
After Delivery Care For Mother: यह बात तो हर कोई कहता है कि प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं को पर्याप्त रेस्ट करना चाहिए, ताकि गर्भ में पल रहे शिशु का विकास सही तरह से हो। साथ ही, प्रेग्नेंट महिला का स्वास्थ्य भी बेहतर हो। इसी तरह, महिला को डिलीवरी के बाद भी रेस्ट करना चाहिए। लेकिन इन दिनों न्यूक्लियर फैमिली का कल्चर अधिक देखने को मिलता है। इसी वजह से कई महिलाओं को डिलीवरी के बाद प्रॉपर रेस्ट नहीं मिलता है। क्या आप जानते हैं कि अगर महिलाओं को डिलीवरी के बाद प्रॉपर रेस्ट नहीं मिलता है, तो इससे उनके शरीर पर क्या असर पड़ता है? आइए, Mumma's Blessing IVF और वृंदावन स्थित Birthing Paradise की Medical Director and IVF Specialist डॉ. शोभा गुप्ता से जानते हैं इस लेख में।
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डिलीवरी के बाद रेस्ट न करने के नुकसान
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थकान का बढ़ना
अगर महिलाएं डिलीवरी के बाद प्रॉपर रेस्ट नहीं करती हैं, तो वे थकान और कमजोरी से भर जाती हैं। आपको बता दें कि डिलीवरी के दौरान महिलाओं का शरीर काफी एक्जॉस्टेड हो जाता है। ऐसे में अगर वे रेस्ट नहीं करेगी, तो यह थकान और कमजोरी क्रॉनिक हो सकती है। ऐसे में महिलाओं की इम्यूनिटी भी सही तरह से काम नहीं करती है, जिसकी वजह से वे बार-बार बीमार पड़ सकती हैं।
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रिकवरी में देरी
डिलीवरी के बाद रेस्ट इसलिए भी जरूरी है, ताकि महिलाएं सही तरह से रिकवरी कर सकें। ध्यान रखें कि रेस्ट नहीं करने से शरीर की हीलिंग पॉवर कमजोर हो जाती है। ऐसे में टांकों की रिकवरी नहीं होती है और एक समय बाद वहां इंफेक्शन होने का रिस्क भी बढ़ जाता है। विशेषकर, जिन महिलाओं की सी-सेक्शन डिलीवरी हुई है, उन्हें रेस्ट करने में जरा भी लापरवाही नहीं करनी चाहए।
जटिलताओं का रिस्क
क्या आप जानते हैं कि अगर डिलीवरी के बाद महिलाएं रेस्ट नहीं करती हैं, तो शरीर वैसा रेस्पॉन्ड नहीं करता है, जैसे उसे करना चाहिए। कहने का मतलब है कि डिलीवरी के बाद महिलाओं में मिल्क डक्ट सही तरह से काम करते हैं, ताकि शिशु को पर्याप्त दूध मिल सके। वहीं, अगर महिलाएं रेस्ट नहीं करती हैं, तो उन्हें दूध का उत्पादन कम हो सकता है, जो कि शिशु की सेहत के लिए सही नहीं है। यहां तक कि इंफेक्शन का जोखिम बढ़ सकता है, जिसकी रिकवरी भी धीमी हो सकती है।
पोस्टपार्टम लक्षणों में बढ़ोत्तरी
आपने सुना होगा कि कई महिलाओं को डिलीवरी के बाद पोस्टपार्टम डिप्रेशन होने लगता है। असल में, डिलीवरी के बाद महिलाओं को फिजिकल, इमोशनल और मेंटल स्ट्रेस काफी ज्यादा हो जाता है। ऐसे में अगर सही तरह से रिकवरी न हो, तो पोस्पार्टम डिप्रेशन या इससे संबंधित समस्याएं लंबे समय तक रह सकती हैं। महिलाओं के लिए यह कंडीशन बहुत खराब हो सकती है। यह कंडीशन कहीं न कहीं उनकी शिशु के लिए भी हानिकारक है।
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डिलीवरी के बाद कैसे करें रेस्ट?
डिलीवरी के बाद रेस्ट करना बहुत जरूरी है। इसके लिए यहां बताए गए टिप्स को जरूर फॉलो करें-
- एनसीबीआई के मुताबिक, जिन महिलाओं को जेस्टेशनल डायबिटीज था, उन्हें पर्याप्त रेस्ट करना चाहिए। साथ ही डाइट और एक्सरसाइज पर भी ध्यान देना चाहिए।
- कम से कम शुरुआती 2 से 3 सप्ताह त अच्छी तरह रेस्ट करें। जब भी बच्चा सो रहा है, तो आप भी नींद लें।
- डिलीवरी के तुरंत बाद आप भारी सामान बिल्कुल न उठाएं।
निष्कर्ष
कुल मिलाकर, कहने की बात ये है कि डिलीवरी के बाद महिलाओं को प्रॉपर रेस्ट की बहुत ज्यादा जरूरत होती है। अगर ऐसा नहीं होता है, तो इससे उनकी रिकवरी धीमी हो जाती है, मिल्क प्रोडक्शन कम होने लगता है और महिलाएं पोस्पार्टम डिप्रेशन का शिकार हो सकती हैं। ऐसा न हो, इसके लिए आवश्कय है कि डिलीवरी के बाद महिलाओं को अपने रिश्तेदारों का पूरा सपोर्ट मिले, डॉक्टर की देखरेख में रिकवरी हो और रेस्ट करने का समय भी मिले। जब डिलीवरी के बाद महिलाओं की रिकवरी सही होती है, तो इससे मां और शिशु का बॉन्ड स्ट्रॉन्ग होने लगता है।
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Dec 02, 2025 17:01 IST
Modified By : Meera TagoreDec 02, 2025 17:01 IST
Published By : Meera Tagore