Myths and Facts of Yoga During Pregnancy in Hindi: प्रेग्नेंसी में महिलाएं अपनी शारीरिक और मानसिक सेहत के लिए योग कर सकती हैं। स्त्री रोग विशेषज्ञ भी महिलाओं को इस दौरान योग करने की सलाह देते हैं, क्योंकि योग से शरीर में लचक बढ़ती है, महिलाओं को ताकत मिलती है, पीठ के दर्द और नींद में सुधार होता है। (Benefits of yoga during pregnancy) एक तरफ एक्सपर्ट प्रेग्नेंसी में योग करने पर जोर देते हैं, तो दूसरी तरफ कुछ महिलाएं प्रेग्नेंसी में योग करने से बचती है, क्योंकि उनके मन में योग से जुड़े कई तरह के सवाल होते हैं। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस (International Yoga Day 202) के मौके पर नई दिल्ली के मेदांता अस्पताल के योग कंसल्टेंट दीपक झा ( Deepak Jha, Yoga Consultant, Medanta Hospital, New Delhi) ने प्रेग्नेंसी में योग से जुड़े मिथकों की सच्चाई बताई।
प्रेग्नेंसी में योग से जुड़े मिथक और उनकी सच्चाई
मिथक: जिन महिलाओं ने पहले योग नहीं किया, उन्हें प्रेग्नेंसी के दौरान योग नहीं करना चाहिए।- Women Who Have Not Done Yoga Before Should Not Do Yoga During Pregnancy in Hindi
सच्चाई: इस बारे में योग एक्सपर्ट दीपक झा ने बताया, “प्रेग्नेंसी में महिलाओं को योग करना चाहिए। जिन महिलाओं ने पहले कभी योग नहीं किया, वे भी प्रेग्नेंसी के दौरान योग कर सकती हैं। योग की शुरुआत प्राणायाम, योग निद्रा और मेडिटेशन से की जा सकती है। योग करने से शरीर में फ्लेक्सिबिलिटी बढ़ती है। बस, इस बात का ध्यान रखें कि योग किसी एक्सपर्ट की देखरेख में करें और शरीर को हाइड्रेट रखें।”
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मिथक: प्रेग्नेंसी में योग करने से बच्चे को नुकसान हो सकता है। - Exercise During Pregnancy Can Harm the Baby in Hindi
सच्चाई: दीपक कहते हैं, “प्रेग्नेंसी में योग करते समय बहुत सावधानी बरतनी चाहिए। जिन महिलाओं को हाई रिस्क प्रेग्नेंसी होती हैं, उन्हें किसी भी तरह का योग या कसरत करने से पहले डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। अगर महिलाएं सही तरीके से योग करती हैं, तो इससे उन्हें पीठ दर्द से आराम मिलता है, स्टेमिना बढ़ता है और शिशु के शारीरिक और मानसिक विकास के लिए भी फायदेमंद होता है।”
मिथक: दूसरी तिमाही में योग करते समय पीठ के बल नहीं लेटना चाहिए। - Don't Lie on your Back After the Second Trimester in Hindi
सच्चाई: योग एक्सपर्ट दीपक का कहना है, “दूसरी तिमाही में पेट के बल लेटकर बिल्कुल भी कोई योग न करें, लेकिन पीठ के बल लेटकर योग कर सकते हैं। अगर किसी महिला को दूसरी तिमाही में पीठ के बल लेटकर सांस लेने में तकलीफ हो रही हो, तो फिर ऐसे योग करने से बचें। आमतौर पर जिन महिलाओं को प्रेग्नेंसी में किसी भी तरह की दिक्कत नहीं होती, वे पीठ के बल लेटकर योग कर सकती हैं, लेकिन अगर किसी महिला को प्रेग्नेंसी में कोई भी बीमारी है, तो बिना डॉक्टर की सलाह लिए योग न करें।”
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मिथक: प्रेग्नेंसी में योग करते समय ट्विस्ट नहीं करना चाहिए। - Twisting Poses not Recommended During Pregnancy in Hindi
सच्चाई: दीपक झा कहते हैं, “अक्सर महिलाओं का यही सवाल होता है कि प्रेग्नेंसी में ट्विस्ट नहीं करना चाहिए। इससे बच्चे को नुकसान हो सकता है। लेकिन सच्चाई यह है कि प्रेग्नेंसी में ऊपर की रीढ की हड्डी (upper spine) को ट्विस्ट करने वाले योग किए जा सकते हैं। योग में खुले हुए ट्विस्ट (open twist) किए जा सकते हैं। ये योग पोस्चर्स पेट पर दबाव नहीं डालते। मैं तो यही कहूंगा कि प्रेग्नेंसी में वही योग करें, जिसमें आपका शरीर कोई दवाब या बैचेनी महसूस न करें। महिलाओं को आसान और रिलैक्स करने वाले योग करने चाहिए।”
मिथक: तीसरी तिमाही में योग नहीं करना चाहिए। - Yoga Should Not be Done in the Third Trimester in Hindi
सच्चाई: इस बारे में योग एक्सपर्ट दीपक कहते हैं, “तीसरी तिमाही में योग कुछ सावधानियों के साथ किया जा सकता है। प्रेग्नेंट महिलाएं प्राणायाम, वज्रासन, सुखासन और शवासन कर सकती हैं। इसके अलावा, मेडिकल स्थिति के अनुसार डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए और अपनी बॉडी की जरूर सुनें। अगर आप प्रेग्नेंसी में नियमित रूप से योग करती हैं, तो यह मां और शिशु दोनों के लिए फायदेमंद होता है।”