बहुत से लोग एक्सरसाइज करने के साथ अपने खानपान का तो ध्यान रखते हैं, लेकिन वे न्यूट्रिशन से जुड़े मिथ्स को कई बार सच मान लेते हैं। न्यूट्रिशन को लेकर अभी भी लोगों के मन में बहुत सी गलत धारणाएं बनी हुई हैं। आमतौर पर लोग सोशल मीडिया पर इंफ्लुएंसर्स को फॉलो करके इन बातों में आ जाते हैं। अगर आप भी इन मिथ्स पर भरोसा करते हैं तो यह लेख आप ही के लिए है। आइये फिटनेस कोच और न्यूट्रिशन एक्सपर्ट डॉ. विधि चावला से जानते हैं न्यूट्रिशन से जुड़े कुछ फैक्ट के बारे में।
डिटॉक्स ड्रिंक से बॉडी साफ होती है
लोगों में अक्सर यह धारणा रहती है कि डिटॉक्स ड्रिंक पीने से बॉडी में से सभी गंदे पदार्थ निकल जाते हैं और बॉडी बिलकुल साफ हो जाती है। हालांकि, ऐसा कोई वैज्ञानिक प्रमाण अभी तक सामने नहीं आया है, जिससे इस बात का भरोसा किया जा सके। बॉडी को डिटॉक्स करने के लिए आपकी किडनी और लिवर सुचारू रूप से काम करते हैं।
कुछ खाद्य पदार्ध मेटाबलिज्म बढ़ाते हैं
लोगों में अक्सर यह धारणा रहती है कि कुछ फूड्स, सब्जियां या फिर नट्स आदि खाने से मेटाबॉलिज्म की प्रक्रिया तेज होती है। हां, कुछ अच्छे फल और सब्जियों से आपके मेटाबॉलिज्म में सुधार हो सकता है, लेकिन बहुत से मामलों में मेटाबॉलिज्म मसल मास, जेनेटिक्स और उम्र पर भी निर्भर करता है।
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लो फैट फूड्स हेल्दी होते हैं
यह कहना भी पूरी तरीके से ठीक नहीं है कि लो फैट फूड्स सेहत के लिए हेल्दी होते हैं। ऐसे बहुत से फैट फ्री फूड्स होते हैं, जिनमें फैट की मात्रा तो क म होती है, लेकिन एक्स्ट्रा शुगर और दूसरे हानिकारक इंग्रीडिएंट्स भी मिलाए जाते हैं। इसलिए खाने की लेबलिंग देखकर ही उसका सेवन करें।
फल खाना ठीक नहीं होता
बहुत से लोग यह मानते हैं कि फलों में शुगर होती है, इसलिए उसे खाना अनहेल्दी होता है और इससे डायबिटीज हो सकती है। जबकि ऐसा बिलकुल नहीं है, इसमें नैचुरल शुगर होती है, जो ब्लड शुगर लेवल को बढ़ने से रोकती है।
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ग्लूटेन फ्री मतलब हेल्दी
कुछ लोग मानते हैं कि ग्लूटेन फ्री चीजें खाना सेहत के लिए अच्छा होता है। कई ग्लूटेन फ्री खाद्य पदार्थ ऐसे भी होते हैं, जिनमें शुगर, फैट्स और कैलोरी की मात्रा काफी ज्यादा होती है। इन्हें खाने से सेहत को नुकसान पहुंच सकता है।