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Can Lack Of Sleep Affect Pregnancy: प्रेग्नेंसी में हर महिला को प्रॉपर रेस्ट करना चाहिए। विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि प्रॉपर रेस्ट करने से गर्भ में पल रहे शिशु का विकास बेहतर तरीके से होता है और रेस्ट करने से महिला के शरीर में हो रहे हार्मोनल बदलाव को पूरा सपोर्ट मिलता है। वहीं, अगर कोई महिला प्रॉपर रेस्ट नहीं करती है, तो उन्हें भारी नुकसान उठाने पड़ते हैं। ऐसे में महिला के मन में यह सवाल उठ सकता है कि रेस्ट न करने पर क्या-क्या नुकसान हो सकते हैं? इस बारे में जानने के लिए हमने Mumma's Blessing IVF और वृंदावन स्थित Birthing Paradise की Medical Director and IVF Specialist डॉ. शोभा गुप्ता से बात की। जवाब जानने के लिए आप पूरा लेख पढ़ें।
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प्रेग्नेंसी में रेस्ट न करने के नुकसान- What Are The Side Effects Of Insufficient Rest In Pregnancy
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जेस्टेशनल डायबिटीज का रिस्क
अगर प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाएं प्रॉपर रेस्ट नहीं करती हैं, तो इसकी वजह से उन्हें जेस्टेशनल डायबिटीज होने का रिस्क बढ़ जाता है। बता दें कि प्रेग्नेंसी में मधुमेह होने को जेस्टेशनल डायबिटीज कहा जाता है। यह एक गंभीर कंडीशन है। इसे मैनेज किया जाना बहुत जरूरी है। अगर प्रेग्नेंसी में ब्लड शुगर का स्तर सही नहीं रहता है, तो डिलीवरी में कॉम्प्लीकेशंस आ सकती हैं। यहां तक कि गर्भ में पल रहे शिशु पर भी इसका नकारात्मक असर पड़ता है।
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डिलीवरी पेन का बढ़ना
अगर महिलाएं प्रेग्नेंसी के दौरान अच्छी तरह रेस्ट नहीं करती हैं, तो इसकी वजह से उन्हें डिलीवरी में पेन अधिक होता है। एनसीबीआई की रिपोर्ट से यह साबित होता है, जो प्रेगनेंसी में रेस्ट नहीं करने की वजह से लेबर पेन बढ़ जाता है और यह दर्द लंबे समय तक बना रहता है। कई बार यह दर्द इतना थका देने वाला होता है कि महिलाओं के लिए यह असहनीय हो जाता है। विशेषज्ञ बताते हैं कि जब गर्भवती महिलाएं रेस्ट नहीं करती हैं, तो इसकी वजह से शरीर थकान और कमजोरी से भर जाता है। ऐसी कंडीशन लेबर पेन का बढ़ना स्वाभाविक हो जाता है।
सिजेरियन डिलीवरी का रिस्क
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आपने अक्सर बड़े-बुजुर्गों को कहते सुना होगा कि प्रेग्नेंसी में शारीरिक काम करते रहना चाहिए। इससे नॉर्मल डिलीवरी की संभावना बढ़ती है। इस बात में सौ फीसदी सच्चाई है। दरअसल, रेस्ट नहीं करने की वजह से बॉडी में इंफ्लेमेशन यानी सूजन बढ़ जाती है। साथ ही, अच्छी नींद न लेने की वजह से महिलाओं को एंग्जाइटी होने लगती है, जो सिजेरियन डिलीवरी के जोखिम को बढ़ा सकती है।
हाई ब्लड प्रेशर का रिस्क
अगर महिलाए प्रेग्नेंसी के दौरान पर्याप्त रेस्ट नहीं करती है, तो ऐसे में उन्हें हाई ब्लड प्रेशर यानी प्रीक्लैंप्सिया का रिस्क बढ़ जाता है। दरअसल, इन दोनों का आपस में गहरा कनेक्शन है। विशेषज्ञ समझाते हैं कि अच्छी नींद नहीं लेने की वजह से नेचुरल प्रेशर सही तरह से रेगुलेट नहीं होता है, जिससे स्ट्रेस हार्मोन का स्तर बढ़ जाता है। ऐसे में शरीर में सूजन हो जाती है, जो कि हाई ब्लड प्रेशर और प्रीक्लैंप्सिया को ट्रिगर कर सकता है।
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प्रेग्नेंसी में रेस्ट न करने का गर्भ में पल रहे शिशु पर असर
- प्री-टर्म बर्थ का रिस्क बढ़ जाता है।
- जन्म के समय शिशु का वजन कम होता है।
- बच्चे का विकास धीमी गति से होता है।
- शिशु में न्यूरोडेवेलपमेंटल समस्याएं हो सकती हैं।
- जन्म के बाद से ही शिशु की इम्यूनिटी कमजोर हो सकती है।
निष्कर्ष
प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं को प्रॉपर रेस्ट करना चाहिए। न बहुत ज्यादा काम करना और न ही बहुत ज्यादा आराम करना चाहिए। दोनों ही स्थितियां महिला और गर्भ में पल रहे शिशु के खिलाफ जा सकती है। खैर, प्रेग्नेंसी में अगर आप अक्सर थकान और कमजोरी से घिरी रहती हैं, तो इससे पता चलता है कि आपको पूरा आराम नहीं मिल रहा है। आप ऐसा न करें। इसका खतरनाक फल शिशु को उठाना पड़ता है।
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Current Version
Nov 27, 2025 17:30 IST
Published By : Meera Tagore