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Condom से जुड़े इन 5 मिथ्स पर करते हैं ज्यादातर लोग यकीन, Dr. Cuterus से जानें इनकी सच्चाई

Facts About Condoms: कई लोग सेक्सुअल रिलेशनशिप के दौरान कंडोम का यूज करने से बचते हैं,क्योंकि वे कंडोम से जुड़ी ऐसी बातों पर यकीन करते हैं, तो पूरी तरह झूठ हैं। इस लेख में हम आपको कंडोम से जुड़े कुछ मिथक और फैक्ट्स के बारे में बता रहे हैं।
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Condom से जुड़े इन 5 मिथ्स पर करते हैं ज्यादातर लोग यकीन, Dr. Cuterus से जानें इनकी सच्चाई

Condom Myths: हमारे यहां ज्यादातर लोग आज भी सेक्स से जुड़ी पर्याप्त जानकारी नहीं रखते हैं। ध्यान रखें कि जब सेक्सुअल रिलेशनशिप, असुरक्षित यौन संबंध और कंडोम से जुड़ी बातों के बारे में नहीं जानते हैं, तो ऐसे में एचआईवी, एसटीडी, एसटीआई जैसी कई गंभीर बीमारियों और संक्रमण का रिस्क बढ़ जाता है। विशेषकर, महिलाओं को असमय प्रेग्नेंसी का भी सामना करना पड़ सकता है। बहरहाल, इस लेख में हम आपको कंडोम से जुड़ी कुछ ऐसी बातें बता रहे हैं, जिन्हें लोग सच मानते हैं। जबकि, उनका सच्चाई से कोई संबंध नहीं है। Dr. Tanaya Narendra, इंडियन सेक्सुअल हेल्थ एजुकेटर, एंब्रेयोलॉजिस्ट एंड साइंटिस्ट, जिन्हें हम डॉ. क्यूट्रस के नाम से भी जानते हैं, उन्होंने खुद OMH के साथ एक एक्सलूसिव वीडियो में इन फैक्ट्स का खुलासा किया है। कंडोम से जुड़े मिथ्स-फैक्ट्स के बारे में जानने के इस लेख को जरूर पढ़ें।


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मिथकः लिंग का साइज बड़ा होने के कारण कंडोम फिट नहीं होता है।

फैक्टः डॉ. क्यूट्रस स्पष्ट कहती हैं कि कंडोम का साइज इतना बड़ा होता है कि लोगों ने उन्हें अपने पैरों में पहनकर भी दिखाया है। इसका मतलब है कि कंडोम पुरुषों के लिंग को पूरी तरह कवर कर सकता है। हां, इसके बावजूद अगर किसी को लगे कि उनका लिंग का आकार कंडोम के साइज से बड़ा है, तो उन्हें अपने लिए अपने साइज का कंडोम ही खरीदना चाहिए। बाजार में हर साइज के कंडोम मिलते हैं। कभी भी गलती से भी अपने शेप और साइज से बड़ा कंडोम न पहनें। ढीले साइज का कंडोम पहनने से आपको प्रॉपर प्रोटेक्शन नहीं मिल पाएगी। इनके फ्रिक्शन के दौरान फटने या खुलने का रिस्क बना रहता है।

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मिथकः फ्लेवर्ड कंडोम माहौल को बेहतर बनाने के लिए होते हैं।

फैक्टः यह पूरी तरह गलत है कि फ्लेवर्ड कंडोम सेक्सुअल माहौल को बेहतर बनाते हैं। फ्लेवर्ड कंडोम ओरल सेक्स के लिए बनाए गए हैं। जी, हां! आपने सही पढ़ा। ओरल सेक्स के दौरान भी हम सभी कंडोम का यूज करना चाहिए। आपको यह भी बता दें कि काला-खट्टा या बबलगम या किसी भी तरह के फ्लेवर वाले कंडोम का उपयोग पेनिट्रेशन यानी इंटरकोर्स के लिए नहीं किया जाना चाहिए। सवाल है, ऐसा क्यों? ऐसा इसलिए, क्योंकि फ्लेवर्ड कंडोम में शुगर और फ्लेवर्ड कंटेंट होते हैं, जो कि योनि में नहीं जाने चाहिए। इससे वजाइना में इरिटेशन और इंफेक्शन का रिस्क बढ़ जाता है। कुल मिलाकर, कहने की बात ये है कि वजाइनल सेक्स के लिए नॉन-फ्लेवर्ड कंडोम का उपयोग करें, वहीं ओरल सेक्स के लिए फ्लेवर्ड कंडोम यूज कर सकते हैं। इसमें जो लुब्रिकेंट होता है, वह घातक नहीं है और मुंह में जाने पर किसी तरह का नुकसान भी नहीं होता है।

