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प्रेग्नेंसी के बाद रजनी आहूजा का थायराइड हुआ था काफी गंभीर, रोजाना कसरत और संतुलित खान-पान से किया मैनेज

True Story on Thyroid in Hindi: प्रेग्नेंसी के बाद थायराइड होने पर महिलाएं अक्सर इसे जीवनभर का साथ मान लेती हैं, लेकिन रजनी आहूजा ने इस बीमारी का डटकर सामना किया और आज वह सेहतमंद जीवन बिता रही हैं। 
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प्रेग्नेंसी के बाद रजनी आहूजा का थायराइड हुआ था काफी गंभीर, रोजाना कसरत और संतुलित खान-पान से किया मैनेज


True Story on Thyroid in Hindi: प्रेग्नेंसी के बाद थायराइड की समस्या से अक्सर महिलाएं जूझती हैं। डॉक्टरों की मानें तो इसकी सबसे बड़ी वजह डिलीवरी के बाद भी लगातार वजन का बढ़ते रहना है। भारतीय परिपेक्ष में देखा जाए तो डिलीवरी के बाद महिलाएं आमतौर पर शिशु की देखभाल में अपना समय बिता देती हैं। इसके साथ ही देसी घी, आटे और सूखे मेवे से बने लड्डूओं का लगातार सेवन करती हैं। कसरत या संतुलित आहार पर ध्यान नहीं दे पातीं। इसके अलावा, वजन बढ़ने के साथ शिशु और घर को एक साथ मैनेज करने का तनाव उनके थायराइड पर असर डालता है। ऐसा ही कुछ अंडमान निकोबार में रह रही रजनी आहूजा के साथ भी हुआ। आज रजनी ने अपनी कुछ ऐसी ही थायराइड से जुड़ी जर्नी हमारे साथ शेयर की। लेकिन इस जर्नी में सबसे खास बात यह थी कि उन्होंने हौसले और पूरी मेहनत के साथ अपने थायराइड को न सिर्फ मैनेज किया, बल्कि आज एक हेल्दी और फिट जिंदगी जी रही हैं।

रजनी को प्रेग्नेंसी के बाद हुई थायराइड की परेशानी

आज रजनी 40 साल की हो चुकी हैं। जब 28 साल की उम्र में वह दूसरे बच्चे की मां बनी थीं, तब उन्हें थायराइड की समस्या से जूझना पड़ा था। उन दिनों को याद करते हुए रजनी कहती हैं, “दूसरे बच्चे की डिलीवरी के बाद मेरा वजन लगातार बढ़ता जा रहा था। इस दौरान मेरे बाल भी बहुत ज्यादा झड़ने लगे थे। शुरूआत में तो मुझे लगा था कि डिलीवरी के बाद यह सब होता ही है। नार्मल डिलीवरी के बाद अगर वजन बढ़ता है, तो शरीर उसे रिकवर कर लेता है। कुछ महीनों बाद शरीर दोबारा ताकत महसूस कर लेता है। लेकिन यह लक्षण कम होने की बजाय दिन-प्रतिदिन बढ़ते जा रहे थे। मुझे थकान बहुत ज्यादा रहती थी। हमेशा आराम करते रहने का मन करता था। बार-बार खांसी-जुकाम हो जाता था। इन्हीं लक्षणों को देखकर मुझे लगा कि मुझे कुछ तो समस्या है।”

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रजनी का बढ़ता वजन दे रहा था स्ट्रेस

रजनी ने अपने बढ़ते वजन पर बात करते हुए कहा, “मैंने यह नोट किया कि थायराइड की वजह से बढ़ा हुआ वजन जल्दी कम नहीं होता। इसके साथ अगर बाल झड़ने लग जाए, तो किसी भी महिला का आत्मविश्वास हिल जाता है। कुछ ऐसा ही मेरे साथ भी हुआ। दिनभर थकान तो रहती ही थी लेकिन मुझे बार-बार बुखार भी हो रहा था। इस वजह से मेरा शरीर बिल्कुल निढाल हो रहा था। कई बार तो मैं इतना थक जाती थी कि बेड से उठना तक मुश्किल हो जाता था। इस वजह से काफी हद तक मैं अपने पति और बच्चे पर निर्भर होने लगी थी। मैं इमोशनली कमजोर हो रही थी और इस मेंटल स्ट्रेस को मैं समझ नहीं पा रही थी।”

थायराइड का कैसे चला पता?

रजनी की यह कहानी भी काफी दिलचस्प है। वह कहती हैं, “दरअसल, मैं अपना वजन कम करना चाह रही थी। इसी सिलसिले में मैं एक योग टीचर से मिली। मुझे लगा कि योग करके मेरा वजन कम हो जाएगा और योग में मेरी दिलचस्पी तो शुरू से ही थी, लेकिन एक महीना लगातार योग करने के बावजूद जब वजन बिल्कुल भी कम नहीं हुआ, तो मेरी योग टीचर ने ही थायराइड टेस्ट कराने की सलाह दी। थायराइड टेस्ट में मेरा TSH 23 आया। रिपोर्ट देखकर डॉक्टर ने मुझे कहा कि अगर मैंने अभी भी थायराइड कंट्रोल न किया तो मेरी थायराइड ग्लैंड की सर्जरी करनी पड़ेगी।”

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कसरत और डाइट से थायराइड हुआ मैनेज

उस समय को याद करते हुए रजनी काफी इमोशनल हो गईं। वह बताती हैं, “ जब मुझे थायराइड का पता चला, तो एक बार तो मुझे लगा कि यह तकलीफ जिंदगीभर साथ रहने वाली है, लेकिन दूसरे ही पल मैंने फैसला किया कि इसे मैं अपनी जीवन का हिस्सा नहीं बनने दूंगी। शुरुआत में तो मैंने आयुर्वेदिक दवाइयों से थायराइड को मैनेज करने की कोशिश की। लेकिन आयुर्वेदिक दवाइयां तुरंत असर नहीं दिखातीं, इसलिए फिर मैंने एलोपैथी की दवाइयां भी लीं। डॉक्टर ने मुझे विटामिन्स और सप्लीमेंट्स भी दिए।”

रजनी अपनी डाइट और कसरत रूटीन के बारे में बताते हुए कहती हैं, “मैं रोजाना योग और कसरत करती हूं। मैं रेगुलर वॉक करती हूं। इसके साथ ही खाने-पीने का खास ख्याल रखती हूं। बैलेंस डाइट के साथ जंक फूड से बिल्कुल परहेज रखती हूं। मैंने थायराइड को मैनेज करने के लिए पूरी मेहनत की और दो महीने में ही थायराइड काफी हद तक कंट्रोल हो गया। आज मैं थायराइड को नियमित योग, कसरत, सही खान-पान और स्ट्रेस फ्री रहकर अच्छे तरीके से मैनेज कर रही हूं।

रजनी का थायराइड से जूझ रही महिलाओं के लिए संदेश

थायराइड से परेशान महिलाओं को हौसला देते हुए रजनी कहती हैं कि किसी को भी यह बिल्कुल नहीं सोचना चाहिए कि थायराइड कभी ठीक नहीं हो सकता। इस बीमारी को मैनेज करने के लिए आयुर्वेद, एलोपैथी, सप्लीमेंट्स के साथ एक्यूप्रेशर, सुयोग थेरेपी और कलर थेरेपी जैसी कई थेरेपी हैं, जिनकी मदद से आप बहुत आसानी से थायराइड को मैनेज कर सकते हैं। बीमारी से डरने की बजाय समाधान पर फोकस करके मेहनत जरूर करें।

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