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फेफड़ों पर अटैक करता है HMPV वायरस, डॉक्‍टर से समझें लंग्‍स पर इसके प्रभाव और जानें जरूरी सावधानियां

HMPV वायरस फेफड़ों की कोशिकाओं को संक्रमित कर सांस नली में सूजन, बलगम और इंफेक्‍शन पैदा करता है, जिससे सांस लेने में कठिनाई और बुखार हो सकता है।
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फेफड़ों पर अटैक करता है HMPV वायरस, डॉक्‍टर से समझें लंग्‍स पर इसके प्रभाव और जानें जरूरी सावधानियां


Can HMPV Affect Lungs: कर्नाटक में ह्यूमन मेटान्यूमो वायरस (HMPV) वायरस के दो मामलों के सामने आए हैं। इसे लेकर भारत में सभी राज्यों ने दिशानिर्देश जारी किए हैं। HMPV एक आम सांस का वायरस है। यह आमतौर पर हल्के सर्दी-जैसे लक्षण पैदा करता है। अध्ययनों से पता चलता है कि यह 1970 के दशक से मानव आबादी में फैला हुआ है, लेक‍िन इसे वैज्ञानिकों ने पहली बार 2001 में पहचाना था। यह वायरस दुनिया भर में 4 से 16 प्रत‍िशत तीव्र श्वसन संक्रमणों के लिए जिम्मेदार है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि ये दो मामले भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) के देश भर में सांस की बीमारियों पर नजर रखने और उन् कंट्रोल करने के प्रयासों के तहत सामने आए हैं। HMPV (Human Metapneumovirus) एक वायरल संक्रमण है जो मुख्य रूप से फेफड़ों और श्वसन प्रणाली पर प्रभाव डालता है। यह वायरस बच्चों, बुजुर्गों और कमजोर इम्यूनिटी वाले व्यक्तियों के लिए ज्‍यादा खतरनाक हो सकता है। इस लेख में हम समझेंगे कि यह फेफड़ों को कैसे प्रभावित करता है और इससे बचने के लिए कौन सी सावधानियां जरूरी हैं। इस व‍िषय पर बेहतर जानकारी के ल‍िए हमने लखनऊ के संजय गांधी पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में हॉस्‍प‍िटल मैनेजमेंट के एचओडी डॉ राजेश हर्षवर्धन से बात की।

HMPV वायरस फेफड़ों को कैसे करता है प्रभावित?- How HMPV Virus Affect Lungs

HMPV-effects-on-lungs

HMPV वायरस मुख्य रूप से श्वसन प्रणाली पर अटैक करता है और लंग्‍स से जुड़ी इन समस्याओं का कारण बन सकता है-

1. श्वसन नली में सूजन- Inflammation in Respiratory Tract

यह वायरस श्वसन नली में सूजन पैदा करता है, जिससे सांस लेने में कठिनाई होती है। यह समस्या उन लोगों में ज्‍यादा गंभीर हो सकती है, जो पहले से अस्थमा या अन्य श्वसन संबंधी समस्याओं से पीड़ित हैं। सूजन के कारण गले में जलन और खांसी भी हो सकती है। सही इलाज न मिलने पर यह सूजन लंबे समय तक बनी रह सकती है और फेफड़ों की कार्यक्षमता को प्रभावित कर सकती है।

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2. फेफड़ों में बलगम जमा होना- Mucus Accumulation in Lungs

HMPV संक्रमण के दौरान फेफड़ों में बलगम बनने लगता है, जिससे ऑक्सीजन सप्‍लाई बाधित होता है। यह बलगम वायुमार्ग को ब्‍लॉक कर देता है, जिससे ऑक्सीजन और कार्बन डाइऑक्साइड के प्रोसेस में बाधा होती है। इससे सांस लेने में कठिनाई बढ़ जाती है और मरीज को थकान महसूस होती है। अगर यह बलगम साफ नहीं किया गया, तो यह निमोनिया जैसे गंभीर इंफेक्‍शन का कारण बन सकता है। भाप लेना और हाइड्रेटेड रहना बलगम को कम करने में मदद कर सकता है।

3. ब्रोंकियोलाइटिस और निमोनिया- Bronchiolitis and Pneumonia

यह वायरस ब्रोंकियोलाइटिस (ब्रॉन्कियल नलियों में सूजन) और निमोनिया का कारण बन सकता है, खासकर बच्चों और बुजुर्गों में।
ब्रोंकियोलाइटिस में ब्रॉन्कियल ट्यूब्स में सूजन और बलगम का जमाव होता है, जिससे ऑक्‍सीजन सप्‍लाई बाधित होता है। निमोनिया तब होता है जब फेफड़ों में इंफेक्‍शन फैल जाता है, जिससे फेफड़ों की छोटी वायु थैलियां तरल पदार्थ या मवाद से भर जाती हैं। इन बीमारियों के लक्षणों में तेज बुखार, खांसी, सीने में दर्द और सांस लेने में कठिनाई शामिल हैं। जल्दी इलाज से इन समस्याओं से बचा जा सकता है।

