Signs Of Pregnancy With Twins In Hindi: कंसीव करने के बाद से ही महिलाओं के मन में तरह-तरह के ख्याल आते हैं। जैसे उनका बच्चा स्वस्थ हो और उसका मानसिक-शारीरिक विकास सही हो। इसी तरह, वे यह भी सोचती हैं कि उन्हें बेटा होगा या बेटी और सिंगल होंगे या ट्विंस। खासकर, ट्विंस प्रेग्नेंसी की बात करें, इसको लेकर महिलाएं अक्सर परेशान रहती हैं। ऐसा इसलिए, क्योंकि ट्विंस प्रेग्नेंसी में महिला को अपनी सेहत ज्यादा ध्यान रखना पड़ता है। जरा-सी लापरवाही उनके बच्चे की हेल्थ पर बुरा प्रभाव डाल सकती है। इसके अलावा, ट्विंस प्रेग्नेंसी में डाइट और सही लाइफस्टाइल भी फॉलो करना जरूरी है। सवाल है, यह कैसे जाना कि आपको ट्विंस प्रेग्नेंसी है या नहीं? इस संबंध में यहां हम आपको कुछ संकेतों के बारे में बता रहे हैं। इन्हें जानकर अपनी जर्नी को सहज और सरल बना सकते हैं। इस बारे में जानने के लिए हमने वृंदावन और नई दिल्ली स्थित मदर्स लैप आईवीएफ सेंटर की चिकित्सा निदेशक, स्त्री रोग और आईवीएफ विशेषज्ञ डॉ. शोभा गुप्ता से बात की।
गर्भ में जुड़वां बच्चे होने के क्या संकेत- Signs Of Pregnancy With Twins In Hindi
लक्षणों का अधिक गंभीर होना
प्रेग्नेंसी के दौरान उल्टी, चक्कर आना, जी-मिचलाना जैसी कई समस्याएं होती हैं। लेकिन, जब ट्विंस प्रेग्नेंसी की बात आती है, तो ऐसे में महिला को और भी ज्यादा दिक्कत होने लगती है। उन्हें अधिक उल्टी होती है और सिर घूमने की परेशानी भी अधिक देखी जा सकती है। यही नहीं, उन्हें ज्यादा थकान और कमजोरी भी महसूस होती है। यहां तक कि ब्रेस्ट टेंडरनेस भी बढ़ जाती है। हालांकि, ये सभी समस्याएं प्रेग्नेंसी में होती हैं। लेकिन, गंभीरता को देखते हुए अंदाजा लगाया जा सकता है कि ट्विंस प्रेग्नेंसी है या नहीं।
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लगातार वजन बढ़ना
यह बात हम सभी जानते हैं कि प्रेग्नेंसी में वजन का बढ़ना सामान्य होता है। जैसे-जैसे प्रेग्नेंसी के दिन बढ़ते जाते हैं, वैसे-वैसे महिला का वजन भी बढ़ता जाता है। वजन का बढ़ना नौवें महीने तक जारी रहता है। लेकिन, अगर महिला का दुगनी रफ्तार से वजन बढ़े, तो यह भी ट्विन प्रेग्नेंसी की ओर संकेत करता है। यहां तक कि प्रेग्नेंट महिला का पेट भी तेजी से आगे की ओर बढ़ता है। वहीं, सिंगल प्रेग्नेंसी होने पर पेट बढ़ने में समय लगता है।
बच्चों का मूवमेंट अधिक होना
आमतौर पर 12 सप्ताह बाद गर्भ में शिशु की मूवमेंट शुरू होती है। हालांकि, 12वें सप्ताह में महिला मूवमेंट को महसूस नहीं कर पाती हैं। वहीं, ट्विंस प्रेग्नेंसी होने पर गर्भ में भ्रूण की हलचल मां को पहली बार 18वें सप्ताह में महसूस होता है। वैसे भ्रूण की हलचल और जल्दी भी शुरू हो सकती है। शुरुआती दिनों में यह मूवमेंट बहुत हल्की होती है। धीरे-धीरे भ्रूण की हलचल की गति में बदलाव आ सकता है।
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सीने में जलन होना
प्रेग्नेंसी के दौरान सीने में जलन होना या कुछ बाहर का खाने के कारण पेट संबंधी समस्या होना, सामान्य होता है। लेकिन, ट्विन प्रेग्नेंसी की बात करें, तो उसमें अक्सर महिलाओं को सीने में अधिक जलन महसूस होती है। विशेषज्ञों की मानें, सीने में जलन होना ट्विन प्रेग्नेंसी की ओर इशारा करता है। ऐसा इसलिए, क्योंकि ट्विन प्रेग्नेंसी के कारण महिला के शरीर में हार्मोनल बदलाव अधिक होते हैं।
डॉक्टर की सलाह
सिंगल प्रेग्नेंसी है या ट्विंस प्रेग्नेंसी। यह हर महिला के लिए जानना बहुत जरूरी है। इसलिए, कंसीव करने के तुरंत बाद जरूरी है कि हर महिला अल्ट्रा साउंड और तमाम जरूरी टेस्ट करवाएं। ट्विंस प्रेग्नेंसी के दौरान महिला को न सिर्फ अधिक सावधानी बरतनी होती है, बल्कि अधिक पोषक तत्वों भी आवश्यकता होती है। डॉक्टर ट्विन प्रेग्नेंसी के अनुसार गर्भवती महिला की जांच करते हैं। इसलिए, इस संबंध में कभी भी लापरवाही न करें।