मिथकः कंडोम पूरी तरह इफेक्टिव नहीं होते हैं।

सच्चाईः डॉ. क्यूट्रस कहती हैं कि कंडोम पूरी तरह इफेक्टिव होते हैं। हां, अगर आप इसे कायदे से इस्तेमाल नहीं करेंगे, तो इसका प्रभाव कम नजर आ सकता है। जैसे कई लोग कंडोम को अपनी जेब में या गाड़ी की डैशबोर्ड में रख देते हैं। ध्यान रखें कि गर्म तापमान कंडोम को डिसइंटीग्रेट कर देता है। फ्रिक्शन के दौरान ऐसे कंडोम में छोटे-छोटे छेद हो सकते हैं, जहां से वीर्य आसानी से निकल सकता है। इसलिए, हमेशा कंडोम को ठंडी जगहों पर रखें। इसके अलावा, कंडोम को लंबे समय तक स्टॉक में रखना भी सही नहीं है। कंडोम की एक्सपायरी डेट होती है। एक्सपायर्ड कंडोम यूज करना सेफ्टी को कॉम्प्रोमाइज करना होता है।

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मिथकः इजैकुलेशन के ठीक पहले कंडोम पहनने से सेफ्टी बनी रहती है।

सच्चाईः सेक्सुअल एक्ट की शुरुआत से ही कंडोम पहना जाना चाहिए। डॉ. क्यूट्रस बताती हैं कि कपल्स के जेनिटल्स एक-दूसरे को छूने से पहले से ही कंडोम पहन लेना चाहिए। यहां तक कि इसे अपने फोर प्ले का पार्ट बनाना ज्यादा अच्छा होता है। कंडोम न सिर्फ आपकी सेक्सुअल एक्टिवटी को ज्यादा रोमांचक बना सकता है, बल्कि कंडोम अधिक प्रभावशाल तरीके से काम भी करता है।

मिथकः कंडोम रखने की जिम्मेदारी सिर्फ पुरुषों की है?

सच्चाईः कंडोम कैरी करना किसकी जिम्मेदारी है, यह सवाल अपने आप में गलत है। ऐसा इसलिए कहा जा रहा है, क्योंकि कंडोम पुरुष और महिला दोनों की सेफ्टी को सुनिश्चित करता है। जिस तरह सीट बेल्ट पहनना या हेलमेट लगाने से सबकी सेफ्टी बनी रहती है, उसी तरह कंडोम को कोई भी कैरी करे, लेकिन सुरक्षा दोनों पार्टनर्स को मिलती है। इस लिहाज से देखा जाए, तो कंडोम कोई भी कैरी कर सकता है।

निष्कर्ष

निश्चित रूप से बेहतर यौन संबंध कई तरह के फायदों को सुनिश्चित करता है। इससे मूड बेहतर होता है, हैप्पी हार्मोंस रिलीज होते हैं और ओवर ऑल हेल्थ पर इसका अच्छा असर पड़ता है। हां, अगर आप अपनी सेफ्टी का ध्यान नहीं रखते हैं और प्रॉपर तरीके से कंडोम यूज नहीं करते हैं, तो इसकी वजह से कई गंभीर बीमारियां हो सकती हैं। यहां तक कि एचआइवी/एड्स जैसी लाइलाज बीमारियां भी अपनी चपेट में ले सकती हैं। अपनी सेफ्टी बनाए रखनी है, तो कंडो को सही तरह यूज करें और इससे संबंधित सभी मिथकों की सच्चाई जानें। यह कपल्स के बेहतर रिश्ते के लिए भी जरूरी है।

All Image Credit: Freepik

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  • Dec 04, 2025 13:17 IST

    Published By : Meera Tagore

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