HMPV and Pneumonia: ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस भारत में भी दस्तक दे चुका है। अब तक भारत में इसके आठ मामले देखे जा चुके हैं। एचएमपीवी के बढ़ते खतरे को देखते हुए कई राज्यों में भी अलर्ट जारी कर दिया गया है। यह वायरस फेफड़ों और वायु मार्ग को प्रभावित करता है। इसके शुरुआती लक्षणों में खांसी, बुखार और नाक बंद होना और घबघराहट होना शामिल है। अगर समय रहते इस पर ध्यान न दिया जाए, तो यह सांस लेने में तकलीफ होने की वजह बन सकता है। हेल्थ एक्सपर्ट के मुताबिक इसकी खोज 2001 में पहली बार की गई थी। यह वायरस कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों को जल्दी प्रभावित करता है। इसके लक्षण निमोनिया के लक्षणों जैसे होते हैं। लेकिन क्या एचएमपीवी निमोनिया होने की वजह बन सकता है? इस बारे में जानने के लिए हमने बात कि फरीदाबाद से अमृता हॉस्पिटल से पल्मोनरी मेडिसिन के सीनीयर कंसल्टेंट डॉ. प्रदीप बजाड़ से। आइए लेख में एक्सपर्ट से जानें इस बारे में।
क्या HMPV निमोनिया होने की वजह बन सकता है? Can HMPV Cause Pneumonia
ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस के कारण बुखार, गला खराब, जुकाम, खांसी, बदन दर्द और सांस लेने में परेशानी होती हैं जो इंफ्लूएंजा या माइल्ड कोविड में होने वाली समस्याओं की तरह हैं। इसके कारण रेस्पिरेटरी सिस्टम पर बुरा असर पड़ता है। रेस्पिरेटरी सिस्टम में इंफेक्शन फैलने के कारण यह निमोनिया होने की वजह बन सकता है। समस्या बढ़ने पर ऐसे में व्यक्ति को अस्पताल या आईसीयू में जाने की जरूरत हो सकती है। कुछ मामलों में यह जान लेने की वजह भी बन सकता है। एक्सपर्ट के मुताबिक पांच साल से कम उम्र के बच्चे, बुजुर्ग लोग और कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों को इसका खतरा ज्यादा हो सकता है।
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जानें क्या है निमोनिया और एचएमपीवी में क्या संबंध है?
एक्सपर्ट के मुताबिक निमोनिया और एचएमपीवी में होने वाली समस्याएं काफी समान है। इस वायरस के कारण शरीर की इम्यूनिटी बहुत ज्यादा कमजोर हो जाती है। इसके कारण रेस्पिरेटरी सिस्टम से जुड़ी समस्याओं का खतरा भी बढ़ जाता है। यह समस्या किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकती है लेकिन बच्चों को इसका खतरा ज्यादा है। अगर समय रहते इस पर ध्यान न दिया जाए, तो यह गंभीर समस्या में बदल सकता है। इसलिए सावधानियां बरतने के साथ इम्यूनिटी पर काम करना जरूरी है।
ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस कैसे फैल सकता है?
हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक यह वायरस ड्राप्लेट इंफेक्शन से फैलता है, जो हवा में मौजूद होता है। यह संक्रमित व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति को जल्दी हो सकता है। कोविड की तरह ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस भी संपर्क में आने, टच होने, दरवाजे टच होने या संक्रमित चीज को छूने से भी हो सकता है। लेकिन अगर साफ-सफाई का ध्यान रखा जाए और इम्यूनिटी पर काम किया जाए, तो इसके खतरे को कम किया जा सकता है।
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ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस एक वायरल इंफेक्शन है, जो निमोनिया की वजह भी बन सकता है। इससे बचने के लिए इम्यूनिटी बूस्ट करना बहुत जरूरी है। खासकर बच्चों और बुजुर्गों को इसके खतरे से बचाना बहुत जरूरी है। फिलहाल, एचएमपीवी के बचने के लिए हेल्थ एक्सपर्ट ने किसी वैक्सीन की जानकारी नहीं दी है। इसका पता गला और रेस्पिरेटरी ऑर्गन के चेकअप के बाद ही लगाया जा सकता है। इसलिए इसके इंफेक्श से बचने के लिए सावधानी बरतना ही एकमात्र विकल्प है।