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4. अस्थमा और सीओपीडी रोगियों के लिए खतरा- Risk for Asthma and COPD Patients

जिन लोगों को अस्थमा या सीओपीडी (Chronic Obstructive Pulmonary Disease) है, उनके लक्षण HMPV वायरस से और ज्‍यादा गंभीर हो सकते हैं। अस्थमा के मरीजों में यह संक्रमण ब्रॉन्कियल ट्यूब्स को ब्‍लॉक कर सकता है, जिससे सांस लेने में मुश्‍क‍िल हो सकती है और खांसी के दौरे हो सकते हैं। सीओपीडी के मरीजों को इंफेक्‍शन से बचने के लिए मास्क पहनना, इम्यूनिटी बढ़ाना और डॉक्टर की सलाह पर नियमित दवाओं का सेवन करना जरूरी है।

5. फेफड़ों की क्षमता में कमी- Reduction in Lung Function

एचएमपीवी इंफेक्‍शन होने के बाद, फेफड़ों की सामान्य कार्यक्षमता प्रभावित हो सकती है, जिससे लंबे समय तक थकान और सांस की समस्या हो सकती है। वायरस के कारण फेफड़ों में सूजन, बलगम और वायुमार्ग में रुकावट होती है, जिससे ऑक्सीजन का फ्लो बाधित होता है। लंबे समय तक इंफेक्‍शन रहने से फेफड़ों की कोशिकाओं को नुकसान हो सकता है। इंफेक्‍शन से बचने और फेफड़ों को स्वस्थ रखने के लिए नियमित एक्‍सरसाइज, योग और पौष्टिक आहार लेना जरूरी है।

HMPV वायरस के ऐसे लक्षण जो नजरअंदाज नहीं करने चाहिए- HMPV Virus Serious Symptoms

HMPV इंफेक्‍शन के लक्षण अन्य श्वसन इंफेक्‍शन जैसे फ्लू और सर्दी से मिलते-जुलते हैं-

  • खांसी और बलगम
  • गले में खराश
  • बुखार और ठंड लगना
  • सांस लेने में कठिनाई
  • नाक बंद होना या बहना
  • थकान और कमजोरी
  • गंभीर मामलों में, ऑक्सीजन की कमी के कारण त्वचा का नीला पड़ना
  • अगर ये लक्षण लंबे समय तक बने रहें या गंभीर हो जाएं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

HMPV वायरस से बचने के ल‍िए जरूरी सावधानियां- Precautions to Prevent HMPV Virus

HMPV वायरस से बचने और इसके असर को कम करने के लिए इन उपायों को अपनाएं-

  • नियमित रूप से हाथ धोएं या सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें, खासकर बाहर से आने के बाद।
  • भीड़भाड़ वाली जगहों पर मास्क पहनें, ताकि वायरस के संपर्क से बचा जा सके।
  • जिन लोगों को सर्दी-जुकाम या खांसी है, उनसे दूरी बनाएं।
  • HMPV वायरस से बचने के ल‍िए इम्यूनिटी को मजबूत करें। विटामिन-सी युक्‍त चीजें, हल्दी, अदरक और तुलसी का सेवन करें।
  • संतुलित आहार लें और पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं। यह शरीर को हाइड्रेटेड रखता है और इंफेक्‍शन से लड़ने में मदद करता है।
  • नियमित एक्‍सरसाइज करें, इससे फेफड़ों की क्षमता को बढ़ाने और इंफेक्‍शन से बचाव करने में मदद म‍िलती है।
  • घर के अंदर की हवा को साफ रखें और नियमित रूप से सफाई करें।
  • अगर आप पहले से श्वसन संबंधी समस्या से पीड़ित हैं, तो डॉक्टर से सलाह करें और जरूरी दवाएं लें।

HMPV वायरस एक गंभीर श्वसन संक्रमण का कारण बन सकता है, लेकिन सही सावधानियां और समय पर इलाज से इसे कंट्रोल किया जा सकता है। अगर लक्षण गंभीर हों, तो डॉक्टर से तुरंत संपर्क लें और उनकी सलाह का पालन करें। भारत सरकार ने कहा है कि ह्यूमन मेटान्यूमो वायरस से घबराने जैसी कोई बात नहीं है। गौर करने की बात यह है कि भारत में इस वायरस के दोनों ही मामलों में इंटरनेशनल ट्रैवल की कोई हिस्ट्री नहीं पाई गई है।

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