महिलाओं और पुरुषों के कंडोम में होता है थोड़ा अंतर, जानें बर्थ कंट्रोल के लिए कौन है ज्यादा भरोसेमंद

यौन संबंध हर इंसान की जरूरत है। यौन संबंध बनाते समय यह बात ध्यान में रखनी जरूरी होती है कि यह सुरक्षित हो, ताकि पार्टनर को किसी तरह की परेशानी न हो।
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महिलाओं और पुरुषों के कंडोम में होता है थोड़ा अंतर, जानें बर्थ कंट्रोल के लिए कौन है ज्यादा भरोसेमंद

फिजिकल रिलेशन यानी की यौन संबंध हर इंसान की प्राकृतिक जरूरत है। आज के दौर में शारीरिक संबंध बनाते समय ज्यादातर लोग कंडोम का इस्तेमाल करते हैं। गर्भधारण के लिए कंडोम काफी सुरक्षित माना जाता है। कंडोम के फायदों को देखकर ही आजकल सिर्फ सिंगल लोग ही नहीं बल्कि शादीशुदा कपल्स भी इसका इस्तेमाल कर रहे हैं। क्योंकि 90 के दशक की तुलना में आजकल के शादीशुदा जोड़े तुरंत बच्चा नहीं चाहते हैं। आजकल लोग एक बच्चा घर में आए इसके लिए पूरी प्लानिंग करते हैं। पहले कंडोम के बारे में खुलकर बात नहीं की जाती थी, लेकिन आज के दौर में इसके बारे में बात करना बहुत ही सामान्य है। सिर्फ पुरुष ही नहीं बल्कि महिलाएं भी कंडोम के इस्तेमाल को तवज्जो देते हैं। यही कारण है कि आज बाजार में सिर्फ मेल कंडोम नहीं बल्कि वुमन कंडोम भी बिकने लगे हैं।

यौन संबंध के दौरान महिला कंडोम का इस्तेमाल करना काफी सेफ माना जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि मेल कंडोम और फीमेल कंडोम में क्या अंतर होता है और गर्भधारण के लिए दोनों में से कौन सा ज्यादा सुरक्षित है?

क्या है फीमेल कंडोम? (What is female condom?)

आधुनिक दौर में भी ज्यादातर लोगों को यह बात नहीं पता है कि बाजार में अब फीमेल कंडोम भी बिकने लगे हैं। फीमेल कंडोम लुब्रिकेटेड पाउच होता है। यौन संबंध के दौरान इसे योनि के अंदर डाला जाता है, ताकि अनचाहे गर्भ से बचा जा सके। इसके अलावा फीमेल कंडोम महिलाओं की योनि में होने वाले संक्रमण, खुजली जैसी समस्याओं से भी बचाता है। लेकिन कई महिलाओं को कंडोम लगाने में परेशानी होती है, इस स्थिति में वो वजाइना की ऊपरी स्तर पर तेल या पानी का इस्तेमाल कर सकती हैं। इससे कंडोम वजाइना में आराम से चला जाएगा। इसे भी पढ़ेंः क्या सेक्स के बाद पेशाब करना फायदेमंद हैं? क्या ये प्रेगनेंसी रोकने में मददगार है? जानें एक्सपर्ट की राय

महिला और पुरुष कंडोम में क्या है अंतर? (difference between female and male condom)

जब बात महिला और पुरुष कंडोम में अंतर की आती है तो ज्यादातर लोगों को यह एक जैसे ही लगते हैं। पुरुष कंडोम को बनाने के लिए लेटेक्स, पॉलीयुरेथेन, पॉलीआईसोप्रेन बनाया जाता है। यौन संबंध के दौरान पुरुष कंडोम को पेनिस में तब पहना जाता है जब पेनिस में इरेक्शन होने लगे। पुरुष कंडोम में स्पर्म इकट्ठा हो जाते हैं और 90 प्रतिशत मामलों में यह महिलाओं के अंडाशय से नहीं मिल पाते हैं। वहीं, फीमेल कंडोम को पॉलीयुरेथेन या नाइट्रेट से बनाया जाता है। यौन संबंध के दौरान इसको पहनने से महिलाओं की योनि की रक्षा होती है। फीमेल कंडोम एक पाउच की तरह होता है, जो अनचाहे गर्भधारण से बचाता है। पुरुष कंडोम की एक खास बात यह है कि यह कई साइज और फ्लेवर में बाजार में मौजूद है, लेकिन फीमेल कंडोम में ऐसा नहीं है। फीमेल कंडोम एक ही साइज और फ्लेवर का मिलता है। आज पुरुष कंडोम आसानी से देश के किसी भी मेडिकल स्टोर पर मिल जाते हैं। यह काफी सस्ते होते हैं। अगर बात महिला कंडोम की करें तो यह हर मेडिकल स्टोर पर अब भी उपलब्ध नहीं है। सभी मेडिकल स्टोर पर उपलब्ध न होने और इसका प्रचार कम होने के कारण भी हर महिला को फीमेल कंडोम के बारे में जानकारी नहीं है। पुरुष कंडोम के मुकाबले महिला कंडोम काफी महंगे होते हैं।

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महिला या पुरुष कंडोम कौन सा है सुरक्षित (Which is safer female or male condom?)

जब बात आती है तो कंडोम की तो आज भी देश की महिलाएं बाजार में खुलेआम इसे खरीदने में शर्माती हैं या झिझकती हैं। ऐसे में पुरुष साथी ही इसका इस्तेमाल करते हैं। कई रिसर्च में यह बात सामने आ चुकी है कि पुरुष कंडोम 90 से 95 फीसदी तक गर्भधारण को रोक सकते हैं। मेल कंडोम में वॉटर लुब्रिकेंट पाया जाता है जो यौन संबंधों के दौरान स्पर्म को महिलाओं की योनि में जाने से रोकता है। वहीं, फीमेल कंडोम 95 फीसदी तक सेफ माने जाते हैं। फीमेल कंडोम का इस्तेमाल, पुरुष कंडोम के मुकाबले थोड़ा सा मुश्किल होता है। अनचाहे गर्भ से बचने के लिए फीमेल कंडोम को ज्यादा बेहतर माना जाता है। 

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