिथक की सच्चाई पता होना बहुत जरूरी है।
मिथक: माइल्ड सिगरेट लेने से शरीर को नुकसान कम होते हैं। - Mild Cigarette Reduce the Harm from Smoking in Hindi
सच्चाई: डॉ. गौरव जसवाल कहते हैं,” जिसे माइल्ड या लाइट सिगरेट कहते हैं, वे भी रेगुलर सिगरेट जितनी ही नुकसानदायक होती है। स्मोकर्स अक्सर गहरी सांस लेकर सिगरेट पीते समय हैं और कई बार पीते हैं, ताकि निकोटिन ज्यादा मिल सके। इससे टॉक्सिक केमिकल्स और तार शरीर में चला जाता है। इस वजह से शरीर को कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं।”
मिथक: कई सालों तक सिगरेट पीने के कारण अब छोड़ने का कोई फायदा नहीं है। - It's Never Too Late to Quit Smoking in Hindi
सच्चाई: डॉ. गौरव कहते हैं, “जब जागो तभी सवेरा, यानी कि जब आप चाहे उसी समय सिगरेट पीना छोड़ सकते हैं। उम्र के किसी भी पड़ाव पर स्मोकिंग छोड़ने से सेहत बेहतर हो सकती है। इससे हार्ट अटैक, स्ट्रोक और कैंसर जैसे बीमारियों का जोखिम कम हो सकता है। इसलिए जितनी जल्दी आप स्मोकिंग छोड़ते हैं, उतना ही ज्यादा फायदा मिलता है। सालों साल सिगरेट पीने के बाद भी सिगरेट छोड़ने पर सेहत पर पॉजिटिव असर देखने को मिलता है। इसलिए मैं सभी को सिगरेट छोड़ने की सलाह देता हूं।”
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मिथक: सिगार पीने से कोई नुकसान नहीं होता। - Cigars are Not Harmful in Hindi
सच्चाई: डॉ. गौरव जसवाल कहते हैं कि सिगार सुरक्षित विकल्प नहीं है। इसमें भी सिगरेट वाले टॉक्सिक और कैंसर बढ़ाने वाले केमिकल्स होते हैं, जो सेहत को नुकसान पहुंचाते हैं। जो लोग नियमित तौर पर सिगार पीते हैं, उन्हें मुंह का कैंसर, गले और खाने की नली के साथ फेफड़ों और दिल की बीमारियां होने का रिस्क बढ़ सकता है। इसलिए सिगार पीना भी सेहत के लिए अच्छा नहीं है। तंबाकू का इस्तेमाल किसी भी तरह के उत्पाद में इस्तेमाल करना बीमारियों को बढ़ाता है।
मिथक: वेपिंग (E Cigarettes) स्मोकिंग से बेहतर विकल्प है। - Vaping is Better Than Smoking Cigarettes in Hindi
सच्चाई: डॉ. गौरव जसवाल वेपिंग के सख्त खिलाफ हैं। वह कहते हैं, “आजकल सिगरेट की बजाय ई-सिगरेट पीना फैशन बन गया है। लोग समझते हैं कि वेपिंग से सिगरेट जितना नुकसान नहीं होता, लेकिन यह सच नहीं है। ई-सिगरेट में निकोटिन भाप बनकर लिया जाता है, जो नशे की लत को बहुत ज्यादा बढ़ाता है। इसमें कई तरह के विषैले केमिकल्स होते हैं जो फेफड़ों और कार्डियोवास्कुलर सिस्टम को क्षतिग्रस्त कर सकते हैं। इसलिए वेपिंग बिल्कुल भी सुरक्षित तरीका नहीं है।”
मिथक: स्मोकिंग से सिर्फ फेफड़े ही प्रभावित होते हैं। - Smoking Affects Only Lungs in Hindi
सच्चाई: डॉ. जसवाल कहते हैं कि स्मोकिंग फेफड़ों को प्रभावित करने के साथ शरीर के सभी अंगों पर असर डालती है। जो लोग स्मोक करते हैं, उन्हें हार्ट, स्ट्रोक और कई तरह के कैंसर हो सकते हैं। इसमें फेफड़ों का कैंसर, मुंह का कैंसर, पेट का कैंसर जैसी बीमारियों का रिस्क बढ़ सकता है। कैंसर और दिल की बीमारियों के अलावा भी कई बीमारियां होने का जोखिम बढ़ सकता है। इसलिए स्मोकिंग को जल्द से जल्द छोड़ना सबसे बेहतर समाधान है।
डॉ. गौरव जसवाल ने लोगों को हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाने की सलाह दी है। विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर लोगों को स्मोकिंग और किसी भी तरह का तंबाकू न खाने पर जोर दिया है।
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FAQ
स्मोकिंग कितने प्रकार की होती है?
तंबाकू को सिगरेट में भरकर लिया जाता है और दूसरा तरीका पान, खैनी, गुटके के रूप में लिया जाता है। दोनों ही स्थितियों में स्मोकिंग करना सेहत के लिए खतरनाक है।स्मोकिंग छोड़ने पर क्या होता है?
स्मोकिंग छोड़ने पर सेहत में सुधार होता है। कई बीमारियों का जोखिम कम हो जाता है। स्मोकिंग छोड़ने के बाद मानसिक रूप से खुद को बेहतर महसूस करते हैं। इसलिए स्मोकिंग छोड़ना सबसे बेहतर विकल्प है।तंबाकू या स्मोक करने से दिमाग पर क्या असर पड़ता है?
तंबाकू या स्मोक में मौजूद निकोटिन और अन्य विषैले केमिकल्स के कारण नींद न आना, चिड़चिड़ापन, मूड स्विंग्स, फोकस की कमी और थकान महसूस होती है।