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क्या HMPV जानलेवा हो सकता है? जानें डॉक्टर से

Can HMPV Cause Death In Hindi: एचएमपीवी यानी ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस कई मामलों में खतरनाक साबित हो सकता है। ऐसे में मरीज को अस्पताल में भर्ती करने की नौबत भी आ सकती है।
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क्या HMPV जानलेवा हो सकता है? जानें डॉक्टर से


Can HMPV Cause Death In Hindi: हाल के दिनों में एचएमपीवी को लेकर लोगों के मन में काफी डर बैठा हुआ है। सबके दिल में इसको लेकर कोविड-19 की तरह खौफ हो गया है। सबको लग रहा है कि कहीं यह नया पेनडेमिक न बन जाए। हालांकि, इस बारे में डॉक्टरों का कहना है कि एचएमपीवी कोई नया वायरस नहीं है। यह काफी समय से मौजूद है। इस बीमारी के होने पर कई तरह के लक्षण नजर आते हैं, जैसे खांसी, छींकन, गले में खराश, सीने में दर्द आदि। वैसे तो ये सभी लक्षण फ्लू जैसे सामान्य हैं और एक से दो सप्ताह में अपने आप ठीक हो जाते हैं। इसके बावूजद, लोगों के मन में यह सवाल उठ रहा है कि क्या यह एचएमपीवी जानलेवा है? कहीं इसकी वजह से लोगों की जान तो नहीं चली जाएगी? इस बारे में हमने पुणे स्थित अपोलो स्पेक्ट्रा में आंतरिक चिकित्सा विशेषज्ञ डॉ. सम्राट शाह से बात की।

can HMPV cause death inside

क्या एचएमपीवी जानलेवा है?- Can HMPV Cause Death In Hindi

जैसा कि हमने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि यह कोई गंभीर बीमारी नहीं है। लेकिन, इसका मतलब यह नहीं है कि यह गंभीर रूप नहीं ले सकती है। कई मामलों में, सही ट्रीटमेंट न मिलने के कारण यह ब्रोंकाइटिस और निमोनिया में तब्दील हो सकता है। ऐसे में यह सवाल उठना लाजिमी है कि क्या एचएमपीवी जानलेवा है? इस बारे में डॉक्टर का कहना है, "अगर एक से दो सप्ताह के भीतर एचएमपीवी का इलाज न किया जाए, तो मरीज की कंडीशन सीवियर हो सकती है। इस स्थिति में मरीज को अस्पताल में भर्ती करवाना पड़ सकता है। वहीं, यह जानलेवा भी साबित हो सकता है। हालांकि, इसकी आशंका काफी कम होती है। फिर भी डॉक्टर द्वारा सही ट्रीटमेंट किया जाना आवश्यक है।"

इसे भी पढ़ें: HMPV वायरस कितना खतरनाक है? डॉक्टर से जानें इससे क्या-क्या परेशानियां हो सकती हैं 

एचएमपीवी का इलाज

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एचएमपीवी का अब तक कोई निश्चित इलाज नहीं है। फ्लू की ही तरह इस बीमारी के लिए मरीज को जरूरी सावधानियां बरतनी पड़ती हैं। जहां तक इसके इलाज की बात है, इस संबंध डॉक्टर स्पष्ट करते हैं-

  • ओवर दी काउंटर मेडिकेशन की मदद से एचएमपीवी का इलाज किया जाता है। डॉक्टर मरीज की स्थिति देखते हुए चेस्ट कंजेशन से राहत दिलाने, बॉडी पेन से छुटकारा दिलाने की दवाइयां देते हैं। इससे मरीज की सेहत पर पॉजिटिव असर दिखता है।
  • अगर एचएमपीवी के कारण मरीज को सांस लेने में तकलीफ हो, तो उन्हें इनहेलर दिया जा सकता है। इससे मरीज को इंस्टेंट आराम मिलता है।
  • अगर मरीज एचएमपीवी की वजह से बिल्कुल सांस नहीं ले पा रहा है, बार-बार सांस उखड़ रही है, तो ऐसे में ऑक्सीजन सप्लाई दी जा सकती है। आपको बता दें कि ऐसा रेस्पिरेटरी सिस्टम से जुड़ी परेशानी के कारण होता है। वैसे भी एचएमपीवी अमूमन अपर रेस्पिरेटरी सिस्टम को अधिक प्रभावित करता है।
  • एचएमपीवी होने पर मरीज को पर्याप्त रेस्ट लेने की सलाह दी जाती है। इससे बॉडी का इम्यून सिस्टम वायरस से लड़ने के लिए मजबूत बनता है और बीमारी से लड़ने में मदद मिलती है।

All Image Credit: Freepik

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