Can HMPV Affect Pregnancy In Hindi: कुछ दिनों से एचएमपीवी यानी ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस को लेकर लोगों के मन में अलग किस्म का डर बैठा हुआ है। सबको लग रहा है कि यह गंभीर बीमारी है, जिसका कोई इलाज नहीं है। यह बीमारी किसी को भी हो सकती है। हालांकि, विशेषज्ञों ने स्पष्ट किया है कि पांच साल से छोटे बच्चे और 65 साल से अधिक उम्र के लोगों को एचएमपीवी (HMPV) होने का जोखिम रहता है। इसके अलावा, जिनकी इम्यूनिटी कमजोर हैं या किसी गंभीर बीमारी की चपेट में हैं, उन्हें भी एचएमपीवी हो सकता है। ऐसे में गर्भवती महिलाओं के मन में भी यह डर बैठ सकता है कि उनके गर्भ में पल रहे शिशु को एचएमपीवी किस तरह प्रभावित कर सकती है? इसके अलावा, क्या गर्भवती महिलाएं भी एचएमपीवी की चपेट में आसानी से आ सकती हैं? आइए, इनके जवाब हम वृंदावन और नई दिल्ली स्थित मदर्स लैप आईवीएफ सेंटर की चिकित्सा निदेशक, स्त्री रोग और आईवीएफ विशेषज्ञ डॉ. शोभा गुप्ता से जानते हैं।
क्या एचएमपीवी प्रेग्नेंसी को प्रभावित कर सकता है?- Can HMPV Affect Pregnancy In Hindi
जिस तरह की किसी भी तरह की रेस्पिरेटी समस्याएं होने का रिस्क प्रेग्नेंट महिलाओं को हमेशा ज्यादा होता है। ऐसा ही एचएमपीवी (HMPV) के लिए भी कहा जा सकता है। असल में, प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं की इम्यूनिटी कमजोर हो जाती है। ऐसे में उन्हें अपनी सेहत को लेकर अतिरिक्त सतर्कता बरतने की जरूरत होती है। इतना ही नहीं, अगर प्रेग्नेंसी में महिला को एचएमपीवी (Human Metapneumovirus) होता है, तो इसका बुरा प्रभाव गर्भ में पल रहे शिशु पर भी हो सकता है। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन की मानें, "गर्भावस्था में एचएमपीवी होने के कारण जेस्टेशनल एज यानी गर्भकालीन आयु के हिसाब से छोटे शिशु को जन्म देने का जोखिम बढ़ जाता है।" आपको यह भी बता दें की अब तक पर्याप्त एविडेंस न होने के कारण, महिलाओं को सभी जरूरी सावधानी बरतनी चाहिए।
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एचएमपीवी प्रेग्नेंसी को कैसे प्रभावित करता है?- How Does HMPV Affect Pregnancy In Hindi
- एचएमपीवी के होने के कारण प्रेग्नेंसी के दौरान महिला को रेस्पिरेटरी प्रॉब्लम हो जाती है। इस तरह की समस्या मां और शिशु दोनों के स्वास्थ्य के लिए सही नहीं होती है।
- प्रेग्नेंसी के दौरान एचएमपीवी (Human Metapneumovirus) होने पर मां को सांस लेने में दिक्कत हो जाती है। ऐसे में बच्चे तक पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं पहुंचता है, जिससे उसमें पोषक तत्वों की भी कमी हो सकती है।
- एचएमपीवी के कारण जन्म के समय बच्चे का वजन कम या उसकी हाइट सामान्य और हेल्दी बच्चों की तुलना में छोटी हो सकती है।
- अगर समय रहते प्रेग्नेंसी के दौरान एचएमपीवी का इलाज न किया जाए, तो यह निमोनिया जैसी गंभीर बीमारी का रूप ले सकता है। आपको बता दें कि निमोनिया एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है, जिसकी वजह से प्रीटर्म डिलीवरी, प्रसव के समय शिशु का वजन कम होना और शिशु को भी संक्रमण का रिस्क होना जैसी कई समस्याएं हो सकती हैं।
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गर्भवती महिलाएं एचएमपीवी से कैसे बचें- HMPV Prevention Tips For Pregnant Women In Hindi
- एचएमपीवी से बचने के लिए गर्भवती महिलाएं हाइजीन का पूरा ध्यान रखें।
- किसी भी चीज को छूने के तुरंत बाद अपने चेहरे और आंखों को न छुएं।
- एचएमपीवी से बचाव के लिए हाथों को नॉन-एल्कोहॉलिक बेस्ड सैनिटाइजर से सैनिटाइज करें।
- अगर एचएमपीवी के लक्षण नजर आएं, तो घर से बाहर जाने से बचें।
- जब भी भीड़ भरे इलाके में जाएं, तो हमेशा मास्क पहनें।
- जितने भी जरूरी वैक्सींस हैं, अवश्य लगाएं। इससे सामान्य कोल्ड कफ और एचएमपीवी से बचाव में भी मदद मिलेगी।
- एचएमपीवी के लक्षण नजर आते ही गर्भवती महिलाओं को तुरंत डॉक्टर से संपर्क कर अपनी जाचं करवानी चाहिए।
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