Thyroid Control With Yoga: आजकल काम का बोझ हो या फिर रिश्तों की वजह से स्ट्रेस होना आम हो गया है। लगातार स्ट्रेस लेने से लोगों में डिप्रेशन, पाचन में समस्या, सोने में तकलीफ, बीपी बढ़ने जैसी समस्याएं होने लगती हैं। इसके अलावा, स्ट्रेस की वजह से थायराइड की बीमारी भी देखने को मिलती है। थायराइड हार्मोन शरीर के कई अंगों को संतुलित रखने में मदद करता है। इसमें दिल की धड़कन, पाचन, हड्डियां, महिलाओं के पीरियड्स और प्रजनन जैसी कई गतिविधियां शामिल हैं। स्ट्रेस के कारण ऋषिकेश में रहने वाले संजय राणा को भी जब थायराइड की समस्या का पता चला, तो उन्होंने इसे मैनेज करने के लिए काफी संघर्ष किया। आखिरकार, उनका यह संघर्ष कामयाब रहा और आज उन्हें थायराइड की दवाई लेने की जरूरत नहीं पड़ती। अपने लाइफस्टाइल को सही तरीके से मैनेज करके उन्होंने खुद को हेल्दी और फिट रखा हुआ है। संजय ने कैसे थायराइड की बीमारी को हराया, यह काफी दिलचस्प कहानी है।
पहली बार थायराइड का पता चला
संजय कहते हैं, “मैं हर साल ही अपना शरीर का पूरा चेकअप कराता हूं और साल 2017-2018 में चेकअप के दौरान मुझे थायराइड होने की बात पता चली। उस समय मुझे थायराइड की ज्यादा जानकारी नहीं थी और न ही मुझे कोई ऐसे लक्षण महसूस हो रहे थे, जो थायराइड में अक्सर होते हैं। लेकिन डॉक्टर ने मुझे थायराइड कंट्रोल करने की टैबलेट रोज सुबह लेने की सलाह दी। मैंने हफ्ता भर यह दवाई ली, लेकिन एक अन्य डॉक्टर से सलाह लेने पर मैंने दवाई लेना छोड़ दिया।”
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वजन बढ़ाने में होती थी दिक्कत
संजय ने बताया, “हालांकि मुझे यह बात हमेशा महसूस होती थी कि मैं चाहकर भी अपना वजन नहीं बढ़ा पाता था। मुझे अपना वजन बढ़ाने में बहुत संघर्ष करना पड़ता था, लेकिन मैंने इसे कभी थायराइड के लक्षण के तौर पर नहीं देखा। वजन कम होने के अलावा मुझे कभी कोई परेशानी से नहीं हुई। मैंने साल 2018 से कभी दोबारा थायराइड की दवाई नहीं ली।”
थायराइड ने दोबारा दस्तक दी
संजय ने अपनी इस बीमारी के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा, “साल 2021 के आसपास मैं अपने रिलेशनशिप में काफी स्ट्रगल कर रहा था। उसका स्ट्रेस मेरे जीवन के हर पहलू पर असर डाल रहा था। दिन-रात स्ट्रेस में रहने के कारण मुझे थायराइड फिर से हो गया। इस बार शरीर का ठंडा रहना, सांस लेने में तकलीफ होना और बहुत ज्यादा थकान महसूस (symptoms of thyroid) होने लगी। वजन भी कम हो रहा था। इन लक्षणों के चलते मैंने अपना थायराइड का टेस्ट कराया। मेरा टीएसएच (TSH) 11.6 था, जो सामान्य से काफी ज्यादा था। स्ट्रेस की वजह से थायराइड ट्रिगर हो गया और अब इसे मैनेज करने के लिए मुझे दोबारा दवाई लेने की सलाह दी गई।”
थायराइड की वजह से जिंदगी को दोबारा सोचने का मौका मिला
संजय कहते हैं, “जब डॉक्टर ने थायराइड का कारण स्ट्रेस होना बताया, तो मेरे लिए यह एक शॉक था, क्योंकि मैंने कभी नहीं सोचा था कि काम और रिलेशनशिप का यह स्ट्रेस मुझे इस तरह बीमार कर देगा। इस बीमारी ने मुझे सोचने के लिए मजबूर किया कि मुझे अपने जीवन को स्ट्रेस और थायराइड मुक्त करना है। मैं दवाइयों के सहारे अपनी जिंदगी नहीं बिताना चाहता था। इसलिए मैंने खुद को तैयार किया कि किसी भी हालत में मुझे थायराइड को अपनी जीवन से बाहर करना है।”
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योग और मेडिटेशन ने दी नई दिशा
संजय अपनी थायराइड की इस जर्नी का सबसे महत्वपूर्ण पहलू बताते हुए कहा, “मैंने योग और मेडिटेशन के बारे में पढ़ा और इसे अपने जीवन में अपनाने का फैसला किया। मैं रोजाना योग और ध्यान करने लगा। डॉक्टर ने बताया कि खुद को किसी भी तरह की चिंता से दूर रखो। मुझे ट्रेवलिंग का बहुत शौक है, तो मैंने घूमना-फिरना शुरू किया। योग और मेडिटेशन को मैंने अपनी दिनचर्या का हिस्सा बना लिया। प्राणायाम, उष्ट्रासन और कई तरह के योगासन करने से मेरी स्थिति में सुधार होने लगा। रोजाना मेडिटेशन करने से मुझे स्ट्रेस से आराम मिला। डाइट में सादा घर का पोषक भोजन शुरू कर दिया और जंक फूड बिल्कुल ही बंद कर दिया। इसका नतीजा यह हुआ कि अब मेरा थायराइड सामान्य हो गया है।”
थायराइड से जूझ रहे लोगों के लिए मैसेज
संजय कहते हैं कि लोगों को जब पता चलता है कि उन्हें थायराइड है, तो वह स्ट्रेस में आ जाते हैं। इससे थायराइड और ज्यादा ट्रिगर हो जाता है। दरअसल, लोग अपनी जीवनशैली को कुछ दिन तो सही रखते हैं, लेकिन फिर कुछ दिनों बाद खानपान, कसरत, मेडिटेशन छोड़ देते हैं। इससे थायराइड गंभीर हो सकता है। इसलिए यह समझना जरूरी है कि जीवनभर ही स्वस्थ जीवनशैली को अपनाना होगा। इसके साथ खुश रहना बहुत जरूरी है। योग और मेडिटेशन सीखते-सीखते आज संजय राणा सर्टिफाइड योगा ट्रेनर बनकर लोगों को इसकी ट्रेनिंग देते हैं।