Yoga Poses For Healthy Pregnancy In Hindi: प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं को सिर्फ एक्सरसाइज ही नहीं, बल्कि योगासन भी करने चाहिए। इससे कई तरह के फायदे मिलते हैं। जैसे गर्भ में पल रहे शिशु का मानसिक-शारीरिक विकास बेहतर तरीके से होता है। महिलाएं एनर्जेटिक फील करती हैं और नियमित रूप से योगासन करने से वे नेचुरल डिलीवरी की संभावना भी बढ़ती है। कुल मिलाकर, कह सकते हैं कि योगासन की मदद से महिला का मूड एन्हैंस होता है, जिसका पॉजिटिव असर उनके और गर्भ में पल रहे शिशु के स्वास्थ्य पर पड़ता है। यहां यह सवाल उठता है कि आखिर प्रेग्नेंसी के दौरान कौन-कौन से योगासन करने चाहिए, जिससे स्वास्थ्य को लाभ हो सकता है। इस बारे में हमने ASD YOGA FAMILY के संस्थापक (योगिक विज्ञान में मास्टर्स और पीजी डिप्लोमा) दीपक तंवर राजपूतकी राय ली।
प्रेग्नेंसी में कौन-से योगासन करें- Best Yoga Poses For Healthy Pregnancy In Hindi
1. करें त्रिकोणासन
त्रिकोणासन की मदद से बैलेंसिंग में सुधार होता है, बॉडी की फ्लेक्सिबिलिटी बढ़ती है और पैरों, हिप्स और स्पाइन को मजबूती मिलती है। इस तरह देखा जाए, तो त्रिकोणासन प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए बहुत उपयोगी आसनों में से एक है। आपने अक्सर देखा होगा कि जैसे-जैसे गर्भस्थ शिशु का वजन बढ़ता जाता है, वैसे-वैसे महिला के पीठ के निचले हिस्से में दर्द बढ़ता जाता है। इस तरह की स्थिति में त्रिकोणासन करने से महिला को बैलेंसिंग में मदद मिलती है। इससे कमर दर्द और साइटिका का दर्द भी दूर होता है।
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2. मलासन करें
गर्भावस्था में मलासन करना भी फायदेमंद होता है। ऐसा इसलिए, क्योंकि मलासन करने से पेल्विक फ्लोर मजबूत होता है, बॉडी की फ्लेक्सिबिलिटी बढ़ती है और नेचुरल डिलीवरी में भी इसमें मद मिलती है। आप कुल मिलाकर कह सकते हैं कि मलासन करने से गर्भावस्था में बहुत सारे फायदे पहुंचते हैं। इससे ब्लड सर्कुलेशन में सुधार होता है, जो गर्भवस्था शिशु और मां की इम्यूनिटी में सुधार करता है और बीमार होने से रोकता है।
3. करें ताड़ासन
ताड़ासन, जिसे माउंटेन पोज भी कहा जाता है। इस आसन को करना बहुत आसान है। प्रेग्नेंसी के दौरान आपने अक्सर नोटिस किया होगा कि महिलाएं चलने-फिरने में दिक्कत महसूस करती हैं। ऐसा खराब पोस्चर की वजह से भी होता है। गर्भवती महिलाओं को चाहिए कि वे अपने पोस्चर में सुधार करें। इसके लिए ताड़ासन कर सकते हैं। ताड़ासन बैलेंसिंग और पोस्चर को बेहतर बनाने में मदद करता है।
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4. तितली आसन करें
तितली आसन को हम बद्ध कणासन भी कहते हैं। इस आसन को करने के लिए दोनों पैरों को मोड़कर तलवों को आपस में चिपकाना होता है। घुटनों को जमीन की ओर फैलाया जाता है। यह पोजिशन बिल्कुल तितली जैसी नजर आती है। इससे ग्रोइन एरिया खुलता है, शरीर का लचीलापन बढ़ता है, पोस्चर में सुधार होता है और नेचुरल डिलीवरी भी तुलनात्मक रूप से आसान होती है। जब प्रेग्नेंट महिलाएं नियमित रूप से इस एक्सरसाइज को करती हैं, तो इससे पेल्विक फ्लोर के मसल्स रिलैक्स भी होते हैं।
५ . मार्जरीआसन-बिटिलासन करें
इसे कैट-काउ पोज के नाम से भी जाना जाता है। प्रेग्नेंट महिलाओं को मार्जरीआसन-बिटिलासन रोजाना सुबह नींद से उठने के बाद करीब 10 मिनट के लिए इस आसन को जरूर करना चाहिए। जैसा कि हमने पहले भी जिक्र किया है कि प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं को पीठ में दर्द होता रहता है। ऐसे में उन्हें कैट-काउ पोज करना चाहिए। इससे पोस्चर में सुधार होता है और पीठ दर्द से राहत मिलती है। लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि मार्जरीआसन-बिटिलासन हमेशा एक्सपर्ट की देखरेख में ही करें। यह थोड़ा जटिल आसन है, इसलिए इसे अकेले में करने से बचें।
FAQ
गर्भवती महिला के लिए सबसे अच्छा व्यायाम कौन-सा है?
गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को सहज योगासन करने चाहिए, ताकि उनकी तकलीफें न बढ़ें। इसके लिए उन्हें वॉकिंग, स्विमिंग जैसी एक्टिविटी करनी चाहिए। इसके अलावा, उन्हें ऐसे एक्सरसाइज या योगासन करने चाहिए, जिससे पेल्विक फ्लोर की मांसपेशियां रिलैक्स होती हैं और नेचुरल डिलीवरी की संभावना बढ़ती है।गर्भावस्था में कौन से योगासन नहीं करने चाहिए?
गर्भावस्था में ऐसे कोई योगासन नहीं करने चाहिए, जिससे ज्यादा झुकना या मुड़ना पड़े। इस तरह की पोजिशन से गर्भ में पल रहे शिशु को नुकसान हो सकता है। अर्धमत्स्येंद्रासन, भुजंगासन, धनुरासन, और पेट के बल पर किए जाने वाले तमाम आसन गर्भवती महिलाओं को नहीं करना चाहिए।क्या गर्भावस्था में कपालभाति करना चाहिए?
गर्भवती महिलाओं कपालभाति नहीं करना चाहिए। इससे पेट का संकुचन बढ़ सकता है।